कृष्ण के नाम के साथ राधा का ही नाम जुड़ा हुआ है। अब सवाल यह उठता है कि राधा जब श्रीकृष्ण के जीवन में इतनी महत्वपूर्ण थीं तो उन्होंने राधा से विवाह क्यों नहीं किया? आइए जानते हैं राधा -कृष्ण से जुड़े सभी सवालों के उत्तर जानिए
कृष्ण और राधा ने वहां एक-दूसरे को पहली बार देखा था। दोनों एक-दूसरे को देखकर मुग्ध हो गए थे। जहां पर राधा और कृष्ण पहली बार मिले थे, उसे संकेत तीर्थ कहा जाता है, जो कि संभवत: नंदगांव और बरसाने के बीच है।
इस स्थान पर आज एक मंदिर है। इसे संकेत स्थान कहा जाता है। मान्यता है कि पिछले जन्म में ही दोनों ने यह तय कर लिया था कि हमें इस स्थान पर मिलना है। यहां हर साल राधा के जन्मदिन यानी राधाष्टमी से लेकर अनंत चतुर्दशी के दिन तक मेला लगता है।
राधा और कृष्ण के बीच पहले सांकेत स्थल और फिर बाद में वृंदावन में होती रही मुलाकात के कारण प्रेम जन्म लेने लगा था। बचपन का प्यार बहुत गहरा और निष्काम होता है। श्रीकृष्ण उस वक्त 8 साल के और राधा 12 साल की थीं।
राधा और कृष्ण के बीच पहले सांकेत स्थल और फिर बाद में वृंदावन में होती रही मुलाकात के कारण प्रेम जन्म लेने लगा था। बचपन का प्यार बहुत गहरा और निष्काम होता है। श्रीकृष्ण उस वक्त 8 साल के और राधा 12 साल की थीं।
कहते हैं कि उस वक्त श्रीकृष्ण को 2 ही चीजें सबसे ज्यादा प्रिय थीं- बांसुरी और राधा। कृष्ण की बांसुरी की धुन सुनकर राधा के जैसे प्राण ही निकल जाते थे। कई जन्मों की स्मृतियों को कुरेदने का प्रयास होता था और वह श्रीकृष्ण की तरफ खिंची चली आती थी।
भगवान श्रीकृष्ण ने राधा से कहा कि वे उनसे कुछ मांग लें, लेकिन राधा ने मना कर दिया। कृष्ण के दोबारा अनुरोध करने पर राधा ने कहा कि वे आखिरी बार उन्हें बांसुरी बजाते देखना और सुनना चाहती हैं। श्रीकृष्ण ने बांसुरी ली और बेहद सुरीली धुन में बजाने लगे।
बांसुरी की धुन सुनते-सुनते एक दिन राधा ने अपने शरीर का त्याग कर दिया। कहते हैं कि श्रीकृष्ण अपनी प्रेमिका की मृत्यु बर्दाश्त नहीं कर सके और उन्होंने बांसुरी तोड़कर झाड़ी में फेंक दी। उसके बाद से श्रीकृष्ण ने जीवन में कभी बांसुरी नहीं बजाई!