अविश्वास प्रस्ताव लाकर वोटिंग से वॉकआउट, विपक्ष ने जनता का अपमान किया – पीएम मोदी

पीएम में अपने संवाद में यह भी कहा कि इस समय हमने संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को हराकर देशभर में नकारात्मकता लाने वाले लोगो को करारा उत्तर दिया है।

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Reported by Pankaj Yadav

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पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर सीधा वार करते हुए कहा है – सत्र के शुरू होने पर ही कहा गया था कि सरकार मणिपुर के मामलों पर चर्चा के लिए पूरी तरह से तैयार है। किन्तु विपक्ष में इस चर्चा के न होने देने के लिए सभी प्रकार के अड़ंगे लगाने के प्रयास किये। पीएम के अनुसार विपक्षी नहीं चाहते है कि मणिपुर में शान्ति कायम हो।

आज पीएम ने पश्चिम बंगला के हावड़ा में बीजेपी पंचायती राज परिषद के प्रोग्राम को वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सम्बोधित किया। पीएम मोदी ने बंगाल एवं मणिपुर हिंसा मामले में विपक्ष की राजनीति एवं अपने 9 वर्षों के काम पर बाते रखी।

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अविश्वास प्रस्ताव से जनता का अपमान हुआ – पीएम

शनिवार के दिन बीजेपी के पश्चिम बंगाल के क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद सम्मेलन में बोलते हुए पीएम ने कहा कि विपक्ष मणिपुर के मामले पर चर्चा से बचाव के लिए ही अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। उन्होंने प्रस्ताव को लाकर जनता का भी अपमान किया है। फिर तीन दिनों तक सरकार पर बेकार के आरोप भी लगाए। इन सब के बीच तीसरे दिन की वोटिंग होने पर विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गए। पीएम के अनुसार यदि सदन में वोटिंग के दौरान विपक्ष भागीदारी करते तो गठबन्धन की पोल खुलती। वे जान जाते की कौन उनके साथ नहीं है।

पार्टी कार्यकर्त्ता चुनाव की तैयारी करें – पीएम

अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के प्रोग्राम में सम्बोधन देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी के एक जिले का अध्यक्ष प्रदेश के केंद्रीय मंत्री जैसा ही ताकतवर होता है। वो भी उतना काम कर सकता है जितना कि एक मंत्री। मोदी ने आगे कहा कि अब पार्टी का एक-एक कार्यकर्त्ता पूरी मेहनत से लग जाए और 2024 के इलेक्शन में फिर से भाजपा की सरकार को पूरा बहुमत से सरकार बनाए।

विपक्ष को जनता नहीं राजनीती से मतलब – पीएम

पीएम के अनुसार मानसून स्तर के शुरू होने से पूर्व ही गृहमंत्री अमित शाह ने पार्टियों को मणिपुर मामले पर बहस के लिए कहा था। किन्तु विपक्ष ने मामले पर चर्चा नहीं होने दी चूँकि उनको पता था कि मणिपुर मुद्दे का सच सर्वाधिक उनको ही चुभने वाला है। विपक्ष जनता के विषय में नहीं सोचता है बल्कि उन्हें सिर्फ राजनीति इस ही मतलब है।

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राहुल गाँधी अपनी योजना में नाकाम

सरकार के विरुद्ध इस अविश्वास प्रस्ताव से कुछ समय पहले ही विपक्षी नेता राहुल गाँधी की सदस्यता भी वापिस मिली है। इसके बाद कॉग्रेस पार्टी ने भी राहुल को सदन में एक मंच देने की कोशिश जरूर की है। फिर भी तीन दिनों में अविश्वास प्रस्ताव की बहस को देखें तो विपक्षी खेमो को निराशा ही मिली है। राहुल गाँधी सही बहुत से विपक्षी नेताओं ने सदन के इस मंच पर मिले मौके को हाथ से जाने दिया। हालाँकि राहुल के समर्थक और विरोधी लोग उनकी प्रतिक्रिया की बेताबी से प्रतीक्षा कर रहे थे।

घमण्डियां गठबंधन को जवाब मिला

पीएम में अपने संवाद में यह भी कहा कि इस समय हमने संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को हराकर देशभर में नकारात्मकता लाने वाले लोगो को करारा उत्तर दिया है। विपक्षी सदस्य संसद को बीच में ही छोड़ गए थे, लेकिन सच्चाई यह है कि वे अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग से डरे थे चूँकि वोटिंग से घमंडियां गठबन्धन की पोल ही खुलती।

जीत का दावा कर रही कॉंग्रेस

लोकसभा के विपक्षी नेता अधीर रंजन चौधरी ने अनुसार मणिपुर मामले में विपक्ष पीएम मोदी से संसद में बयान की माँग कर रहा था, किन्तु वे मौन है। विपक्ष को संसद में पीएम को लाने के लिए मजबूरन अविश्वास प्रस्ताव के संसदीय औजार का प्रयोग करना पड़ा। आज पीएम संसद में आ गए है, ये हमारे लिए जीत है।

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