DOPPW ने पेंशनभोगियों के लिए 5 बड़े सुधारों का ऐलान किया, जानिए क्या बदलेगा

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मई 2014 से पेंशन सुधारों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों, और दिव्यांगों के लिए नई नीतियों और तकनीकी उपायों का उपयोग किया गया है, जिससे पेंशनधारकों का जीवन आसान हो गया है।

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Reported by Sheetal

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DOPPW ने पेंशनभोगियों के लिए 5 बड़े सुधारों का ऐलान किया, जानिए क्या बदलेगा
DOPPW announces 5 major reforms for pensioners

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हाल ही में घोषणा की कि मई 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कार्यभार संभालने के बाद से बुजुर्ग नागरिकों, पेंशनधारकों, और विशेष रूप से महिलाओं के लिए पेंशन सुधारों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन सुधारों का उद्देश्य समाज के इन वर्गों के जीवनयापन को आसान बनाना है और इसके लिए टेक्नोलॉजी का व्यापक उपयोग किया गया है।

महिला सशक्तिकरण के प्रयास

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि पेंशन विभाग महिला सशक्तिकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगातार नीतियां बना रहा है। इन नीतियों ने महिलाओं के लिए सम्मानपूर्वक जीवन जीने में मदद की है। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने कई महिला-केंद्रित सुधार किए हैं, जिनमें तलाकशुदा, अविवाहित, और विधवा बेटियों को पारिवारिक पेंशन देने का प्रावधान शामिल है।

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महिला सरकारी कर्मचारियों के लिए नई सुविधाएं

हाल ही में पेंशन नियम 2021 में किए गए संशोधनों के तहत अब महिला सरकारी कर्मचारी अपने पति की जीवित रहते हुए भी अपने बच्चों को फैमिली पेंशन के लिए नॉमिनी बना सकती हैं। यह एक बड़ा कदम है जो महिला सरकारी कर्मचारियों को अधिक सुविधा और सुरक्षा प्रदान करता है।

NPS के तहत नई पेंशन योजनाएं

नई पेंशन योजना (NPS) के अंतर्गत आने वाले लापता कर्मचारियों के परिवार अब FIR दर्ज होने के छह महीने के भीतर पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। पहले यह अवधि सात साल थी। इसके अलावा, जिन सरकारी कर्मचारियों की सात साल की सेवा पूरी करने से पहले मृत्यु हो जाती है, उनके परिवार को पहले 10 वर्षों के लिए अंतिम वेतन के 50 प्रतिशत की दर से पेंशन मिलती है और उसके बाद अंतिम वेतन के 30 प्रतिशत की दर से पारिवारिक पेंशन दी जाती है।

दिव्यांग आश्रितों के लिए आजीवन पेंशन

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि दिव्यांग आश्रितों को आजीवन पेंशन देने का प्रावधान किया गया है। पहले 25 साल की उम्र तक पेंशन मिलती थी, लेकिन अब दिव्यांग बच्चों को लाइफ टाइम पेंशन दी जाएगी।

बैंकों को निर्देश और लाइफ सर्टिफिकेट

पेंशनभोगियों की सुविधा के लिए बैंकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे PPO की मैनुएल कॉपी के बिना ही पेंशन शुरू करें। अब पेंशन फॉर्म भरने की प्रक्रिया को भी सरल बना दिया गया है। जीवन प्रमाण (डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र) की शुरुआत से अब पेंशनभोगी कभी भी और कहीं से भी लाइफ सर्टिफिकेट जमा कर सकते हैं।

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पेंशन अदालत और शिकायत समाधान

पेंशनभोगियों की शिकायतों का निवारण करने के लिए पेंशन अदालतों का आयोजन किया जा रहा है। इन अदालतों में पेंशनधारकों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाता है। वर्ष 2023 में दो पेंशन अदालतों का आयोजन किया गया, जिसमें 603 मामलों में से 440 मामलों का मौके पर ही समाधान किया गया।

डिजिलॉकर और दीर्घायु ऐप

अब पेंशनधारकों के PPO डिजिलॉकर के माध्यम से जारी किए जाते हैं, जिससे PPO खोने या फटने का डर नहीं रहता। इसके अलावा, दीर्घायु ऐप के माध्यम से पेंशनभोगी अपनी सारी जानकारी, पेंशन स्लिप से लेकर फॉर्म-16 तक, आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

टोल फ्री नंबर और CPENGRAMS पोर्टल

पेंशनधारकों के लिए एक टोल फ्री नंबर 14567 की व्यवस्था की गई है, जिस पर पेंशनधारक किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके अलावा, CPENGRAMS पोर्टल के माध्यम से पेंशन में संशोधन या एरियर संबंधित समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

महत्वपूर्ण नियम

अंत में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने पेंशन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण नियमों का उल्लेख किया। इनमें कम्युटेशन कराने के बाद पेंशनभोगी की मृत्यु पर फैमिली पेंशन से रिकवरी न होना, सेवा में रहते हुए कर्मचारी की मृत्यु पर 10 साल तक बढ़ी पेंशन का लाभ, और रिटायर होने के बाद पेंशनभोगी की मृत्यु पर सात साल तक बढ़ी पेंशन का प्रावधान शामिल है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पेंशन सुधारों के ये कदम न केवल पेंशनभोगियों की समस्याओं को दूर करने में मददगार साबित हुए हैं, बल्कि महिलाओं और दिव्यांगों के लिए भी एक नई उम्मीद लेकर आए हैं। समाज के इन वर्गों के लिए किए गए ये सुधार निश्चित रूप से एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

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