Income Tax Refund: आयकर विभाग ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि की घोषणा की है। 9 अक्टूबर तक, विभाग ने 1.50 लाख करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड टैक्सपेयर्स को जारी किया है, जो कि एक बड़ी राशि है। इस खबर से उन करदाताओं को राहत मिली है जो अपने टैक्स रिफंड की प्रतीक्षा कर रहे थे।
इसके साथ ही, आयकर विभाग के अनुसार, अभी भी लगभग 35 लाख टैक्सपेयर्स हैं, जिन्हें अपने टैक्स रिफंड का इंतजार है। विभाग ने बताया कि एसेसमेंट वर्ष 2023-24 के लिए सितंबर तक 7.09 करोड़ से अधिक टैक्स रिटर्न दाखिल किए गए हैं। इनमें से 6.96 करोड़ से अधिक आईटीआर वेरीफाई किए जा चुके हैं और 6.46 करोड़ से अधिक रिटर्न प्रॉसेस्ड किए जा चुके हैं।
CBDT ने जारी किए आंकड़े
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 10 अक्टूबर को ये आंकड़े जारी किए। उनके अनुसार, 1 अप्रैल 2023 से 9 अक्टूबर 2023 के बीच जारी किए गए टैक्स रिफंड की कुल राशि 1.50 लाख करोड़ रुपये है। इस बड़ी राशि का जारी होना न केवल टैक्सपेयर्स के लिए बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी सकारात्मक संकेत है।
हालांकि, अभी भी उन 35 लाख टैक्सपेयर्स की प्रतीक्षा जारी है, जिन्हें अपना टैक्स रिफंड प्राप्त करना बाकी है। इस स्थिति पर विभाग का ध्यान केंद्रित है और वे इस दिशा में निरंतर काम कर रहे हैं ताकि सभी टैक्सपेयर्स को समय पर उनका रिफंड प्राप्त हो सके। यह प्रयास न केवल करदाताओं को राहत प्रदान करता है बल्कि देश की वित्तीय स्थिरता को भी मजबूती देने में मदद करता है।
आयकर विभाग ने किया सचेत
भारतीय आयकर विभाग ने हाल ही में उन टैक्सपेयर्स को सचेत किया है, जिनकी टैक्स रिटर्न संबंधित जानकारियां अपूर्ण या अशुद्ध हैं। विभाग द्वारा उन्हें ईमेल और संदेश के माध्यम से इसकी सूचना प्रेषित की गई है। इस संदर्भ में, विभाग ने बताया है कि बहुत से टैक्सपेयर्स ने अभी तक उनके द्वारा भेजे गए संदेशों का उत्तर नहीं दिया है, जिससे उनके टैक्स रिफंड में विलंब हो रहा है। विभाग ने सलाह दी है कि टैक्सपेयर्स जल्द से जल्द इसका जवाब दें, ताकि उनके रिफंड का जल्द से जल्द निपटान किया जा सके।
ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
इसके अलावा, वित्त मंत्रालय के अनुसार, 1 अप्रैल से 9 अक्टूबर तक की अवधि में भारत का ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 17.95 प्रतिशत बढ़कर 11.07 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसमें नेट कलेक्शन 9.57 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 21.82 प्रतिशत अधिक है। सीबीडीटी के अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने बताया कि वे पिछले वर्ष की तुलना में 21.78 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं, जो एक मजबूत वृद्धि दर्शाता है। अगर यह वृद्धि इसी दर से जारी रहती है, तो भारत अपने 18.23 लाख करोड़ के टैक्स कलेक्शन लक्ष्य को आसानी से पार कर सकता है।
इस प्रकार, आयकर विभाग की सख्ती और डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में हो रही वृद्धि देश के आर्थिक स्थिरता और विकास की दिशा में सार्थक कदम है।