बद्रीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय के नेतृत्व में निर्णयों का दमदार समर्थन मिल रहा है, लेकिन इसके साथ ही मठाधीशों में भी उथल-पुथल मच गई है। उन्होंने बीकेटीसी की कार्यप्रणाली में बदलाव की शुरुआत की है और पारदर्शिता से काम करने का दावा किया है। इसके परिणामस्वरूप, अध्यक्ष के फैसलों का समर्थन करने वाले सदस्यों के बावजूद, विरोधी दल मठाधीश अब विरोध करने का बहाना ढूंढ़ रहे हैं।
पारदर्शिता के साथ काम करेंगे
अजेंद्र अजय ने पारदर्शिता के साथ काम करने का संकल्प लिया है और इसके लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने वित्त अधिकारी का पद सृजित करने का निर्णय लिया है ताकि वित्तीय पारदर्शिता कायम की जा सके। उन्होंने दान चढ़ावे की गिनती के लिए पारदर्शी ग्लास हॉउस का निर्माण करवाया है, जिससे दानकर्ताओं को सही जानकारी मिल सके।
अध्यक्ष के नेतृत्व में बदलाव का सामर्थ्यपूर्ण समर्थन
अजेंद्र अजय के नेतृत्व में बीकेटीसी में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कर्मचारियों और अधिकारियों के ट्रांसफर सिस्टम को सुधारा है और कर्मचारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं। वे कार्मिकों की मांगों को सुन रहे हैं और उनके वेतन में वृद्धि के लिए कई उपायों का सुझाव देते हैं।
कार्मिकों की सेवा नियमावली का अंतिम चरण
बीकेटीसी में कार्मिकों की सेवा नियमावली के अंतिम चरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसका उद्देश्य कार्मिकों के लिए स्पष्टता और संबंधित नियमों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है ताकि उन्हें अपनी सेवाओं के अधिकार और कर्मचारी कानून के पालन की स्पष्ट जानकारी हो।
बीकेटीसी के उद्धारण के प्रयास
अजेंद्र अजय ने बीकेटीसी को उद्धारण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने सुरक्षा संवर्ग को तैयार करने की पहल भी की है, जिससे मंदिरों की आंतरिक सुरक्षा को मजबूती से संरक्षित किया जा सकेगा। इस समय कार्मिकों की सेवा नियमावली के फाइनल चरण में होना बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनके अधिकारों और कर्मचारी कानून के पालन को सुनिश्चित करेगा। अजेंद्र अजय के नेतृत्व में इस प्रक्रिया को पूरा करने का प्रयास करना महत्वपूर्ण है।
अवैध नियुक्तियों पर रोक लगाना भी आवश्यक है ताकि मंदिर समिति के कार्मिकों की सेवा में सुविधा हो सके और अवैध नियुक्तियों के विरुद्ध कदम उठाया जा सके।अजेंद्र अजय के प्रयासों के तहत मंदिरों के विकास, सुरक्षा, और आंतरिक सुरक्षा के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स शुरू किए गए हैं, और यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि ये सम्पूर्ण तरीके से पूर्ण हों।
उनके कार्यकाल में केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है, और ऐसे और भी कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं जो केदारनाथ और बद्रीनाथ धामों के विकास और सौंदर्यीकरण को बढ़ावा देंगी, चल रही हैं।अजेंद्र अजय का संकल्प उनके प्राधिकृत कार्यों के साथ सामर्थ्यपूर्ण नेतृत्व की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, और यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि बीकेटीसी मंदिर समिति के कार्यकाल में सुधार और परिवर्धन हों।