Yoga For Epilepsy: मिर्गी के दौरे योग के जरिए हुए 7 गुना कम, एम्स की रिसर्च में मिले बेहतरीन नतीजे

Yoga For Epilepsy: आधुनिक चिकित्सा जगत में योग का महत्व निरंतर बढ़ रहा है, विशेषकर मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों में। हाल ही में, एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग में पीएचडी कर रही डॉ. किरनदीप कौर ने मिर्गी के मरीजों पर योग के प्रभाव पर एक विशेष अध्ययन किया। इस अध्ययन के परिणाम अमेरिका के प्रतिष्ठित जर्नल ... Read more

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Reported by Shivam Nanda

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Yoga For Epilepsy through yoga Epilepsy attacks reduced 7 times, AIIMS research found excellent results

Yoga For Epilepsy: आधुनिक चिकित्सा जगत में योग का महत्व निरंतर बढ़ रहा है, विशेषकर मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों में। हाल ही में, एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग में पीएचडी कर रही डॉ. किरनदीप कौर ने मिर्गी के मरीजों पर योग के प्रभाव पर एक विशेष अध्ययन किया। इस अध्ययन के परिणाम अमेरिका के प्रतिष्ठित जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित किए गए हैं।

इस अध्ययन में 160 मिर्गी के मरीजों को शामिल किया गया, जिन्हें दो समूहों में बाँटा गया। एक समूह को योग क्रियाएं करवाई गईं, जबकि दूसरे समूह को योग जैसी दिखने वाली सामान्य व्यायाम क्रियाएं करवाई गईं। इस अध्ययन का मुख्य उद्देश्य यह जांचना था कि क्या योग क्रियाएं मिर्गी के दौरे की आवृत्ति को कम कर सकती हैं।

अध्ययन के परिणामों ने यह साबित किया कि योग क्रियाएं न सिर्फ मिर्गी के दौरों को नियंत्रित करने में मददगार थीं, बल्कि इन्होंने मरीजों की समग्र स्थिति में भी सुधार लाया। एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. मंजरी त्रिपाठी के अनुसार, यह विश्व की पहली अध्ययन है जिसमें योग और अन्य व्यायाम के बीच के फर्क को स्पष्ट किया गया है।

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इस अध्ययन से पता चलता है कि योग क्रियाएं मिर्गी के दौरों को कम करने में मदद कर सकती हैं, और इससे मरीजों की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार हो सकता है।

जाने कैसे की गई रिसर्च?

योग का महत्व स्वास्थ्य के लिए हमेशा से जाना जाता है, लेकिन एक नई रिसर्च ने मिर्गी (Epilepsy) के मरीजों के लिए योग के फायदों को उजागर किया है। इस रिसर्च में एम्स (ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) ने जिन 160 मिर्गी के मरीजों को स्टडी में शामिल किया, उनमें से 80 मरीजों को योग क्रियाओं का अभ्यास कराया गया, जबकि बाकी 80 मरीजों को कंट्रोल ग्रुप में रखा गया और उन्हें “Sham Yoga” क्रियाएं करवाई गई, जिसे योग जैसे लगने वाली कसरत का नकली रूप माना जा सकता है।

इन मरीजों को योग के अहम हिस्से जैसे सांस की गति, प्राणायाम, और ध्यान के बारे में जानकारी नहीं दी गई। चार महीने तक चली इस स्टडी के नतीजों ने डॉक्टरों को भी हैरान कर दिया, क्योंकि जो लोग सही तरीके से ब्रीदिंग एक्सरसाइज (सांस लेने, छोड़ने और रोकने की क्रियाएं) के साथ योग क्रियाएं कर रहे थे, उन्हें बाकी मरीजों के मुकाबले 7 गुना ज्यादा फायदा हुआ। स्टडी के दौरान, सभी मरीजों को हफ्ते में 5 दिन 45 से 60 मिनट तक योगासन का अभ्यास करवाया गया, और कुल में 7 सेशन योग गुरु की निगरानी में सिखाए गए।

इसके अतिरिक्त, बाकी दिनों में मरीजों को योगासन करने के लिए बुलाया गया। योग क्रियाओं में सूक्ष्म व्यायाम, प्राणायाम, और ध्यान की प्रमुखता दी गई, और कुल योग का 50 प्रतिशत हिस्सा मेडिटेशन का था।

3 महीने के बाद, मिर्गी के मरीजों में तनाव और एंग्जाइटी में कमी आई और कई मरीजों के दौरे 7 गुना तक कम हुए। सभी मरीजों की मिर्गी के दौरों को रोकने की दवाएं लगातार चलती रही इसके साथ ही और आगे भी योग का नियमित अभ्यास करने की सलाह दी गई।

योग से होगी आपकी जिंदगी बेहतर

मिर्गी (Epilepsy) एक ऐसी बीमारी है जिसका साम्राज्ञीय दबाव भारत में दिखाई देता है। इसके अलावा, इस बीमारी के साथ जीने वाले लोगों को सोशल इजोलेशन का सामना करना पड़ता है। योग, जिन मिर्गी के मरीजों के लिए आयोजित रिसर्च का हिस्सा था, उनके लिए नई आशा की ओर एक कदम बढ़ा सकता है। मिर्गी के मरीजों को उनकी दिनचर्या और रोजमर्रा की जिंदगी पर बड़ा असर पड़ता है। इस बीमारी में दिमाग के न्यूरॉन्स में अचानक ज्यादा करंट की वजह से मरीज को दौरे पड़ते हैं, जिससे उनका शरीर से कंट्रोल खो जाता है।

एम्स में योग के अभ्यास का अद्वितीय रिसर्च कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मिर्गी के मरीजों को योग के फायदों का पता लगाने का प्रयास किया गया। इस रिसर्च के तहत, योग के अभ्यास से मरीजों को दौरों की संख्या में कमी आई और उनका तनाव भी कम हुआ।

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