Teacher’s Day Speech in Hindi: टीचर्स डे स्पीच हिंदी में, शिक्षक दिवस भाषण यहां देखे

समाज को सही दिशा देने में शिक्षक अहम भूमिका निभाते हैं। शिक्षक उस दीपक के समान है जो अपनी ज्ञान की ज्योति से बालको को प्रकाशमान करते हैं।

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Reported by Pankaj Yadav

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टीचर्स डे स्पीच हिंदी में

आज इस आर्टिकल में हम आपको टीचर्स डे स्पीच हिंदी में कैसे दें इसके बारे में बताने जा रहें हैं। शिक्षक दिवस हर साल 5 सितम्बर को मनाया जाता है। यहाँ हम आपको शिक्षक दिवस पर भाषण कैसे दे इसके बारे में बताने जा रहें हैं यहाँ देखें पूरी जानकारी –

Teacher’s Day Speech in Hindi

आदरणीय प्रधानाचार्य जी, शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे सहपाठियो आपको सभी को सुप्रभात। आज हम सभी यहाँ पर शिक्षक दिवस के उपलक्ष में एकत्रित हुए हैं।

वास्तव में, यह दिन सभी भारतीय विद्यार्थियों के लिए एक सम्मानपूर्ण अवसर है। इस सभी विद्यार्थी अपने शिक्षकों को उनके द्वारा दिए गए ज्ञान के लिए आभार प्रकट करते हैं। शिक्षक दिवस अपने शिक्षकों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। शिक्षकों को समाज की रीढ़ की हड्डी कहा जाता है क्योंकि शिक्षक न केवल किताबी शिक्षा प्रदान करते हैं बल्कि समाज में रहन-सहन के तौर-तरीके सीखने के साथ-साथ भविष्य बनाने के लिए भी तैयार करते हैं। अपने प्यारे शिक्षकगणों के सम्मान में कुछ लाइने कहना चाहूँगा –

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सत्य की राह पर चलना सिखाते हैं,
जीवन के संघर्षों से लडना सिखाते हैं,
कोटि-कोटि नमन है उन सभी शिक्षकों को,
जो हमें ईमानदारी से जीना सिखाते हैं।

सम्पूर्ण भारतवर्ष में 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने के पीछे बहुत बड़ा कारण है। वास्तव में, इस दिन डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिन आता है। वह बहुत ही महान व्यक्ति थे शिक्षा के लिए पूर्ण रूप से समर्पित थे। उन्हें एक महान राजनयिक, उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति और एक अच्छे शिक्षक के रूप में जाना जाता है।

वर्ष 1962 में राष्ट्रपति चुनाव के बाद विद्यार्थियों ने उनका जन्मदिन मनाने की प्रार्थना की। लेकिन बहुत अनुरोध करने के बाद भी उन्होंने कहा 5 सितम्बर को व्यक्तिगत रूप से मेरे जन्मदिवस के रूप में मनाने की बजाय सभी शिक्षकों के लिए शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। उस दिन से हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

डॉ राधाकृष्णन अपनी बुद्धिमत्तापूर्ण व्याख्याओं, आनंदमयी अभिव्यक्तियों और हंसाने, गुदगुदाने वाली कहानियों से अपने छात्रों को प्रेरित करने के साथ ही साथ उन्हें अच्छा मार्गदर्शन भी दिया करते थे। ये छात्रों को लगातार प्रेरित करते थे कि वे उच्च नैतिक मूल्यों को अपने आचरण में उतारें। वे जिस भी विषय को पढ़ाते थे पढ़ाने से पहले स्वयं उसका अच्छे से अध्ययन किया करते थे। दर्शन जैसे गंभीर विषय को भी वे अपनी शैली की नवीनता से सरल और रोचक बना देते थे। उनका मानना था कि यदि सही तरीके से शिक्षा दी जाएँ तो समाज की अनेक बुराइयों को मिटाया जा सकता है। उनका मानना था कि करुणा, प्रेम और श्रेष्ठ परम्पराओ का विकास भी शिक्षा का उद्देश्य है। उनका कहना था कि शिक्षक शिक्षा के लिए समर्पित और प्रतिबद्ध नहीं होता और शिक्षा को एक मिशन नहीं मानता तब तक अच्छी व उद्देश्य्पूर्ण शिक्षा की कल्पना नहीं की जा सकती है।

समाज को सही दिशा देने में शिक्षक अहम भूमिका निभाते हैं। शिक्षक उस दीपक के समान है जो अपनी ज्ञान की ज्योति से बालको को प्रकाशमान करते हैं। महर्षि अरविन्द ने अपनी एक पुस्तक जिसका शीर्षक महर्षि अरविन्द के विचार है में शिक्षक के संबंध में लिखा है – अध्यापक राष्ट्र की संस्कृति के माली होते हैं, वे संस्कार की जड़ो में खाद देते हैं और अपने श्रम से उन्हें साँच-साँच कर महाप्राण शक्तियां बनाते हैं। इटली के एक उपन्यासकार ने शिक्षक के बारे में कहा है कि – शिक्षक उस मोमबत्ती के समान है तो स्वयं जलकर दूसरो को प्रकाश देती है। संत कबीर ने तो गुरु को ईश्वर से भी बड़ा बताते हुए कहा है –

गुरु गोविन्द दोउ खड़े, काके लागू पाय।
बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो मिलाय।।

अब मैं आप सभी को अपने प्यारे शिक्षकगणों के सम्मान के कविता की कुछ लाइनें कहना चाहता हूँ। सुनिए –

जीवन में राह दिखाए,
सही तरह चलना सिखाए,
माता-पिता से पहले आता,
जीवन में सदा आदर पाता।

सबको मान प्रतिष्ठा जिससे,
सीखी कर्त्वयनिष्ठा जिससे।
कभी रहा न दूर मैं जिससे,
वह मेरा पथदर्शक है जो।
मेरे मन को भाता,
वह मेरा शिक्षक कहलाता।

कभी है शांत, कभी है धीर।
स्वभाव में सदा गंभीर।
मन में दबी रहे ये इच्छा,
काश मैं उस जैसा बन पाता,
जो मेरा शिक्षक कहलाता।

आज के दिन हमारा कर्तव्य है कि हम अपने गुरुओं के प्रति अपना आभार और सम्मान व्यक्त करें। हमारे शिक्षकों का संघर्ष, उनका समर्पण और उनकी हमारे लिए की गई मेहनत हमारे लिए सबसे बड़ा उपहार है।

इसी अभारभावना के साथ, मैं अपनी वाणी को विराम देते हुए फिर से अपने गुरुओं का आभार व्यक्त करता हूँ कि वे हमें सफल और समृद्धि भरा जीवन देने के लिए अपने अमूल्य योगदान के लिए हमे सही मार्ग पर चलने के लिए मार्गदर्शन दिखाया है।

उपर्युक्त जानकारी में हमने आपसे Teacher’s Day Speech in Hindi के विषय में सूचना प्रदान की है। इस टॉपिक से जुडी अधिक जानकारी के लिए आप हमारे पेज को बुकमार्क कर सकते हैं। आशा करते है आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी से सहायता मिलेगी।

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