इस्लाम धर्म को मानने वाले अनुयायियों के लिए मक्का मदीना बहुत ही पवित्र, ऐतिहासिक एवं सम्मानीय स्थान है। मक्का मदीना को मुसलमानो के लिए जन्नत का दरवाजा कहा जाता है। दुनिया का प्रत्येक मुसलमान अपनी ज़िन्दगी में एक बार तो जरूर ही यहाँ जाने का सपना देखता है। वैसे तो इस्लाम धर्म में कहा जाता है कि जो मुस्लिम व्यक्ति शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम होता है उसको एक बार मक्का मदीना अवश्य जाना चाहिए। मक्का मदीना का इतिहास बहुत खास है। तो चलिए जानते है मक्का मदीना का इतिहास और तथ्य साथ ही हम आपको बतायेगे मक्का मदीना से जुड़ी 10 ऐसी बातें जो शायद नहीं जानते आप
मक्का मदीना का इतिहास और तथ्य
मक्का मदीना एक धार्मिक स्थल है जो सऊदी अरब में स्थित है। यहाँ पर इस्लाम धर्म के पहले प्रवर्तक पैगम्बर मुहम्मद का जन्म हुआ था। मक्का मदीना व्यापार का भी एक प्रमुख केंद्र रहा है। इस्लाम धर्म में आस्था रखने वाले मुस्लिम अपने जीवन में एक बार मक्का मदीना की यात्रा जरूर करना चाहते है। मक्का मदीना की धार्मिक यात्रा को हज कहा जाता है। मक्का मदीना का इतिहास काफी प्राचीन र कथाओ परिपूर्ण है। इस्लामी शास्त्रों के अनुसार मक्का मदीना वह शहर है जिसद अल्लाह की प्रार्थना करने के लिए पहले घर की तरह बनाया गया था। इस शहर की मस्जिद में आकर एक नमाज अदा करना 1 लाख नमाज अदा करने के बराबर है। मक्का की राजधानी समुंद्री तट से 277 मीटर की ऊंचाई पर जिन्नाह घाटी में शहर से 70 किलोमीटर भीतर स्थित है। इस स्थान कुरान की शुरुआत हुई थी। मक्का से 3 किलोमीटर दुरी पर एक खास गुफा भी है जिसको काबा का घर कहा जाता है।
मक्का का इतिहास
मक्का इस्लाम धर्म के पांच स्तम्भों में से एक है। इसी कारण प्रत्येक वर्ष यहाँ 40 लाख से ज्यादा हजयात्री धू-अल-हिजाब के समय आते है। इस्लामी पुराणों के अनुसार मक्का की स्थापना नबी इस्माइल के वंश ने की थी। यह शहर इस्लाम पवित्र शहर है क्योंकि इस्लाम धर्म के महान पैगम्बर का जन्म वर्ष 570 में इसी स्थान पर हुआ था। इतिहासिक प्रमाणों के अनुसार इस्लाम धर्म के उदय से पहले इस स्थान का नाम यसरीब हुआ करता था। पैगम्बर साहब ने ही इस शहर का नाम मक्का रखा था। मक्का में इस्लाम का पवित्र पत्थर काबा भी मौजूद है। कहा जाता है कि ईश्वर के सन्देशवाहक के रूप में हजरत पुत्र पैगम्बर इब्राहिम एवं पैगम्बर इस्माइल ने मक्का शहर का दौरा करने में ही अपना ज्यादातर समय बिताया था। मोहम्मद एवं मक्का के निवासियों के बीचआस्था को लेकर विवाद रहा। जिस कारण मोहम्मद पैगम्बर को मक्का छोड़ कर मदीना जाना जाना पड़ा। मक्का की मस्जिद को पहली बार काले पत्थर से अदम ने, फिर अब्राहम और उनके बेटे इशमेल ने बनाया था। लम्बे समय तक मक्का पर मोहम्मद के वंशज सरीफ का शासन था, जिसके बाद 1925 में मक्का शहर को निर्मित किया गया।
मदीना का इतिहास
मदीना को इस्लाम धर्म का दूसरा पवित्र स्थान माना जाता है। मदीना का अर्थ होता है पैगम्बर का शहर। यह शहर पश्चिमी सऊदी अरब के लाल समुद्र से करीबन 100 मील दूर एवं सड़क मार्ग से 275 मील दूर हेजाज़ क्षेत्र में मौजूद है। वैसे तो ये स्थान हज यात्रा में शामिल नहीं है लेकिन हज के यात्री मदीना जा सकते है। अरबी भाषा में मदीना का अर्थ चमत्कारी शहर होता है।
मक्का मदीना से जुड़ी 10 ऐसी बातें जो शायद नहीं जानते आप
- इस्लाम में मक्का के बाद काबा मस्जिद को सबसे पवित्र स्थान बताया गया है।
- मक्का में इस्लाम की सबसे पवित्र मस्जिद है।
- वर्तमान समय में मदीना सऊदी अरब के प्राचीन शहर हेजाज़ में स्थित है और यह मक्का प्रान्त की राजधनी है।
- इस शहर की आबादी करीब 17 हजार है।
- मुस्लिम एक दिन में 5 बार मक्का दिशा की तरफ अपना मुँह करके नमाज अदा करते है।
- मक्का में एक बड़ा पत्थर इस्लाम में काफी पवित्र है और हज यात्री इसको चूमकर अपनी मनोकामना भी मांगते है।
- इस्लाम धर्म के सभी लोग मक्का के चारों ओर बनी मस्जिद में नमाज अदा करते है।
- मक्का इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र स्थान है।
- मक्का में ही पैगंम्बर मोहम्मद साहब को दफनाया गया था।
- मक्का में मौजूद पत्थर दुनियाभर के लोगों के लिए आश्चर्य का प्रतीक है तो भारत में बहुत से विद्वान इसको खण्डित शिवलिंग बताते है।