हाल ही में पेंशन विभाग ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के परिवारों के लिए दो कुटुंब पेंशन के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह कदम कई लोगों के लिए राहत और सुविधा लेकर आया है, जो पहले पेंशन प्राप्त करने के नियमों में भ्रमित थे।
2012 से पहले की स्थिति
2012 से पहले, केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियमावली, 1972 के तहत एक सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी के परिवार को दो कुटुंब पेंशन प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी। 27 दिसंबर 2012 को संशोधन से पहले, यदि किसी सैन्य पेंशनभोगी ने अपने द्वारा की गई सैन्य सेवा के लिए कुटुंब पेंशन का विकल्प चुना था, तो वे सिविल सेवा से कुटुंब पेंशन पाने के पात्र नहीं थे। यह नियम केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियमावली, 1972 के नियम 54 के उप-नियम 13-क के अंतर्गत आता था।
इसी प्रकार, नियम 54 के उप-नियम 13-ख के तहत, किसी व्यक्ति को दो कुटुंब पेंशन देने पर रोक थी, यदि वह पहले से ही किसी अन्य सरकारी संस्था से कुटुंब पेंशन प्राप्त कर रहा था।
दिसंबर 2012 का बदलाव
27 दिसंबर, 2012 को केंद्र सरकार ने इस नियम में संशोधन करते हुए दो पेंशन पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया। इस संशोधन के तहत, एक ही सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी के संबंध में दो अलग-अलग स्रोतों से कुटुंब पेंशन प्राप्त करना संभव हो गया।
नया CCS पेंशन नियम 2021
इसके बाद, 20 दिसंबर 2021 को केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियमावली, 1972 को हटाकर केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियमावली, 2021 अधिसूचित की गई। नए नियम 50 के तहत, एक ही सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी के परिवार को दो अलग-अलग स्रोतों से कुटुंब पेंशन प्राप्त करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
दो कुटुंब पेंशन की पात्रता
नए नियमों के अनुसार, परिवार का एक सदस्य दो अलग-अलग सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगियों की मृत्यु के परिणामस्वरूप दो कुटुंब पेंशन प्राप्त कर सकता है। यह प्रावधान केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली, 2021 के उप-नियम 12 (क) और उप-नियम 13 के अनुसार है।
उपनियम 12 (क) क्या कहता है?
सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की मृत्यु होने पर किसी व्यक्ति के लिए अनुज्ञेय कुटुंब पेंशन को, अन्य सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की मृत्यु होने पर, इस नियम के अधीन कुटुंब पेंशन की पात्रता के रूप में नहीं माना जाएगा, बशर्ते कि दोनों पेंशनों का योग उप-नियम 13 में निर्दिष्ट सीमाओं से अधिक न हो।
उप-नियम 13 की व्याख्या
यदि पति और पत्नी दोनों ही सरकारी कर्मचारी हों और उनमें से एक की मृत्यु हो जाए, तो मृतक की कुटुंब पेंशन जीवित पति या पत्नी को मिलेगी। इसके साथ ही, यदि पति और पत्नी दोनों की मृत्यु हो जाए, तो उनके बच्चों को दो कुटुंब पेंशन प्राप्त करने का अधिकार होगा।
दोनों पेंशनों की अधिकतम सीमा 1,25,000 रुपए प्रतिमास तक सीमित रहेगी।
व्यक्तिगत अनुभव और सुझाव
इन बदलावों ने कई परिवारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है। यदि आप भी सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी हैं, तो इन नियमों को समझना और इनका लाभ उठाना आपके परिवार की वित्तीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।