केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज के दिन की मीटिंग मे पीएम नरेंद्र मोदी से पीएम विश्वकर्मा स्कीम को स्वीकृति मिल गई है। यह स्कीम नागरिको में पारम्परिक कौशल के लिए वित्तीय सहायता भी देगी। इस स्कीम में निर्धारित शर्तो पर 1 लाख रुपए तक की लोन राशि भी मिलेगी। इस प्रकार से ये योजना 30 लाख शिल्पकारो के परिवार को फायदा पहुँचा रही है।
16 अगस्त के दिन पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की मीटिंग आयोजित हुई। इस मीटिंग में बहुत से बड़े निर्णय लिए गये है। मीटिंग पूरी होने के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि पीएम ई-बस सेवा को भी पीएम से अनुमति मिल गई है। उनके अनुसार इस योजना पर 57,613 करोड़ रुपयों का बजट खर्च होने वाला है। इस प्रकार से देश में लगभग 10 हजार नयी इलेक्ट्रिक बस सड़को पर उतारेगी।
- पीपीपी मॉडल में 10 हजार ई-बसों सहित सिटी बसे संचालित होगी।
- ई-बस सेवा में 169 शहरों में 100 शहरो को चुनौती प्रणाली से चुनना है।
- परियोजना के 57,613 करोड़ बजट में से 20,000 करोड़ केंद्र देगा।
पीएम ई-बस सेवा को अनुमति
मिडिया को जानकारी देते हुए मंत्री अनुराज ठाकुर ने बताया – यह स्कीम 3 लाख से ज्यादा जनसंख्या वाली सिटी को कवर कर रही है। यह स्कीम पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के अंतर्गत 10 हजार ई-बसों सहित सिटी बस का संचालन करेगी। इस योजना में 10 सालों तक बस के संचालन का समर्थन होगा। इस प्रकार से बोली की प्रक्रिया के शुरू होते ही प्राइवेट कंपनियों को अच्छा मौका मिलेगा।
अनुराग ठाकुर के अनुसार इस योजना का बजट 57,613 करोड़ रुपए रहने वाला है जिसमे 20,000 करोड़ रुपए की राशि केंद्र सरकार देगी। इसमें बची हुई धनराशि को प्रदेश सरकार देने वाली है। इस योजना को साल 2037 तक कार्यान्वित किया जायेगा। योजना को उन शहरों में प्राथमिकता मिलेगी जहाँ आधारभूत बस सर्विस ढाँचा नहीं है और इससे सीधे ही 45 से 55 हजार रोज़गार निर्मित होने वाले है।
पर्यावरण को लाभ मिलेगा – केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री ने और अधिक जानकारी दी हुए बताया कि ई-बसों के संचालन होने से देश के कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सकेगा। वैसे दिल्ली, यूपी एवं कर्नाटक सहित विभिन्न प्रदेशों के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस में ई-बसों का संचालन पहले से जारी है। ठाकुर के अनुसार, ग्रीन अर्बन मोबिलिटी इनिशिएटिव के अंतर्गत रैपिड बस परिवहन सहित बाइक शेयरिंग एवं साइकिलिंग लेन का निर्माण भी होगा।
पीएम से विश्वकर्मा योजना को भी अनुमति
मीटिंग के बाद ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी है – पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने आजादी के सम्बोधन में कारीगरों को विश्वकर्मा योजना का लाभ देने की बात कही थी। मंत्रिमंडल ने मीटिंग 13 हजार करोड़ रुपयों की विश्वकर्मा स्कीम को भी स्वीकृति दे दी है।
विश्वकर्मा योजना लाभ 30 लाख परिवारों को मिलेगा
मंत्री अश्विन वैष्णव के आगे जानकारी दी कि इस योजना में शिल्पकारों को 1 लाख रुपए तक की राशि का ऋण 5 फीसदी पर मिलेगा। इस प्रकार से विश्वकर्मा योजना 30 लाख शिल्पकार परिवार को फायदा पहुँचने वाला है। आज भी छोटे नगर-कस्बों में बहुत से वर्ग गुरु-शिष्य परंपरा का पालन करते हुए कौशल के कामो से जुड़े हुए है। इस कामो में लोहार, मछली का जाल बुनना, ताला-चाबी कामगार, मूर्ति निर्माता इत्यादि सम्मिलित है।
15 अगस्त के दिन पीएम मोदी ने लाला किले से अपने राष्ट्रवासियो को दिए सम्बोधन में बहुत सी योजनाओं की घोषणा की थी। इन सभी योजनाओं में से विश्वकर्मा योजना भी थी। पीएम ने विश्वकर्मा योजना की घोषणा करते हुए बताया कि भविष्य की विश्वकर्मा जयन्ती में हम 13 से 15 हजार करोड़ रुपयों से नयी शक्ति देने हेतु ‘विश्वकर्मा योजना’ को शुरू कर रहे है। सरकार इस स्कीम से पारम्परिक कौशल वाले नागरिको को सहायता देगी।