Tax भरने के लिए आया है Notice तो क्या करें, कैसे दें इनकम टैक्स विभाग को जवाब जानिए

आयकर विभाग की तरफ से कई कारणों से नोटिस भेजा जा सकता है। यदि आपके पास भी इनकम टैक्स एपार्टमेंट की तरफ से नोटिस आया है तो हो सकता है अपने आईटीआर भरते समय कोई गलती कर दी हो जिसके वजह से आपके टैक्स कैलकुलेशन में गलती हुई हो।

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Reported by Pankaj Yadav

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Tax भरने के लिए आया है Notice तो क्या करें, कैसे दें इनकम टैक्स विभाग को जवाब जानिए

असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए आईटीआर फाइल किये जा चुके है और इनकी प्रोसेसिंग चल रही है। ऐसे में जिन भी लोगो के आईटीआर में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी मिल रही है उनको नोटिस भेज रही है। फाइल किये गए आईटीआर में गड़बड़ी मिलने पर Income Tax Department की तरफ से हजारो टैक्सपेयर को नोटिस भेजे गए है। यदि आपके पास भी Tax भरने के लिए Notice आया है। तो आज हम आपको बतायेगे इनकम टैक्स विभाग को जवाब कैसे दे :-

यह भी जाने :- आईटीआर (ITR) क्या होता है ? ITR कौन फाइल कर सकता है, जानें

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Tax भरने के लिए आया है Notice तो क्या करें,

यदि आपने भी  Form 16 और Form 26AS स्टेटमेंट में दिखने वाले आकड़ो के अनुसार अधिक टैक्स डिडक्शन क्लेम किया है तो आपको भी टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से टैक्स नोटिस आ सकता है। जब कुछ लोग कुछ ज्यादा ही Tax Deduction क्लेम कर देते है लेकिन जब आयकर विभाग द्वारा इनकी जाँच की जाती है तो आईटीआर मिसमैच हो जाती है। जब टैक्स डिडक्शन ठीक नहीं होता है तो विभाग की तरफ से लोगो को अतिरिक्त टैक्स की मांग के लिए नोटिस भेजा जाता है।

कैसे दें इनकम टैक्स विभाग को जवाब जानिए

आयकर विभाग की तरफ से कई कारणों से नोटिस भेजा जा सकता है। यदि आपके पास भी इनकम टैक्स एपार्टमेंट की तरफ से नोटिस आया है तो हो सकता है अपने आईटीआर भरते समय कोई गलती कर दी हो जिसके वजह से आपके टैक्स कैलकुलेशन में गलती हुई हो। नोटिस आने के बाद आपको नोटिस का रिव्यु करना चाहिए और सभी जानकारी और कैलकुलेशन चेक करनी चाहिए। यदि टैक्स डिपार्टमेंट की अतिरिक्त टैक्स की मांग सही है तो आपको टैक्स भरना होगा लेकिन अगर टैक्स डिपार्टमेंट की मांग गलत है तो आप सेक्शन 154(1) के तहत आईटीआर रिप्रोसेसिंग या एप्लीकेशन रेक्टिफिकेशन का आवेदन कर सकते है।

क्यों भेजा जाता है नोटिस

जब ITR वेरीफाई हो जाता है तो उसके बार टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से उसकी प्रोसेसिंग शुरू की जाती है। जिसके तहत सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट अपनी प्राथमिक जांच में ITR को अपने रिकॉर्ड से Form 16, Form 26AS, AIS, TIS आदि का इस्तेमाल करते हुए वैलिडेट करता है। आईटीआर प्रोसेस हो जाने के बाद यदि कोई आईटीआर मिसमैच होता है या टैक्स रिफंड होता है तो आयकर विभाग की ओर से सेक्शन 143(1) के तहत लोगो को नोटिस जारी किया जाता है और अतितिक्त टैक्स की डिमांड की जाती है।

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