Bank Privatization: भारत सरकार ने आने वाले समय में कुछ सरकारी बैंकों के विनिवेश की योजना बनाई है। इस योजना के तहत, सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उन बैंकों में अपनी कुछ हिस्सेदारी को बेचने का विचार कर रही है जिनमें उसकी बड़ी भागीदारी है। मीडिया सूत्रों के अनुसार, सरकार इन बैंकों में 5 से 10 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है और इसके लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया जा रहा है। ऐसे में सरकार देश के किन बैंकों में कितनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है, चलिए जानते हैं इससे संबंधित संपूर्ण जानकारी।
इन छह बैंकों को सरकार बेचेगी हिस्सेदारी
इस विनिवेश प्रक्रिया के अंतर्गत, भारत सरकार द्वारा जिन छह सरकारी बैंकों में हिस्सेदारी बेची जा सकती है, उनमें बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, और यूको बैंक शामिल हैं। इन सभी बैंकों में सरकार की 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है। इस विनिवेश के माध्यम से सरकार निजी क्षेत्र को इन बैंकों में हिस्सेदारी बेचकर राजकोषीय धन जुटाने की कोशिश कर रही है।
जाने ये है सरकार की योजना
सरकार की योजना के अनुसार, वह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री ऑफर-फॉर-सेल के माध्यम से कर सकती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सरकारी बैंकों के शेयरों में हालिया वृद्धि का लाभ उठाना है। पिछले कुछ समय में, सरकारी बैंकों ने अपने प्रदर्शन को सुधारते हुए और बैड लोन्स को कम करके अपने शेयरों की कीमतों में तेजी लाई है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, पिछले वर्ष में निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स की 6.9% की वृद्धि की तुलना में, निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स में 34% की असाधारण वृद्धि हुई है। इसी अवधि में, बेंचमार्क निफ्टी 50 भी 6.4% बढ़ा था। इस तेजी के समय में, निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स ने 2.64% की बढ़त दर्ज की थी, जबकि निफ्टी 50 82 अंक या 0.42% गिरकर 19,443.55 पर बंद हुआ था।
इस प्रकार, सरकार की योजना से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी कम करके धन जुटाने और बाजार में नई गतिशीलता लाने की अपेक्षा है।