आठवां वेतन आयोग को लेकर वित्त मंत्री ने लोकसभा में किया नया खुलासा

हाल ही में लोकसभा में आठवें वेतन आयोग के गठन पर चर्चा हुई, जिसमें वित्त मंत्री के जवाब से पता चला कि इसके गठन को लेकर वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। इस घोषणा से सरकारी कर्मचारियों में निराशा की लहर दौड़ गई है, जो सरकार और कर्मचारियों के बीच जारी तनाव को दर्शाता है।

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Reported by Sheetal

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8th Pay Commision: आठवे वेतन आयोग पर लोकसभा से आयी बड़ी खबर, वित्त मंत्री ने किया ऐलान
8th Pay Commision

भारतीय संघीय ढांचे में, वेतन आयोग का गठन एक महत्वपूर्ण कार्यवाही है जो हर दस वर्षों में होती है। यह आयोग सरकारी कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और अन्य भत्तों की समीक्षा करने और उन्हें आधुनिक आर्थिक स्थितियों के अनुरूप ढालने का कार्य करता है। इस प्रकार, आठवां वेतन आयोग जो कि 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होना है, वर्तमान में बहुत ही संवेदनशील और चर्चित विषय बन चुका है।

लोकसभा में उठा विवाद

वित्तीय वर्ष के बजट सत्र में, जब सांसद आंनद भदौरिया ने वित्त मंत्री से आठवें वेतन आयोग के गठन के बारे में प्रश्न किया, तो इसने विभिन्न कर्मचारी संघों की उम्मीदों को आवाज दी। उन्होंने पूछा कि जून में प्राप्त हुए कर्मचारी यूनियनों के अभ्यावेदनों के जवाब में सरकार ने क्या कदम उठाए हैं और आयोग का गठन कब तक किया जाएगा।

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सरकारी प्रतिक्रिया और कर्मचारी निराशा

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के उत्तर ने स्पष्ट किया कि सरकार के पास इस आयोग के गठन को लेकर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। इस प्रतिक्रिया ने कर्मचारी संघों को गहरी निराशा में डाल दिया, क्योंकि उन्होंने इस आयोग से अपने वेतन और अन्य लाभों में सुधार की उम्मीद की थी।

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कर्मचारी विरोध और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

कर्मचारी संघों का मानना है कि वेतन आयोग का गठन न केवल उनके वित्तीय लाभ के लिए आवश्यक है बल्कि यह उनके मोराल और कार्य संतोष को भी बढ़ाता है। वित्त राज्य मंत्री के जवाब से उनमें एक गहरी निराशा और आक्रोश की भावना उत्पन्न हुई है।

आठवें वेतन आयोग के गठन के मुद्दे पर वर्तमान संघर्ष सरकार और कर्मचारी संघों के बीच एक व्यापक चर्चा की मांग करता है। यह आवश्यक है कि सरकार इस मुद्दे को और गंभीरता से ले और कर्मचारी संघों के साथ मिलकर एक ठोस योजना बनाए, जिससे कि आने वाले समय में इस तरह के विवादों से बचा जा सके और वेतन आयोग का समय पर गठन सुनिश्चित किया जा सके।

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