30 अक्टूबर, सोमवार को बिहार बीएड अभ्यर्थियों के मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने रिजल्ट पर स्टे लगाने वाली याचिका को स्वीकार करते हुए, इसकी आगे की सुनवाई के लिए 3 नवंबर की तारीख निर्धारित की। अब यह मामला चीफ जस्टिस वाली बेंच के सामने आयेगा।
बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने सुप्रीम कोर्ट में बीएड अभ्यर्थियों के पक्ष में याचिका दायर की थी। उनका तर्क था कि बिहार लोक सेवा आयोग ने बीएड अभ्यर्थियों के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार किया है।
दीपांकर गौरव ने जोर दिया कि बीएड और डीएलएड अभ्यर्थियों का एक साथ रिजल्ट जारी करना चाहिए था। वे आशा व्यक्त करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट बीएड अभ्यर्थियों के साथ न्याय करेगा और उन्हें न्याय दिलायेगा।
गौरव ने बताया कि याचिकाकर्ता ने बीएड अभ्यर्थियों के बीच प्रारंभिक के 72 हजार रिजल्ट को डीएलएड अभ्यर्थियों के बीच में विभाजित करने की चुनौती दी है। वे आग्रह करते हैं कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने बीएड अभ्यर्थियों के हक में फैसला दिया, तो रिजल्ट पर रोक लगाई जानी चाहिए।
यह मामला पहले से ही चर्चा में है, और अब इस पर चीफ जस्टिस की बेंच की सुनवाई होने वाली है। बीएड अभ्यर्थियों की आशाएं अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हैं।