
EPF Calculation: प्राइवेट जॉब वाले कर्मचारियों लिए एम्प्लॉयड प्रोविडेंट फण्ड (EPF) एक रिटायटमैंट बेनिफिट स्कीम है। ईपीएफ अकाउंट में कर्मचारी और कंपनी दोनों का ही कंट्रीब्यूशन होता है। यह कंट्रीब्यूशन बेसिक सैलरी और महंगाई का 12-12 % होता है। सरकार की तरफ से हर वर्ष EPF की ब्याज दरे तय की जाती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा ईपीएफ अकाउंट का प्रबंधन किया जाता है। ईपीएफ (EPF) एक ऐसा खाता है, जिसमें रियायरमेंट तक धीरे-धीरे बड़ा कोष बनता है। इसमें कंपाउंडिंग ऑफ इंटरेस्ट का जबरदस्त फायदा होता भी होता है। आर्गनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले अधिकतर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सदस्य है। EPFO करोड़ो खाताधारकों के खातों को मैनेज करता है।
₹10,000 बेसिक सैलरी, 30 साल उम्र, जानें रिटायरमेंट पर कितने लाख के बनेंगे मालिक
मान लीजिए आपकी बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस (महंगाई भत्ता) मिलाकर आपकी सैलरी 10,000 रूपए है, और आपकी उम्र 30 वर्ष है और आप 58 वर्ष की उम्र तक काम करते हो यानी आप 28 वर्ष तक किसी कंपनी के लिए काम करते हो तो आप रिटायरमेंट पर 67.32 लाख रूपए के मालिक बन जाओगे, जिसमे हर साल 10% सालाना सैलरी इन्क्रीमेंट शामिल है। चलिए समझते है EPF की कैलकुलेशन किस प्रकार की जाती है :-
- बेसिक सैलरी + डियरनेस अलाउंस (DA) = 10,000/- रूपए
- शुरुआती उम्र = 30 वर्ष
- रिटायरमेंट उम्र – 58 वर्ष
- इम्प्लॉई मासिक कंट्रीब्यूशन = 12% ( 1200 रूपए)
- एम्प्लॉयर मंथली कंट्रीब्यूशन(EPF) = 3.67 % (367 रूपए)
- एम्प्लॉयर मंथली कंट्रीब्यूशन(EPS) = 8.33%
- EPF ब्याज दर = 8.15% (हर साल सर्कार द्वारा तय की जाती है )
- सालाना सैलरी इन्क्रीमेंट = 10%
58 साल की उम्र में मैच्योरिटी फंड= 67.32 लाख
(इम्प्लॉई कंट्रीब्यूशन 21.40 लाख, एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन 6.54 लाख रुपये रहा. कुछ कंट्रीब्यूशन 27.94 लाख रुपये रहा.)
इस तरह देखा जाये तो पहले साल 10,000 रुपये बेसिक सैलरी वाले इम्प्लॉई के EPF अकाउंट में कुल मंथली कंट्रीब्यूशन 1567 रुपये (1200+367 रुपये) होगा। इसके बाद सालाना आधार पर सैलरी में 10 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ उसी अनुपात में बेसिक और डियरनेस अलाउंस में बढ़ोतरी होगी। जिसके साथ-साथ ईपीएफ कंट्रीब्यूशन बढ़ता जाएगा। जिन इम्प्लॉई की बेसिक सैलरी 15,000 रुपये से कम है उनके लिए इस स्कीम से जुड़ना अनिवार्य और लाभकारी है।
कैसे की जाती है EPF Calculation
PF अकाउंट में हर महीने जमा पैसे यानी मंथली रनिंग बैलेंस के आधार पर ब्याज की कैलकुलेशन ( PF Interest calculation ) की जाती है ,लेकिन इसे साल के आखिर में जमा किया जाता है। EPFO के नियमों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की आखिरी तारीख को बैलेंस राशि में से सालभर में अगर कोई राशि निकाली गई है, तो उसे घटाकर 12 महीने का ब्याज निकाला जाता है। ईपीएफओ हमेशा खाते का ओपनिंग और क्लोजिंग बैलेंस लेता है। इसका आकलन करने के लिए मासिक रनिंग बैलेंस को जोड़ा जाता है और ब्याज के रेट/1200 से गुणा कर दिया जाता है।
(यहां EPF Calculation का फंड अनुमानित है। ब्याज दर में बदलाव, रिटायमेंट की उम्र कम होने या औसत हर सालाना सैलरी ग्रोथ में बदलाव से आंकड़े बदल सकते हैं और ईपीएफ योजना (EPF Scheme) में अधिकतम योगदान 58 वर्ष तक ही किया जा सकता है )
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