Gi Tag: क्या अपने कभी Gi Tag का नाम सुना है, यदि सुना भी होगा तो बहुत कम लोग जानते है कि इसकी फुल फॉर्म क्या होती है। आज हम आपको Gi Tag से जुड़ी सभी जानकारी के बारें में बताने वाले है। GI का अर्थ होता है Geographical Indication. जिसे हिंदी में भौगोलिक संकेत कहते है। Gi Tag किसी वस्तु पर लगाने वाला प्रतीक है। जो मुख्य रूप से किसी उत्पाद की विशेषता, अलग पहचान और खास होने का प्रतीक दर्शाता है। यह tag खाद्य पदार्थो के अलावा किसी राज्य की संस्कृति , खान -पान, उत्पादित वस्तुओं की उच्च क्वालिटी के लिए दिया जाता है।
इसे भी जानें : जानिए सब्जियों और फलों के अलग-अलग रंग और स्वाद क्यों होते हैं ?
जीआई टैग क्या होता है ?
आपने कई बार दो राज्य को जीआई टैग प्राप्त करने के लिए विवादों को सुना होगा। जब देश के कुछ राज्यों में कुछ वस्तु काफी प्रचलन में होती है या फिर लोकप्रिय होती है जिसे एक खास दर्जा देने के लिए भारत सरकार की तरफ जीआई टैग दिया जाता है।
ऐसा करने से उस राज्य को दुनिया भर में विशेष पहचान मिल जाती है। जब कोई वस्तु तीन या चार राज्यों में विख्यात होती है तो किसी एक या दो राज्यों को वस्तु की उत्पादन के लिए Gi Tag दिया जाता है। भारत में Gi Tag की शुरुआत दिसंबर 1999 में पारित होने के बाद 15 सितम्बर 2003 को लागू कर दिया गया था।
जीआई टैग कौन देता है ?
भारत देश में किसी वस्तु की विशेष गुणवर्ता, फायदे और अलग पहचान होने के कारण Gi Tag दिया जाता है। भारत की विशेष खासियत वाली वस्तुओं को यह टैग दिए जाता है। Gi Tag वाणिज्य मंत्रालय विभाग के इंडस्ट्री प्रमोशन एंड इंटरनल ट्रेड द्वारा प्रदान किया जाता है। यह टैग किसी वस्तु के उत्पादन के लिए नहीं बल्कि वस्तु से संबंधित राज्य को प्रदान किया जाता है। कभी-कभी जीआई टैग एक राज्य के अलावा दो, तीन राज्यों को भी दिया जाता है।
ऐसा इसलिए क्योकि दोनों ही राज्यों में एक ही विधि के अनुसार वस्तु व उत्पाद का निर्माण होता है। पंजाब और हरियाणा राज्य को यह टैग चावल के उत्पादन के लिए दिया गया है।
ऐसे ही वह टैग किसी न किसी राज्य के खास वस्तु या उत्पाद को दिया जा चुका है। सबसे पहले यह tag सन 2004 में पश्चिम बंगाल की Darjeeling Tea (दार्जिलिंग के चाय) को दिया गया था।
Gi Tag का पूरा नाम
- Gi Tag full form in english – Geographical Indication Tag
- Gi Tag का पूरा नाम hindi में – भौगोलिक संकेत
Gi Tag के लाभ
भारत सरकार द्वारा राज्य के जिस वस्तु को Gi Tag प्रदान किया जाता है। उस वस्तु को कानूनी रूप को संरक्षण दिया जाता है। इसका अर्थ यह है की उस वस्तु को कोई दूसरा अपने नाम से नहीं बेच सकता है। इसके अलावा किसी वस्तु की उत्तम गुणवत्ता को दर्शाने बाजार में अच्छी बिक्री करने के लिए जीआई टैग महत्वपूर्ण होता है।
जिस वस्तु को जीआई टैग मिल जाता है, देश-विदेश में उस वस्तु की मांग बढ़ जाती है, जिस वजह से निर्यात में अच्छी बढ़ोतरी होती है। जीआई टैग प्राप्त करने के बाद आय कमाने के साधन बढ़ जाते है और राज्य में अलग पहचान बन जाती है।