Direct Cash Transfer: देश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से शुरू की गई भारत सरकार की डायरेक्ट कैश ट्रांसफर (DCT) स्कीम को लेकर बुधवार को इंटेरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने जमकर तारीफ की, बता दें आईएमएफ से पहले वर्ल्ड बैंक ने भी कोरोना काल में भारत सरकार की इस डायरेक्ट कैश ट्रांसफर स्कीम को काफी सराहा था।
जिसके बाद आईएमएफ ने इस स्कीम को एक लॉजिस्टिक मार्वल बताते हुए यह भी कहा की भारत जैसे बड़े देश में इस तरह की योजना को सफलतापूर्वक लागू करना बड़ी बात है, इसके साथ ही आईएमएफ ने इस चमत्कारी बताते हुए पूरी दुनिया को भारत से सीखने की सलाह भी दी है।
आईएमएफ ने DCT को बताया लॉजिस्टिक चमत्कार
आपको बता दें, भारत की डायरेक्ट कैश ट्रांसफर को लेकर आईएमएफ के फिस्कल अफेयर डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर पाओलो मौरो ने बुधवार को भारत की DCT स्कीम की सरहाना की और देश के विशाल आकर को देखते हुए इसे एक लॉजिस्टिक चमत्कार बताया।
उन्होंने कॉन्फ्रेंस में कहा की हमे भारत से काफी कुछ सीखने की जरूरत है, हमारे पास दुनिया भर के कुछ अन्य उदाहरणों से सीखने के लिए बहुत कुछ है, इतना ही नहीं हमारे पास हर महाद्वीप और आय के हर स्तर के उद्धरण है, अगर भारत के मामले में सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुँचाने का रिकॉर्ड देखा जाए तो भारत का प्रदर्शन काफी प्रभावशाली है।
भारत की नकद हस्तांतरण योजना बेहद ही शानदार
आईएमएफ के डिप्टी डायरेक्टर ने भारत की इस नकद हस्तांतरण योजना के बारे में यह भी बताया की वास्तव में देश के विशाल जनसंख्या को देखते हुए यह योजना एक लॉजिस्टिक चमत्कार है, भारत ने बहुत सारी तकनिकी नवचारों की सफलता और नकद हस्तांतरण योजना को सफल बनाने में विशिष्ट पहचान प्रणाली आधार के उपयोग की और भी इशारा किया।
इस तरह की योजनाओं में लाभार्थियों में महिलाओं, वृद्ध लोगों और किसानों को प्राथमिकता दी गई है, इसके साथ ही लाभार्थियों को पहचान करने के लिए तकनीकी का काफी उपयोग किया गया है और सरकार की और से फंड का वित्तरण करने के लिए भी टेक्नोलॉजी इनोवेशन का भी सहारा लिया गया है।
पाओलो मौरो ने आधार कार्ड का इशारा करते हुए आगे कहा की यूनिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (यूआईडी) जैसे टेक्नोलॉजी इनोवेशन के कारण सरकार को लोगों तक सीधी मदद पहुँचाने में मदद मिली है। आधार कार्ड का डायरेक्ट कैश ट्रांसफर स्कीम को सफल बनाने में बड़ा योगदान है।
आईएमएफ ने बताई भारत की जीडीपी
आईएमएफ ने भारत की जीडीपी के बारे में बताते हुए अपने नवीनतम विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा की – “भारत के लिए दृष्टिकोण 2022 में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि के लिए, जुलाई के पूर्णमान के बाद से 0.6 प्रतिशत अंक की गिरावट दर्ज की गई है।
वहीं दूसरी तिमाही में कमजोर-अपेक्षित परिणाम को दर्शाता है (अप्रैल-जून) और अधिक बाहरी मांग में कमी” आईएमएफ ने जुलाई की रिपोर्ट में 2022 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
भारत की जीडीपी वृद्धि पर आईएमएफ का नवीनतम अनुमान वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा अनुमानित 7 प्रतिशत की वृद्धि से कम है।
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