नई दिल्ली. बेंगलुरू की एक महिला को एक दर्जन अंडे 12,000 रुपये से भी ज्यादा महंगे पड़ गये. आपको यह जानकर और हैरानी होगी कि उसने इतना पैसा खो दिया और अंडे फिर भी नहीं मिले. यह सुनने में बड़ा अटपटा सा लगता है, मगर सच यही है. दरअसल, वह महिला 49 रुपये में 48 अंडे (4 दर्जन) खरीदने की कोशिश में स्कैम का शिकार हो गई.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बेंगलुरु की एक महिला ने हाल ही में 49 रुपये में चार दर्जन अंडे खरीदने की कोशिश के बाद 48,000 रुपये से अधिक का नुकसान उठाया. शहर के वसंतनगर इलाके की रहने वाली 38 वर्षीय महिला को 17 फरवरी को अपने ईमेल पर एक विज्ञापन मिला, जिसमें दावा किया गया था कि एक कंपनी बहुत कम कीमत पर अंडे बेच रही है.
महिला ने विभिन्न ऑफर खोजने के लिए विज्ञापन को नीचे स्क्रॉल किया और अंडे के ऑफर का विकल्प चुना. इसके तहत उसे चार दर्जन अंडों के लिए 49 रुपये का भुगतान करना था. महिला ने बताया, “विज्ञापन पर एक शॉपिंग लिंक भी दिया गया था. जब मैंने उस पर क्लिक किया, तो यह मुझे एक पेज पर ले गया, जहां मुर्गियों को कैसे पाला गया और अंडे कैसे एकत्र किए गए और वितरित किए गए, इन सब चीजों का ब्यौरा था.”
ऐसे कट गए 10 गुना ज्यादा पैसे
महिला ने कहा, “मैंने 49 रुपये में चार दर्जन अंडे खरीदने का फैसला किया. जब मैं ऑर्डर देने के लिए आगे बढ़ी, तो यह मुझे एक कॉन्टेक्ट इन्फॉर्मेशन पेज पर ले गया.” महिला ने यहां अपने कार्ड का ब्यौरा दर्ज किया और ऑर्डर देने के लिए क्लिक किया. अब उसे पता चला कि केवल क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भुगतान का विकल्प था. वह भुगतान करने के लिए आगे बढ़ी, लेकिन अंततः उसके खाते से लगभग 10 गुना अधिक राशि निकल चुकी थी.
खुद ही दे दी कार्ड की पूरी डिटेल
महिला ने बताया, “मैंने अपनी कार्ड डिटेल डाली और ऑर्डर करने के लिए उस पर क्लिक किया. यह मुझे अगले पेज पर ले गया, जहां उनके पास केवल क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भुगतान के विकल्प थे. मैंने एक्सपायरी डेट और सीवीवी नंबर सहित अपने क्रेडिट कार्ड का ब्यौरा दर्ज किया और ‘प्रोसीड टू पेमेंट’ पर क्लिक किया. अब मुझे अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त हुआ. इससे पहले कि मैं ओटीपी दर्ज करती, मेरे क्रेडिट कार्ड खाते से कुल 48,199 रुपये डेबिट हो गए. यह पैसा ‘शाइन मोबाइल एचयू’ नामक खाते में गया.”
महिला को भुगतान के संबंध में बैंक के क्रेडिट कार्ड अनुभाग के अधिकारियों से फोन आया और बाद में साइबर अपराध अधिकारियों ने उसे स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा, “मैंने उन्हें धोखाधड़ी के बारे में बताया और उन्होंने मेरा खाता ब्लॉक कर दिया. मैंने साइबर अपराध हेल्पलाइन (1930) पर कॉल किया और उन्होंने मुझे निकटतम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया.” निर्देश का पालन करते हुए नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की, जिसके बाद आईटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और घटना की आगे की जांच जारी है.
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