क्या PF डबल मिलता है? कब और कैसे मिलता है?

जिन भी लोगों का किसी कम्पनी में नौकरी करने के दौरान PF कट रहा है तो उनको अपने PF खाते को मैनेज करने की जानकारी लेनी चाहिए। PF एक रिटायरमेंट फण्ड है जोकि नौकरी को छोड़ने के बाद कर्मचारी एवं उसके परिजनों के जीवन को आर्थिक मदद देता है। PF खाते में प्रत्येक वर्ष पर ... Read more

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Reported by Pankaj Yadav

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जिन भी लोगों का किसी कम्पनी में नौकरी करने के दौरान PF कट रहा है तो उनको अपने PF खाते को मैनेज करने की जानकारी लेनी चाहिए। PF एक रिटायरमेंट फण्ड है जोकि नौकरी को छोड़ने के बाद कर्मचारी एवं उसके परिजनों के जीवन को आर्थिक मदद देता है।

PF खाते में प्रत्येक वर्ष पर निश्चित ब्याज मिलना तय होता है तो PF खाते को सही प्रकार से मैनेज करना भी नितांत आवश्यक हो जाता है। वर्तमान वित्त वर्ष में सरकार ने PF खातों पर 8.65% ब्याज लेने की मंजूरी दी है। इस दीवाली से पहले ही बीते वित्तीय वर्ष का ब्याज भी सभी खाता धारकों के अकाउंट में आ जायेगा।

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PF फण्ड को दुगना करने का तरीका

कर्मचारी को आने PF खाते के फण्ड को दुगना (Kya PF Double Milta Hai) करने में सबसे पहले तो अपने नियोक्ता/ कम्पनी से वार्ता करनी होती है। इसके बाद कर्मचारी को अपने वेतनमान में थोड़े चेंजेज भी करने होते है। कर्मचारी अपनी इच्छा से पीएफ खाते में वेतन से जाने वाले अंशदान को बढ़ा सकता है। इसके बाद वेतन में थोड़ी कमी जरूर होगी।

इस प्रोसेस से PF का फण्ड दुगना हो जाता है और टैक्स से बचत का भी रास्ता खुलता है। बड़े टाइमपीरियड में PF खाते के अंतर्गत एक बड़ी रकम सेव हो जाती है। कर्मचारी को EPF के नियमों का लाभ लेकर PF का फण्ड बढ़ाने की अनुमति भी है।

वॉलेंटरी पीएफ विकल्प को चुने

यदि कर्मचारी चाहे तो अपने PF से अधिक फण्ड को एकत्रित करने के लिए PF में अपने अंशदान में वृद्धि कर सकता है। इस विकल्प को लेने में PF खाते में कर्मचारी का अंशदान 12 प्रतिशत से बढ़कर 25 या फिर 30 भी हो जायेगा। इस काम को कर्मचारी वॉलेंटरी विकल्प के अंतर्गत करेगा।

इतना ही नहीं इस विकल्प के अंतर्गत कर्मचारी अपने वेतन का सौ प्रतिशत भी अपने पीएफ खाते में अंशदान दे सकता है। इसमें ये अनिवार्य नहीं है कि कम्पनी अपने अंशदान में वृद्धि करें। इस विकल्प को इस्तेमाल करके कर्मचारी अपनी सेवानिवृति के दौरान PF के रूप में अधिक पैसे पा सकेगा।

EPF पासबुक से समझे

PF अंशदान के इस गणित को EPF पास बुक के माध्यम से समझ सकते है। जैसे PF में पैसा तीन भाग में जमा होता है। तो PF पास बुक में निम्न तीन कॉलम देखने को मिलेंगे –

  • कर्मचारी अंशदान – कर्मचारी के वेतन (मूल वेतन + DA) का 12 फ़ीसदी
  • नियोक्ता अंशदान – कमर्चारी को अपनी कम्पनी के तरफ से 12 फ़ीसदी (3.67%) अंशदान मिलेगा
  • पेंशन अंशदान – कम्पनी के दिए 12% में से 8.33 फ़ीसदी जाता है।

PF डबल इस तरह से मिलेगा

अब यह बात जानने की है कि PF का फण्ड किस प्रकार से दुगना मिलता है? तो मान लें कि किसी कर्मचारी के वेतन में से अंशदान के रूप में 2,215 रुपए लिए गए। इसके बाद कर्मचारी के PF खाते में से कर्मचारी अंशदान – 2,215 + नियोक्ता का अंशदान (EPF में 966 + पेंशन अंशदान) यानी 2,215 = 4,430 रुपए जमा होंगे।

इस प्रकार से एक कर्मचारी को अपने हिस्से के दिए PF अंशदान का दुगना रहता है। जो भी कर्मचारी एक अथवा अलग-अलग कंपनियों में कुल मिलाकर 10 वर्षों की नौकरी पूर्ण करते है और उनकी आयु भी 58 साल हो चुकी है वे EPF की पेंशन पाने के अधिकारी होते है।

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PF आंशिक निकासी से बचें

EPF के वर्तमान नियम के अनुसार कर्मचारी मकान-जमीन खरीदने, घर में विवाह करने एवं बीमारी की दशा में अपने PF खाते से पैसे की निकासी कर सकते है। किन्तु जो भी कर्मचारी अपने PF खाते से ब्याज पाने की चाह रखते हो उनको ऐसी निकासी से बचाव करना होगा।

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