भारत सरकार ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-95) में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। अब इस योजना को ‘कर्मचारी पेंशन योजना 2024’ के नाम से जाना जाएगा। इन संशोधनों का उद्देश्य पेंशन योजना को अधिक समावेशी बनाना और कर्मचारियों को अधिक लाभ प्रदान करना है। आइए, इन संशोधनों के प्रमुख बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करें।
6 महीने से कम अंशदायी सेवा वाले कर्मचारियों के लिए लाभ
पहले, कर्मचारी पेंशन योजना के तहत निकासी लाभ प्राप्त करने के लिए कम से कम 6 महीने की अंशदायी सेवा आवश्यक थी। इस कारण, कई कर्मचारी जो 6 महीने से कम अवधि के बाद योजना छोड़ देते थे, वे निकासी लाभ से वंचित रह जाते थे। अब, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि 6 महीने से कम अंशदायी सेवा वाले कर्मचारी भी निकासी लाभ के पात्र होंगे। इस संशोधन से प्रत्येक वर्ष लगभग 7 लाख ऐसे सदस्यों को लाभ मिलेगा, जो 6 महीने से कम अंशदायी सेवा के बाद योजना छोड़ देते हैं।
1. तालिका डी में संशोधन
केंद्र सरकार ने तालिका डी को संशोधित किया है, जिससे निकासी लाभ की गणना सेवा के वर्षों के बजाय सेवा के पूर्ण महीनों के आधार पर की जाएगी। संशोधित तालिका डी के अनुसार, निकासी लाभ की राशि सदस्य द्वारा दी गई सेवा के पूर्ण महीनों की संख्या और उस वेतन पर निर्भर करेगी, जिस पर कर्मचारी पेंशन योजना का अंशदान प्राप्त हुआ था।
2. सेवा के वर्षों के बजाय पूर्ण महीनों का आधार
पहले, निकासी लाभ की गणना सेवा के वर्षों के आधार पर की जाती थी। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी ने 2 वर्ष और 5 महीने की अंशदायी सेवा की है, तो केवल 2 वर्ष की सेवा की गणना होती थी और 5 महीने की सेवा को नजरअंदाज कर दिया जाता था। अब, संशोधित तालिका डी के अनुसार, सेवा के पूर्ण महीनों को भी निकासी लाभ की गणना में शामिल किया जाएगा। इससे उन सदस्यों को अधिक लाभ मिलेगा, जिनकी सेवा अवधि कम है लेकिन उन्होंने नियमित रूप से योगदान दिया है।
3. अधिसूचना की तारीख के बाद सभी मामलों पर लागू
संशोधित तालिका डी योजना के पैरा 6ए के अनुसार, सेवा छोड़ने की तारीख के बावजूद अधिसूचना की तारीख के बाद निपटाए गए सभी निकासी लाभ मामलों पर लागू होगी। यह नियम 14.06.2024 से प्रभावी होगा। इसका मतलब है कि 14.06.2024 के बाद किए गए सभी निकासी लाभ दावे नए नियमों के तहत निपटाए जाएंगे।
4. 58 वर्ष की आयु से पहले के मामलों में अपवाद
केवल वे मामले अपवाद होंगे जहां सदस्य ने 14.06.2024 से पहले 58 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली हो। ऐसे मामलों में, क्योंकि 58 वर्ष की आयु पूरी करने की तारीख यानी योजना से बाहर निकलने की तारीख अधिसूचना की तारीख से पहले है, इसलिए इनके लिए गणना पूर्ववर्ती टेबल डी के आधार पर जारी रहेगी।
5. संशोधित तालिका डी का महत्व
संशोधित तालिका डी के उपयोग से उन सदस्यों को लाभ होगा जिनकी सेवा अवधि कम है लेकिन उन्होंने नियमित रूप से योगदान दिया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि उन्हें उनके योगदान के आधार पर उचित निकासी लाभ मिले। उदाहरण के लिए, 2 वर्ष और 5 महीने की अंशदायी सेवा और 15,000/- प्रति माह वेतन के बाद निकासी लाभ लेने वाला सदस्य पहले 29,850/- रुपये की निकासी लाभ का हकदार था। अब उसे 36,000/- रुपये का निकासी लाभ प्राप्त होगा।
6. सदस्यों के हितों की सुरक्षा
इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य उन सदस्यों के हितों की रक्षा करना है जो अल्पकालिक सेवा के बाद भी योजना में योगदान देते रहे हैं। इससे उनके भविष्य के वित्तीय सुरक्षा में मदद मिलेगी। यह कदम कर्मचारियों के हितों की रक्षा और उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
अब दूर हुई परेशानी
इस संशोधन से पहले निकासी लाभ की गणना पूर्ण वर्षों के आधार पर की जाती थी, जिसके कारण 6 महीने से कम अवधि के लिए योगदान करने वाले सदस्यों को कोई लाभ नहीं मिलता था। इससे कई दावों के खारिज होने और शिकायतों का कारण बनता था। अब, 6 महीने से कम अंशदायी सेवा वाले सदस्य भी निकासी लाभ के पात्र होंगे, जिससे योजना में शामिल सभी सदस्यों को अधिक समावेशी और न्यायसंगत लाभ मिलेगा।