GPF Explainer: उत्तर प्रदेश सरकार के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट आया है। राज्य सरकार ने सामान्य भविष्य निधि (GPF) खाते में जमा की जा सकने वाली अधिकतम राशि को 5 लाख रुपये तक बढ़ाने की मंजूरी दी है। इस बदलाव के लिए यूपी कैबिनेट ने हाल ही में अपनी स्वीकृति दी है। पहले इस खाते में जमा राशि की कोई सीमा नहीं थी, जिसमें अब यह बदलाव किया गया है।
इस नई व्यवस्था के तहत, राज्य के लगभग 7 लाख कर्मचारी, जो पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत आते हैं, अपने मूल वेतन का कम से कम 10 प्रतिशत अपने GPF खाते में जमा कर सकेंगे। यह योजना केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए ही उपलब्ध है।
क्या है GPF अकाउंट?
GPF अकाउंट एक प्रकार का भविष्य निधि खाता है, जो केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए ही उपलब्ध होता है। इस खाते में कर्मचारी के द्वारा जमा की गई राशि का भुगतान उन्हें रिटायरमेंट के समय किया जाता है। इस खाते में सरकार की ओर से कोई योगदान नहीं किया जाता है और इसमें केवल कर्मचारी का ही योगदान होता है। वित्त मंत्रालय द्वारा हर तिमाही में GPF की ब्याज दर में परिवर्तन किया जाता है।
इस नए नियम से यूपी सरकार के कर्मचारियों को अपने भविष्य के लिए अधिक धनराशि जमा करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी वित्तीय सुरक्षा मजबूत होगी। यह कदम उनके रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय योजना को सुदृढ़ करने में मदद करेगा।
सरकारी कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित वित्तीय योजना
जीपीएफ यानी सामान्य भविष्य निधि खाता सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय उपकरण है। इस खाते की विशेषताएं इसे न केवल वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती हैं, बल्कि यह लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट का भी एक उत्कृष्ट विकल्प है।
जीपीएफ में योगदान की दर कर्मचारी के मूल वेतन का 6% होती है और यह राशि हर महीने कम से कम 500 रुपये होती है। जीपीएफ खाते पर ब्याज दर हर तीन महीने में एक बार संशोधित की जाती है, जो वर्तमान में 7.1 प्रतिशत है। इस खाते से, कर्मचारी अपने रिटायरमेंट के समय अपनी पूरी जमा राशि का 100% निकासी कर सकते हैं।
जीपीएफ का लाभ
जीपीएफ का फायदा इसकी सुरक्षा और टैक्स लाभ में निहित है। यह योजना सरकार द्वारा समर्थित है, जिससे इसमें निवेश किया गया धन सुरक्षित रहता है। यह लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान है, जो रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। इसमें प्राप्त ब्याज पर टैक्स बेनिफिट का भी लाभ उठाया जा सकता है। वित्त मंत्रालय की ओर से जीपीएफ की ब्याज दर में पिछली कई तिमाहियों से कोई परिवर्तन नहीं किया गया है, जिससे इसमें निवेश करने वाले कर्मचारियों को स्थिरता का अनुभव होता है।
GPF के लिए पात्रता
जीपीएफ यानी सामान्य भविष्य निधि खाता, भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों के अधीन कार्यरत कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय साधन है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी को नियमित रूप से नियुक्त होना चाहिए और उनकी आयु 18 वर्ष से कम नहीं तथा 60 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही, कर्मचारी की निरंतर सेवा एक वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
कैसे निकालें जीपीएस से पैसे
जीपीएफ खाते से धन निकासी की प्रक्रिया भी सरल है। कर्मचारी अपने रिटायरमेंट के बाद जीपीएफ खाते में जमा की गई पूरी राशि को निकाल सकते हैं। रिटायरमेंट से पहले भी आवश्यकता पड़ने पर, कर्मचारी इस खाते से धनराशि निकाल सकते हैं, लेकिन इसके लिए सरकार की अनुमति आवश्यक होती है।
जीपीएफ एक सुरक्षित और लाभदायक निवेश योजना है जो सरकारी कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। इस योजना के माध्यम से, कर्मचारी अपने भविष्य के लिए सुरक्षित और स्थायी आर्थिक निधि का निर्माण कर सकते हैं, जो उनके रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करती है।