भिखारी को मारकर 80 लाख का बीमा लिया, 17 सालो बाद गिरफ्तारी

गुजरात के अहमदाबाद में काफी अजीब सा केस देखने को मिला है जिसमे पुलिस ने जानकारी दी है कि अरेस्ट होने पर चौधरी ने कबूल किया कि वो और उसके पिता मौत का झूठा नाटक रचकर बीमे की रकम पाने की प्लानिंग कर चुके थे। प्लान के अनुसार अनिल सिंह चौधरी ने एक दुर्घटना मृत्यु ... Read more

Photo of author

Reported by Sheetal

Published on

गुजरात के अहमदाबाद में काफी अजीब सा केस देखने को मिला है जिसमे पुलिस ने जानकारी दी है कि अरेस्ट होने पर चौधरी ने कबूल किया कि वो और उसके पिता मौत का झूठा नाटक रचकर बीमे की रकम पाने की प्लानिंग कर चुके थे। प्लान के अनुसार अनिल सिंह चौधरी ने एक दुर्घटना मृत्यु का बीमा लिया और एक कार खरीदी।

पुलिस की जाँच में पता चला है कि बीमा के 80 लाख रुपये की राशि को पाने में एक भिखारी को मारकर झूठा नाटक बगी रचा गया। और बीते 17 वर्षो तक एक नई पहचान बनाकर आरोपी उत्तर प्रदेश में रहा रहा था जोकि अब पुलिस हिरासत में है। बुधवार को पुलिस की तरफ से यह सनसनीखेज केस की जानकारी दी गई।

Table of Contents

व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

अहमदाबाद के निकोल इलाके से गिरफ्तारी

अनिल सिंह चौधरी नामक व्यक्ति गौतमबुद्ध नगर जिले के भट्टा-पारसौल गाँव में रहता है और इसको पुलिस ने अहमदाबाद के निकोल इलाके से अरेस्ट किया है। 31 जुलाई 2006 के दिन आगरा के रकाबगंज थाने में एक कार एक्सीडेंट और आग से ड्राइवर की मृत्यु का केस की एफआईआर की गई। इस मृतक की पहचान अनिल सिंह चौधरी की तरह से की गई थी।

अब पुलिस की तरफ से जारी नोटिस में बताया गया है कि एक खास सूचना के तहत कार्रवाई करते हुए अहमदाबाद क्राइम ब्रान्च के अफसर ने अनिल सिंह चौधरी को अरेस्ट किया है। इसी व्यक्ति (Anil Singh Chaudhary) और इसके पिता ने बीमे की राशि ऐठने को लेकर अपनी मौत का नाटक रचा था।

2004 में मर्डर को अंजाम दिया

इन लोगो ने साल 2004 में दुर्घटना मृत्यु बीमा पॉलिसी ली और एक कार भी खरीदी। फिर इन लोगो ने एक भिखारी को नशीले पदार्थ वाला खाना भी खिलाया।

इसके बाद अपनी कार को बिजली के खंभे से टकराकर आग लगाई जिससे ये नार्मल एक्सीडेंट सा दिखे। अनिल के पिता ने मृतक को अपने बेटे की तरह पहचानते हुए बीमे की राशि का क्लेम किया।

अनिल ने अपना जुर्म भी कबूला

अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने अपने स्रोतों से पता लगाया कि अनिल सिंह चौधरी अभी जिन्दा है और वो अपना नाम बदलकर राजकुमार चौधरी करके निकोल क्षेत्र में रह रहा है। पुलिस के मुताबिक़ अरेस्ट होने बाद चौधरी यह मान गया है कि वो और उसके पिता इस मौत के झूठे नाटक से बीमा की रकम पाने की प्लानिंग कर चुके थे।

संबंधित खबर How to Get a Loan: आधार कार्ड से ₹200000 का लोन कैसे ले, जानें

How to Get a Loan: आधार कार्ड से ₹200000 का लोन कैसे ले, जानें

प्लान के अनुसार इन दोनों ने 2004 में एक दुर्घटना मृत्यु बीमा पॉलिसी लेकर कार खरीदी। विज्ञप्ति के मुताबिक़ फिर अनिल सिंह चौधरी और उसके पिता-भाइयों ने ट्रेन के एक भिखारी को खाने का लालच देकर आगरा के एक होटल में ले गए और उसको नशीले पदार्थ का खाना खिलाया।

पुलिस के अनुसार इन आरोपियों ने इस बेसुध भिखारी को कार में बैठाकर कार जानबूझ कर बिजली के खंभे से टकरा दी जिससे ये एक एक्सीडेंट लगे। इसके बाद उस भिखारी को ड्राइविंग सीट पर बैठने के बाद कार में आग लगा दी जिससे यह एक नार्मल एक्सीडेंट ही लगे।

पिता ने बीमा रकम को बँटवाया

इसके बाद अनिल सिंह चौधरी के पिता विजयपाल सिंह ने डेड बॉडी को अपने बेटे के रूप में पहचाना और गौतमबुद्ध नगर जिले के पैतृक गाँव में जाकर अंतिम संस्कार भी किया। पुलिस के मुताबिक़ प्लान के मुताबिक़ विजयपाल सिंह चौधरी ने अपने बेटे के दुर्घटना मौत बीमे से 80 लाख रुपये का क्लेम भी प्राप्त किया और यह पैसा परिवार के मेंबर्स में भी बाँटा गया।

विज्ञप्ति के मुताबिक़ अपने हिस्से को लेकर अनिल सिंह चौधरी साल 2006 में अहमदाबाद आया और उसके बाद से उत्तर प्रदेश के अपने पैतृक गाँव नहीं गया। उसने अपना नाम भी राजकुमार चौधरी रख लिया और इसी नाम पर ड्राइविंग लाइसेंस और आधार कार्ड भी जारी करवाया। फिर अपनी पैसे कमाने के लिए लोने लेकर एक ऑटो-रिक्शा और कार भी ख़रीदे।

burning car

यह भी पढ़ें :- दुनिया की सबसे ताकतवर थल सेनाओ वाले देशो के नाम

उसके बयान के अनुसार अनिल सिंह कभी अपने गाँव नहीं गया और न ही कभी परिवार से भी फोन का संपर्क रखा। अब उसे आगे की कार्रवाई को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपा जाएगा।

संबंधित खबर Heart Health These symptoms can be seen when heart vein is blocked, do not ignore it at all

Heart Health: दिल की नस ब्लॉक होने पर दिख सकते हैं ये लक्षण, बिलकुल भी न करें अनदेखा

Leave a Comment

WhatsApp Subscribe Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp