अगर समय पर आप किस्त नहीं दे पाते तो इससे बैंक की तरफ से पेनल्टी लगाई जाती है. साथ ही सिबिल स्कोर खराब होने का रिस्क भी बढ़ता है।
अगर किसी मजबूरी के चलते ईएमआई बाउंस हुई है तो सबसे पहले बैंक शाखा में जाकर बैंक मैनेजर से मिलें और अपनी समस्या बताएं
इस बीच अगर बैंक की ओर से पेनल्टी लगाई भी जाती है, तो वो इतनी नहीं होगी कि आप दे न सकें
अगर आपको लगता है कि आप कुछ समय तक लोन की ईएमआई नहीं चुका पाएंगे तो ईएमआई को कुछ समय के लिए होल्ड करने के लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं।
अगर आपका लोन कम समय के लिए बाउंस हुआ है तो आप बैंक मैनेजर से रिक्वेस्ट करें कि वो आपके सिबिल में निगेटिव रिपोर्ट न भेजें।
अगर लोन लेने के बाद परिस्थिति बदल गई और आप लोन की किस्त नहीं चुका पा रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में आप बैंक मैनेजर से मिलकर लोन सेटलमेंट के लिए बात कर सकते हैं।