अमावस्या कब है जानें 2024 (सितंबर) : तिथियां, समय और इस दिन की जाने वाले पूजा विधियां देखें

हिन्दू पंचांग के अनुसार, अमावस्या वह दिन होता है जिस दिन चन्द्रमा दिखाई नहीं देता है। सनातन संस्कृति में अमावस्या का खास महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन व्रत, पूजन, तर्पण एवं पितृ पूजा करना काफी लाभकारी रहता है। इस दिन (Amavasya) लोग भगवान विष्णु का भी पूजन करते है। हिन्दू पंचांग के ... Read more

Photo of author

Reported by Pankaj Yadav

Published on

bhadrapada-amavasya-2023-date-time-shubh-muhurat-pooja-vidhi

हिन्दू पंचांग के अनुसार, अमावस्या वह दिन होता है जिस दिन चन्द्रमा दिखाई नहीं देता है। सनातन संस्कृति में अमावस्या का खास महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन व्रत, पूजन, तर्पण एवं पितृ पूजा करना काफी लाभकारी रहता है। इस दिन (Amavasya) लोग भगवान विष्णु का भी पूजन करते है। हिन्दू पंचांग के मुताबिक एक साल में 12 अमावस्या आती है।

हर माह के कृष्ण पक्ष की आखिरी तारीख को अमावस्या के नाम से जानते है। शास्त्रों के अनुसार, अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देव होते है। इस दिन (Amavasya) के अवसर पर देवी-देवताओ की पूजा, स्नान, दान एवं पितरो को तर्पण देना और श्राद्ध कर्म करना काफी अच्छा रहता है। इस दिन लोग अपने पितृ दोष से भी छुटकारा पा सकते है।

Table of Contents

व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

भाद्रपद अमावस्या का महत्व

भाद्रपद अमावस्या के दिन पर ग्रहो की शांति के लिए पूजन करते है। शनि, राहु एवं मंगल ग्रहो की शांति के लिए भी यह दिन (Bhadrapada Amavasya) सबसे उत्तम रहता है। शनि की दशा, साढ़ेसाती एवं शनि की ढैय्या होने पर इस दिन पूजा करने से शनि ग्रह की शांति होती है।

हिन्दू धर्म के अनुसार पितृ जनो को खुश करके आशीर्वाद पाने के लिए अमावस्या के दिन श्राद्ध करना उचित रहता है। जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष होता है उनके लिए भी ये दिन पूजन के लिए अच्छा है। अमावस्या एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है – अमा (एक साथ) + वास्या (निवास करना) यानी एक साथ निवास करना।

सितम्बर महीने की भाद्रपद अमावस्या की तारीख

भाद्रपद अमावस्या
2 सितंबर 2024, सोमवार
भाद्रपद मास
व्रत की शुरुआत2 सितंबर 2024, सुबह 5:21 बजे
व्रत का समापन3 सितंबर 2024, सुबह 7:24 बजे

भाद्रपद अमावस्या 2024 में सिद्ध और शुभ योग

2 सितंबर 2024 को भाद्रपद अमावस्या के दिन कई सिद्ध और शुभ योग बन रहे हैं, जो इस दिन को विशेष रूप से महत्वपूर्ण बनाते हैं।

योग:

  • रवि योग: 2 सितंबर 2024, सुबह 5:21 बजे से 3 सितंबर 2024, सुबह 7:24 बजे तक
  • अभिजित मुहूर्त: 2 सितंबर 2024, सुबह 11:48 बजे से 12:36 बजे तक
  • सिद्ध योग: 2 सितंबर 2024, सुबह 5:21 बजे से 3 सितंबर 2024, सुबह 7:24 बजे तक

भाद्रपद अमावस्या के दिन ये करें

  • इस दिन तीर्थ स्नान, जप एवं व्रत करना है।
  • भगवान शिव, श्री विष्णु, गणेश एवं अपने इष्ट देवता का पूजन कर सकते है।
  • कुंडली में पितृ दोष एवं कालसर्प होने पर इस दिन पूजन एवं दान जरूर करें।

भाद्रपद अमावस्या की पूजा विधि

शास्त्रों के मुताबिक, अमावस्या के दिन नहाने एवं दान करने के विधान है। यूँ तो इस दिन (Bhadrapada Amavasya) में गंगा नदी में स्नान करने का खास महत्व कहा गया है। किन्तु जो भक्त ऐसा नहीं कर पाते हो तो वे किसी अन्य नदी, तालाब में नहाकर इस दिन की पूजा कर सकते है।

1600x960_709888-bhadrpad
1600x960_709888-bhadrpad

भाद्रपद अमावस्या (Bhadrapada Amavasya) में कालसर्प दोष उपाय

  • सबसे पहले भक्त को सूर्योदय से पूर्व उठकर नहा लेना है।
  • इसके बाद भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करनी है। शिवलिंग पर जल और गंगाजल चढ़ाने के बाद ‘महामृत्युंजय मन्त्र’ को 108 बार पढ़ें।
  • गाय के दूध में थोड़ा सा गंगाजल मिलाने के बाद शिवलिंग पर चढ़ाकर शिवजी से ‘काल सर्प दोष’ निवारण के लिए प्रार्थना करें।
  • इस दिन व्रत रखने से कालसर्प दोष का सही निवारण हो जाता है और नाग देवता का पूजन भी कर सकते है।
  • भगवान शिव को खीर, मिठाई एवं फलो का भोग लगाकर पूजा के बाद लोगो में बाँट सकते है।

भाद्रपद अमावस्या के लाभ

इस दिन का व्रत करने पर भक्त को पुण्य फल का लाभ मिलता है। कोई ऋण और पाप लगे होने से इससे मुक्ति मिल जाती है। भक्त को संतान का सुख मिलता है और वंश में वृद्धि होती है। कार्यो में आने वाली बाधाएं दूर होती है। मन की अशांति का नाश होता है और पापी ग्रहो से मिलने वाला दुःख भी कटता है।

Leave a Comment

WhatsApp Subscribe Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp