मरने के बाद भी 72 घटे तक जिंदा रहता है शरीर के ये अंग: मनुष्य की जब मृत्यु होती है तो मृत्यु होने के बाद शरीर में कितने ही ऐसे अंग होते है जो कुछ घंटों के लिए जीवित रहते है जिन्हें निकालकर दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रत्यरोपित किया जा सकता है।
जब भी किसी व्यक्ति की मौत होती है तो उसके बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया जाता है परन्तु कई ऐसे लोग होते है जो मृत्यु होने से पहले अपने अंगों का दान कर देते है कि उनकी मृत्यु होने के बाद उनके ये अंग निकाल कर किसी अन्य मरीज पर प्रत्यारोपित किए जा सकते है।
मरने के बाद जिन्दा रहते है शरीर के कुछ अंग
जब व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसकी बॉडी के कई अंग ऐसे होते है कि वे भी उसी वक्त कार्य करना बंद कर देते है तो कई ऐसे अंग होते जो 72 घंटों तक भी जीवित रह सकते है। बात करें तो कई अंग उसी समय मर जाते है क्योंकि शरीर की ह्रदय की जो धड़कन होती है वह बंद होने के कारण हमारे दिमाग तक आक्सीजन को नहीं पहुंचा पाती है जिससे अन्य अंग कुछ समय में काम करना बंद कर देते है।
आँखे कितनी देर तक रहती है जिन्दा?
जो भी व्यक्ति आँखें दान करते है उनके मरने के बाद operation द्वारा उनकी आँखों को निकालकर जरूरतमंद लोगों को दान कर दिया जाता है। व्यक्ति की मृत्यु के 6 घंटों के भीतर ही आँखें निकाल दी जाती है। इसके पश्चात आँखों को आई बैंक में सुरक्षित रख दिया जाता है और जिन लोगों को इस अंग की आवश्यकता होती है उनपर इस अंग को ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है। अर्थात किसी भी मनुष्य की आँखें 6 से 8 घंटों का जीवित रह सकती है।
सबसे ज्यादा देर तक जीवित रहते है ये अंग
हम शरीर के उन अंगों के बारे में बताने जा रहे है जो सबसे अधिक देर तक जीवित रहते है इसमें सबसे पहले तो स्किन तथा हड्डियां आती है जो करीबन 5 वर्ष तक जीवित रह सकती है, इसके अलावा हमारे हार्ट वॉल्व को भी लगभग 10 वर्ष तक जीवित रखा जा सकता है। आप डोनेट लाइफ संस्था की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते है यह एक अंगदान करने वाली संस्था है।
किन अंगों का ट्रांसप्लांट हो सकता है?
अभी तक हमने आपको आँखों के बारे में बताया कि इस अंग को भी दूसरे व्यक्ति पर प्रत्यारोपित कर सकते है परन्तु इसके अलावा मृत्यु के पश्चात शरीर से लीवर, किडनी तथा हार्ट को भी प्रत्यारोपित किया जा सकता है। जब व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो इन अंगों की जो कोशिकाएं होती है वह कुछ समय के लिए जीवित रहती है और कार्य करती रहती है तथा मृत्यु होने के कुछ घंटों में इन्हें निकालकर सुरक्षित रख देते है और जरूरतमंद मरीज पर ट्रांसप्लांट कर दिए जाते है। वही बात करें ह्रदय (heart) की तो इसे मृत्यु के लगभग 4 से 6 घंटों के भीतर निकाल कर दूसरे मरीज को लगाया जाता है। शरीर से लीवर को 8 से 12 घंटे तथा किडनी को 72 तक निकाला जा सकता है।