गुजरात के सांसद मितेश पटेल ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री श्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर EPS-95 पेन्शनभोगियों की आर्थिक समस्याओं पर ध्यान देने और उनकी मासिक पेंशन को 7,500 रुपये + महंगाई भत्ता (DA) करने की सिफारिश की है। यह मुद्दा लंबे समय से पेन्शनभोगियों की प्रमुख मांगों में शामिल रहा है, और इस पत्र के माध्यम से इसे फिर से उजागर किया गया है।
क्या लिखा है पत्र में?
मितेश पटेल ने अपने पत्र में लिखा है कि गुजरात के लगभग 1.5 मिलियन पेन्शनभोगियों की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। ये पेन्शनभोगी कई वर्षों तक विभिन्न सरकारी कार्यालयों में समर्पित सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं। वर्तमान में, EPS-95 के तहत इन्हें 300 रुपये से 2,500 रुपये प्रति माह की पेंशन मिल रही है, जो वर्तमान महंगाई के दौर में उनकी बुनियादी आवश्यकताओं को भी पूरा करने में असमर्थ है।
पेन्शनभोगियों की मांगें
- पेंशन में वृद्धि: पेन्शनभोगी मासिक पेंशन को 7,500 रुपये किए जाने की मांग कर रहे हैं।
- महंगाई भत्ता (DA): इसके साथ ही, वे DA और चिकित्सा भत्ता जैसी अन्य सुविधाएं भी चाहते हैं।
- स्वास्थ्य सुविधाएं: वृद्धावस्था में आने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए, पेन्शनभोगियों को उचित चिकित्सा सुविधाओं और भत्तों की आवश्यकता है।
EPS-95 पेन्शनभोगियों की आर्थिक कठिनाई
वर्तमान पेंशन राशि से इन पेन्शनभोगियों की बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं। मौजूदा महंगाई के दौर में 300 रुपये से 2,500 रुपये प्रति माह की पेंशन से दवाइयाँ, खाने-पीने की वस्तुएँ, और अन्य आवश्यक खर्चे नहीं उठाए जा सकते। इससे इन वरिष्ठ नागरिकों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उनके लिए घर का किराया, बिजली का बिल, और अन्य घरेलू खर्च भी मुश्किल हो गए हैं।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
अधिकांश पेन्शनभोगी वृद्धावस्था में विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए उन्हें उचित चिकित्सा सुविधाओं और भत्तों की आवश्यकता है। वर्तमान पेंशन राशि उनके चिकित्सा खर्चों को कवर करने में असमर्थ है, जिससे उनकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। कई पेन्शनभोगियों को दवाइयों और नियमित स्वास्थ्य जांच की जरूरत होती है, जो वे अपनी वर्तमान पेंशन से नहीं करवा पा रहे हैं।
सामाजिक और मानसिक प्रभाव
आर्थिक तंगी और स्वास्थ्य समस्याओं के कारण इन पेन्शनभोगियों के जीवन पर सामाजिक और मानसिक प्रभाव भी पड़ रहा है। वे अपने परिवार और समाज में खुद को बोझ महसूस करने लगे हैं। आत्मसम्मान और मानसिक शांति की कमी उनके जीवन की गुणवत्ता को और भी गिरा रही है।
पारिवारिक कठिनाइयाँ
कई पेन्शनभोगी अपने परिवार की आर्थिक मदद नहीं कर पा रहे हैं, जिससे परिवार के अन्य सदस्यों पर भी वित्तीय बोझ बढ़ रहा है। बच्चों की शिक्षा, शादी-ब्याह और अन्य पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने में ये पेन्शनभोगी असमर्थ हो रहे हैं। इसके कारण परिवारों में तनाव और कलह की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
समाज में योगदान
ये पेन्शनभोगी समाज के सम्मानित नागरिक हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान समाज और राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज उनके पास संसाधनों की कमी के कारण वे समाज में सक्रिय भूमिका निभाने में असमर्थ हैं। अगर उनकी पेंशन राशि बढ़ाई जाती है तो वे पुनः समाज में योगदान देने के लिए सक्षम हो सकते हैं।
सरकार से अपेक्षाएं
गुजरात के इन वरिष्ठ नागरिकों ने अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय सरकार की सेवा में व्यतीत किया है। अब समय आ गया है कि सरकार उनकी इस सेवा का सम्मान करे और उनकी आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाए। पेंशन राशि को बढ़ाकर 7,500 रुपये करना, महंगाई भत्ता और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है ताकि इन पेंशनभोगियों का जीवन सम्मानपूर्वक बीते।
आपकी संवेदनशीलता की अपेक्षा
मितेश पटेल ने लिखा है कि मैं आपसे विनम्र अनुरोध करता हूँ कि इन वरिष्ठ नागरिकों की इस लंबे समय से चली आ रही मांग को संज्ञान में लेकर उनकी आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए उचित कार्रवाई करें। आपकी संवेदनशीलता और त्वरित कार्यवाही इन पेंशनभोगियों के जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है। अत: बजट में इनके पेन्शन को लेकर घोषणा की जाए।
EPS-95 पेन्शनभोगियों की पेंशन में वृद्धि और DA की मांग न केवल उनके आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को हल करेगी, बल्कि उनके सामाजिक और मानसिक स्थिति को भी बेहतर बनाएगी। यह समय है कि सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से ले और तत्काल कदम उठाए। यह उनके सम्मान और समाज में योगदान का सही मुआवजा होगा।