28 जून 2024 को केंद्र सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया, जिसमें CGHS (Central Government Health Scheme) के लाभार्थियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए रेफरल प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इन नए बदलावों से लाभार्थियों को रेफरल प्रक्रिया में आ रही समस्याओं का समाधान मिलेगा और उनके लिए यह प्रक्रिया अधिक सहज हो जाएगी।
सरकारी अस्पतालों में विस्तार
सरकारी अस्पतालों की सूची में अब सभी एम्स (AIIMS) और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल को शामिल कर लिया गया है। इसके अलावा, सरकार के अधीन सभी चिकित्सा संस्थान भी अब सरकारी अस्पतालों की श्रेणी में गिने जाएंगे। पहले इन अस्पतालों को सरकारी अस्पताल नहीं माना जाता था, लेकिन अब इन्हें सरकारी अस्पताल के रूप में मान्यता दी गई है। CGHS लाभार्थियों का उपचार इन अस्पतालों में CGHS के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जाएगा।
प्राइवेट सूचीबद्ध अस्पताल में उपचार की प्रक्रिया
केंद्र सरकार ने CGHS से सूचीबद्ध प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की प्रक्रिया को भी सरल बना दिया है। लाभार्थियों को अब पहले से ज्यादा आसान तरीके से उपचार प्राप्त हो सकेगा।
विशेषज्ञ से परामर्श के लिए एक ही रेफरल पर्याप्त
पहले, लाभार्थियों को CGHS से सूचीबद्ध प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने के लिए CGHS वेलनेस सेंटर से रेफरल लेना पड़ता था जिसकी वैधता 1 महीने की होती थी। अब, रेफरल की वैधता को 3 महीने तक बढ़ा दिया गया है, जिससे लाभार्थियों को बार-बार रेफरल लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इस अवधि में कुल 6 परामर्श की अनुमति
3 महीने की इस अवधि के दौरान, लाभार्थी तीन विशेषज्ञों से परामर्श ले सकते हैं और कुल 6 परामर्श की अनुमति दी जाएगी। इससे लाभार्थियों को अधिक सुविधा और लचीलापन मिलेगा।
सूचीबद्ध प्राइवेट अस्पताल में उपचार और जांच
रेफरल प्राप्त करने के बाद, सूचीबद्ध प्राइवेट अस्पताल के विशेषज्ञ द्वारा जांच और उपचार की सलाह दी जाएगी। इस प्रक्रिया को अब अधिक सुगम बना दिया गया है।
रेफरल की जरूरत नहीं
शुरुआती रेफरल मिलने के बाद, 3 महीने की अवधि के भीतर CGHS से किसी और रेफरल की आवश्यकता नहीं होगी। नियमित सूचीबद्ध जांच और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होने वाली छोटी प्रक्रियाओं के लिए भी रेफरल की जरूरत नहीं होगी।
रेफरल की आवश्यकता
CT Scan, MRI Scan, PET Scan और 3,000 रुपये से अधिक की लागत वाली किसी भी अन्य जांच के लिए CGHS से रेफरल की आवश्यकता होगी। इसी प्रकार, अस्पताल में प्रवेश की आवश्यकता वाली किसी भी प्रक्रिया के लिए भी रेफरल की आवश्यकता होगी, जो 3 महीने तक वैध रहेगा।
विशेष प्रावधान
किसी भी कंसल्टेशन, जांच और उपचार की प्रक्रियाओं का फायदा उठाने के लिए आयु सीमा को 75 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष कर दिया गया है। यानी कि पहले जो लाभ 75 वर्ष के ऊपर के लाभार्थियों को मिलता था, अब वह 70 वर्ष से ही मिलेगा।
टेली-परामर्श की सुविधा
लाभार्थी ई-संजीवनी 2.0 पोर्टल के माध्यम से (https://esanjeevani.mohfw.gov.in/) टेली-परामर्श की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। इसके द्वारा वे आसानी से अपॉइंटमेंट ले सकते हैं और विशेषज्ञों से परामर्श कर सकते हैं।
इन संशोधनों के बाद CGHS लाभार्थियों के लिए उपचार प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक सरल और सुविधाजनक हो जाएगी, जिससे वे बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।