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Aditya L1 Mission: सूर्य की और जा रहा है आदित्य L1 क्या आपको पता पृथ्वी से सूर्य की दूरी कितनी है? Aditya L1 को पहुँचने में कितना समय लगेगा यहाँ जाने

भारतीय देशवासियों के महान वैज्ञानिकों चंद्रयान -3 की सफल लेंडिंग के बाद सूरज पर जाने का सोच लिया है। इसरो ने चंद्रयान -3 के बाद Aditya L1 Mission शुरू कर दिया है। जो की आज कल काफी चर्चा में चल रहा है। हर व्यक्ति को उस दिन का इंतजार है जब पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर सूरज का अध्ययन जायेगा। देश के वैज्ञानिकों ने Aditya L1 लॉन्च किया है। जिसे सूरज तक पहुंचने में 125 दिन का वक़्त लग सकता है।

Aditya L1 Mission: सूर्य की और जा रहा है आदित्य L1 क्या आपको पता पृथ्वी से सूर्य की दूरी कितनी है? Aditya L1 को पहुँचने में कितना समय लगेगा यहाँ जाने
Aditya L1 Mission

Aditya L1 Mission:

चन्द्रमा पर जाने के बाद इसरो के प्रमुख एस. सोमनाथ और उनकी टीम ने पुरे पृथ्वी के बीच मौजूद L1 पॉइंट पर पहुंचने का निर्णय किया है। यदि यह भी सफल हो जाता है तो सभी देशवासियों के लिए बहुत ही गर्व की बात होगी। भारत का यह पहला सौर मिशन है जो पृथ्वी के बीच स्थित L1 पॉइंट पर जाने के लिए 125 दिन लगेंगे। जिसकी शुरुवात हो चुकी है।

आदित्य L1 क्या है ?

किसी भी ग्रह के चारो ओर पांच प्रकार के ऐसे स्थान होते है, जिन्हे L1, L2, L3, L4 और L5 नाम से जाना जाता है। इस बिंदु को लैगरेंजियन पॉइंट कहा जाता है। आदित्य L1 को सूरज के नजदीक सन-अर्थ सिस्टम के लैगरेंज पॉइंट 1 के हालो ऑर्बिट (Halo Orbit) में पहुंचाया जाएगा। यदि यह मिशन पूरा हो गया तो वहां से लगातार सूरज पर नजर रखी जा सकती है। सैटलाइट का इस पॉइंट पर पहुंचने से सोलर एक्टिविटी को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है। और नई -नई खोजों का विकास किया जा सकता है।

पृथ्वी से सूर्य की दूरी

पृथ्वी से सूरज की दुरी 14 करोड़ 95 लाख किलोमीटर है। आदित्य L1 को पृथ्वी के बीच मौजूद L1 पॉइंट पर पहुंचने के लिए 125 दिन का वक़्त लगेगा।

अभी तक धरती पर से सूरज को दूरबीन की सहायता से देखा जाता था। लेकिन वर्तमान समय में कई विकास होने के वजह से अब सूरज के नजदीक जाकर उसकी सभी जानकारी एकीकृत की जाएगी। इस सैटलाइट की मदद से कोरोनाग्राफ जैसा एक टेलिस्कोप VELC से 24 घंटे सूरज पर नजर रखेगा और हर दिन 1,440 फोटो खीचेगा।

आदित्य L1 का कार्य

  • ये सैटलाइट सूरज से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं की जानकारी निकलेगा।
  • गर्म हवाओं में मौजूद इलेक्ट्रॉन्स और भारी आयन की दिशाओं और उनकी स्टडी करेगा।
  • सौर वायुमंडल की सभी जानकारी।
  • धरती पर तूफान, सौर लहरों का आने का कारण।
  • L1 बिंदु के आसपास अंतर-ग्रहीय चुंबकीय क्षेत्र की जानकारी।
  • सूरज के वातावरण,  टेंपरेचर के पैटर्न और पृथ्वी पर पड़ने वाली सूरज की किरणों का असर आदि जानकारी रिकॉर्ड करेगा।

Aditya L1 की यात्रा

  • इसकी शुरुवात लोअर अर्थ ऑर्बिट से होगी यानि यह सैटलाइट इस रॉकेट को LEO में छोड़ देगा।
  • इसके बाद यह धरती के चारो तरफ 16 दिनों तक चक्कर लगाएगा पांच ऑर्बिट मैन्यूवर करके सीधे धरती की गुरुत्वाकर्षण वाले क्षेत्र यानी स्फेयर ऑफ इंफ्लूएंस (SOI) से बाहर जाएगा. फिर शुरू होगी क्रूज फेज. यह थोड़ी लम्बी लगेगी।
  • इसके बाद Aditya L1 को Halo Orbit में प्रवेश होगा जहां पर L1 बिंदु होता है। इसके चारों तरफ चक्कर लगाने में लगभग 109 दिन जायेगे। जो थोड़ा कठिन है। क्योकि इसे 2 बड़े ऑर्बिट में जाना है।

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