क्यों विदेश से मंगवाने पड़ रहे चीते – कहानी चीतों के 10 हजार से 0 तक आने की

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) समरकंद में आयोजित हुई शंघाई समिट से वापिस आ चुके है। अब वे चीतों का स्वागत करने के लिए मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय पार्क (Kuno National Park) पहुँचेगे। इन 8 चीतों को प्रधानमंत्री के जन्मदिन के मौके पर नामीबिया से मध्य प्रदेश लाया जा रहा है। आज मोदी अपने ... Read more

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Reported by Sheetal

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पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) समरकंद में आयोजित हुई शंघाई समिट से वापिस आ चुके है। अब वे चीतों का स्वागत करने के लिए मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय पार्क (Kuno National Park) पहुँचेगे। इन 8 चीतों को प्रधानमंत्री के जन्मदिन के मौके पर नामीबिया से मध्य प्रदेश लाया जा रहा है। आज मोदी अपने जन्म दिन पर कुनो-पालपुर अभयरण्य के क्वारंटाइन बाड़ों में चीतों को छोड़ेंगे।

पीएम मोदी को आज सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर एक स्पेशल यान से ग्वालिया पहुंचता है। यहाँ से उनको कूनो नेशनल पार्क के लिए जाना है। मोदी 10:45 से 11:15 बजे तक चीतों (cheetahs) को बाड़े में छोड़ने वाले है। यहाँ वे मोदी स्व-सहायता समूह सम्मलेन का हिस्सा बनेगे।

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कहानी चीतों के 10 हजार से 0 तक आने की

एक समय भारत चीतों का घर था। लेकिन साल 1947 तक देश के तीन चीतों को भी शिकार में मार दिया गया। इसके बाद माना गया कि भारत में चीते पूरी तरह ख़त्म हो चुके है। बताया जाता है कि अकबर के शासन में देश में 10,000 चीते थे।

खुद अकबर के पास 1000 चीते थे। लेकिन राजाओं की कैद में रहने से इनकी प्रजनन दर सीमित होने लगी और इनकी आबादी कम हो गयी। इसके बाद तो इनकी आबादी हज़ारो से सैकड़ों तक आ गयी।

cheeta hunting in british era

अंग्रेजो के आने के बाद इनका शिकार होने लगा और शावकों को मारने पर 6 रुपए और एडल्ट चीते को मारने पर 12 रुपए इनाम मिलता था

कूनो नेशनल पार्क ही क्यों लाया जा रहा है?

इस पार्क को चुनने की मुख्य वजह यहाँ पर चीतों के लिए प्रचुर मात्रा में खाने की उपलब्धता है। यहाँ पर चीतल जैसे प्राणी है जिनको यह चीते खाने के लिए पसंद करते है। इसके साथ ही कुछ अन्य जीवों को भी शिकार के लिए लाकर छोड़ा जायेगा। यहाँ मौजूद ग्रासलैंड (थोड़े ऊँची घास वाले मैदान) में रहना काफी पसंद है। कूनो राष्ट्रीय पार्क का बफर एरिया 1235 वर्ग किमी है।

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कब से शुरू हुआ यह अभियान?

साल 2009 में राजस्थान के गजनेर में वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI) ने एक वर्कशॉप करके इसमें चीतों को भारत लाने की माँग रखी थी। इस वर्कशॉप में केंद्र के मंत्री, अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल हुए थे।

सहमति बनने के बाद देश की कुछ भागो के चीतों को लाने का निर्णय लिया गया। सभी विशेषज्ञों ने देश भर की 10 जगहों का चिन्हीकरण किया।

सरकार के प्रयास पर हम सभी को गर्व होना चाहिए : भारतीय वन्यजीव संस्थान

भारतीय वन्यजीव संस्थान ने ट्वीटर भारत में चीतों को लाने के लिए भारत सरकार की प्रशंसा की है। संस्थान ने लिखा, ” दुनिया की संबसे ज्यादा पहचानी जाने वाली बिल्लियों में से एक चीता अपनी गति के लिए जाना जाता है।

देश के सर्वाधिक गति से दौड़ लगाने वाले मैमल की मध्य प्रदेश में वापसी हो रहे है। सरकार के इस प्रयास पर हम सभी को गर्व होना चाहिए।”

पीएम मोदी के स्वागत के लिए उत्सुक है मध्य प्रदेश – सीएम शिवराज

मध्य प्रदेश के CM शिवराज चौहान ने कहा – मध्यप्रदेश के लिए सौभाग्य का अभूतपूर्व दिन है। पीएम मोदी अपने जन्म दिवस के मौके पर स्वयं इस पुण्य धरा पर उपस्थित रहकर देश में चीतों की बसाहट का शुभारम्भ करेंगे। प्रदेश के नागरिकों की ओर से आभार प्रकट करता हूँ। मध्य प्रदेश पीएम मोदी के स्वागत के लिए उत्सुक है।

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