(Pangolin) पैंगोलिन के बारे में रोचक तथ्य, जानें

प्राकृतिक रूप से इन्हे खुद की रक्षा करने के लिए शरीर की संरचना केराटिन के बने स्केल नुमा होते है। ताकि बाहरी हमला होने पर ये अपने शरीर को सुरक्षित रख सकें। कई देशों जैसे -चीन और अफ्रीका देशों में इन्हें मारा जाता है।

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Reported by Pankaj Yadav

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(Pangolin) पैंगोलिन के बारे में रोचक तथ्य, जानें

Interesting facts about pangolin: पैंगोलिन नाम सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन यह देखने में भी अजीबोगरीब जानवर है। पैंगोलिन आमतौर पर अफ्रीका महाद्वीप में पाया जाने वाला जानवर है। जो एक स्तनधारी प्राणी है। इसके शरीर की बनावट चूहे के समान होती है।

प्राकृतिक रूप से इन्हे खुद की रक्षा करने के लिए शरीर की संरचना केराटिन के बने स्केल नुमा होते है। ताकि बाहरी हमला होने पर ये अपने शरीर को सुरक्षित रख सकें। कई देशों जैसे -चीन और अफ्रीका देशों में इन्हें मारा जाता है। इनके शरीर के कुछ हिस्सों को औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है और कई दवाइयों को निर्मित किया जाता है। इसके अलावा इसकी त्वचा का उपयोग फैशन उद्योग में करके अधिक आय कमाई जाती है।

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पैंगोलिन (Pangolin) की विभिन्न प्रजातियां

अजीबोगरीब आकार के देखने वाले जानवर की आठ अलग -अलग प्रजाति होती है। उनमे से चार एशियाई देशों में रहती है और चार अफ्रीका में। इन आठ प्रजातियों के नाम इस प्रकार से है –

एशिया देश में पाएं जाने वाले

  • भारतीय पैंगोलिन
  • चीनी पैंगोलिन
  • सुंडा पैंगोलिन

अफ्रीका देश में पाएं जाने वाले

  • ज़मीनी पैंगोलिन
  • सफ़ेद पेट वाला पैंगोलिन
  • विशाल पैंगोलिन
  • काले पेट वाला पैंगोलिन

पैंगोलिन के बारे में रोचक तथ्य

  • इस प्रजातियों का आकर 30 -100 सेमी ((12 से 39 इंच) तक होता है। नर और मादा के भार में अंतर पाया जा सकता है। नर मादाओं के मुताबित 90% भारी हो सकती है। इनका भार लगभग 30 से 40 किलो तक हो सकता है।
  • इस जानवर की बाहरी त्वचा केराटिन सल्क की बनी होती है। जो बेहद ही मजबूत होती है।
  • ये प्रजाति अक्सर खोखले पेड़ों या बिलों में रहते है और रात के समय अपना आहार लेने है। आहार के रूप में ये चीटियों और दीमक को खाते है।
  • ये एक दिन के अंदर कई हजार छोटे कीड़ों को खा सकते है ,ये रात को 90 बार अपना आहार लेती है।
  • इन जानवरों की जीभ लम्बी होने के कारण ये अपना शिकार आसानी से पकड़ लेने है। ये अकेले रहना पसंद करते है।
  • पैंगोलिन के दांत नहीं होते है, जिस वजह से ये छोटे कीड़ो और पत्थरो को ऐसे ही निगल देते है।
  • यदि पैंगोलिन को कोई खतरा महसूस होता है तो यह अपने माथे, पेट और पैरो अन्य हिस्सो को इस प्रकार ढाका देते है कि हमला होने पर उसे कोई चोट न पहुंचे।
  • मुख्य रूप से एक पैंगोलिन 12 -20 वर्षो तक जीवित रह सकती है।
  • पैंगोलिन की देखने की क्षमता कम होती है, लकिन यह अपने भोजन को सूंघ कर पता लगा देती है। क्योकि इनकी सूंघने की क्षमता अधिक होती है।
  • पैंगोलिन अपनी लम्बी पूछ का उपयोग पेड़ की शाखाओ से लटकने के लिए करता है।
  • ये प्रजाति बेहद ही तेज होते है, जिस स्थान पर ये रहते है यहाँ पर ग्रंध ग्रन्धि का उपयोग करती है और अपने स्थान पर मूत्र और माल को फैला देती है। ताकि उन्हें अपना स्थान ढूंढने में आसानी हो।
  • जब कोई मादा गर्भवती होती है तो वह अवधि 135 दिनो तक चलती है। ये जानवरों के अंतर एक साल में एक बच्चा पैदा करने की क्षमता होती है और वह बच्चा 3-4 महीनो तक अपने ही बिल में रहता है। जिसका आहार केवल माँ का दूध होता है।

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