Home Loan Insurance: अनिवार्य नहीं, लेकिन बहुत जरूरी है होम लोन इंश्‍योरेंस

यदि कोई व्यक्ति घर के लिए होम लोन लेता हो और चुकाने से पूर्व ही उसका देहान्त हो जाता है तो इस स्थिति में उसके परिवार के लोग लोन चुकाएंगे। ऐसी दशा में ‘होम लोन इंश्‍योरेंस’ से परिवार को बहुत अधिक सहायता मिलती है। मध्यम वर्गीय लोगो को अपना घर खरीदना कोई सरल बात नहीं ... Read more

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Reported by Pankaj Yadav

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Home Loan Insurance is not mandatory but very important

यदि कोई व्यक्ति घर के लिए होम लोन लेता हो और चुकाने से पूर्व ही उसका देहान्त हो जाता है तो इस स्थिति में उसके परिवार के लोग लोन चुकाएंगे। ऐसी दशा में ‘होम लोन इंश्‍योरेंस’ से परिवार को बहुत अधिक सहायता मिलती है।

मध्यम वर्गीय लोगो को अपना घर खरीदना कोई सरल बात नहीं होती है। इस एक मकान को खरीदने में ही इतनी पूंजी लग जाती है जिसको काफी लोग जिंदगी में भी कठिनाई से ही जोड़ पाते हैं। इसी कारण से लोग बैंक के होम लोन लेने को पसंद करते है।

होम लोन उनकी जरूरतों की पूर्ति करता है और लोन की राशि को भी वे काफी सरलता से क़िस्त देकर चुका पाएंगे।किन्तु लोन लेना सरल होता है किन्तु इसको चुकाने का काम काफी मुश्किल रहता है। इस तरह से होम लोन का बोझ भी बहुत बड़े टाइम तक सिर पर चढ़ा रहता है।

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परिवार के लिए हेल्पफुल होता है

अब ऐसी दशा में कभी लोन लेने वाले व्यक्ति की अचानक से मृत्‍यु हो जाती हो तो लोन का अमाउंट कौन चुकाएगा? ऐसी स्थिति में बैंक वाले उसके परिवार से लोन को वसूलते हैं। यदि वो परिवार लोन देने में असमर्थ हो तो उनको अपना मकान या प्रॉपर्टी (जिस पर लोन लिया गया है) गँवानी पड़ती है।

किन्तु इस दशा में होम लोन इंश्‍योरेंस काफी हेल्पफुल रहता है। अब जाने लें कि यह (Home Loan Insurance) बुरे दिनों में किस प्रकार से सच्चा मित्र सिद्ध होता है।

क्‍या है होम लोन इंश्‍योरेंस

होम लोन इंश्‍योरेंस किसी के लोन का प्रोटेक्‍शन प्‍लान होता है। जिस समय पर कोई होम लोन लेने जाता हैं तो सभी बैंक उनको होम लोन इंश्‍योरेंस ऑफर करते है। यदि लोन वाला मर जाता हो तो बची हुई किस्ते इसी बीमे (Home Loan Insurance) से जमा होती है और उसका घर सुरक्षित रह जाता है।

ऐसे में लोन डिफॉल्ट का खतरा नहीं रहता है चूँकि यह जिम्मेदारी इंश्योरेंस कंपनी करती है। इसके बाद होम लोन देने बाले बैंक घर पर अपना अधिकार नहीं कर सकेगा।

परिवार की सुरक्षा में बेहद जरूरी

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया हो या फिर बीमा नियामक इरडा, किसी की भी ओर से होम लोन इंश्‍योरेंस खरीदने की अनिवार्यता की गाइडलाइन नहीं है। किन्तु फैमिली की सुरक्षा में यह काम जरूरी है। इसी कारण से बहुत से बैंक या फाइनेंस देने वाले ऐसे बीमे की राशि ग्राहकों को लोन में जोड़कर ही बताने लगे हैं।

वैसे इसको (Home Loan Insurance) लेने अथवा न लेने का निर्णय पूरी तरह से लोन लेने वाले पर छोड़ते है।

ईएमआई का विकल्‍प

होम लोन इंश्योरेंस का प्रीमियम कुल लोन रकम का 2-3 प्रतिशत रहता है। चाहें तो होम लोन लेने के दौरान ही बीमे के पैसे को एकबार में ही जमा कर लें या फिर बीमे के पैसो की EMI भी बनवा लें। इस दशा में जिस प्रकार से होम लोन की EMI कटेगी उसी प्रकार से होम लोन बीमे की मासिक किस्ते भी कटेगी। बीमे की राशि कम होती है।

इन स्थितियों में नहीं मिलता है फायदा

यह जान लें कि कुछ ऐसी भी खास परिस्थितियाँ है जिनमे होम लोन इंश्‍योरेंस का फायदा नहीं मिलेगा। यदि कोई अपने लोन के बीमे कवर ले रहे हो तो उसे इस बारे में जानकारी हो, जैसे- होम लोन किसी अन्य के नाम शिफ्ट करते हैं या टाइम से पहले बंद करते हो तो इंश्योरेंस कवर समाप्त होगा।

साथ ही स्वाभाविक मौत एवं आत्महत्या के केस भी होम लोन प्रोटेक्शन प्लान के दायरे में नहीं आते। किन्तु यदि लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर कराते हो, प्री-पेमेंट या रीस्ट्रक्चर कराते हो तो होम लोन इंश्योरेंस पर कोई प्रभाव नहीं होगा।

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आज के दौर में हर एक होम लोन लेने वाले व्यक्ति को इसके बीमे के बारे में जान लेने के बाद लेना चाहिए। इस प्रकार के प्रोटेक्शन से कोई भी होम लोन धारक अपने परिवार को सुरक्षा दे पाएगा।

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