महाभारत के इस महायुद्ध में, कुछ ऐसे पात्र भी हैं जिनकी कहानी आमतौर पर अज्ञात रहती है। ऐसा ही एक पात्र है महाभारत के योद्धा दुर्योधन की पत्नी भानुमति का।

दुर्योधन की पत्नी का नाम भानुमति था और वो कई गुणों से संपन्न भी थीं। लेकिन कुछ कारणों की वजह से वो इस ग्रन्थ से लगभग गायब थीं। आइए आपको बताते हैं भानुमति से जुड़ी कुछ बातों के बारे में।

भानुमति काम्बोज के राजा चंद्रवर्मा की पुत्री थीं जैसे ही वो बड़ी होने लगीं उनके पिता ने उनके विवाह के लिए स्वयंवर रचा। स्वयंवर में दूर दूर के धुरंधर सम्मिलित हुए।

लेकिन जब स्वयंवर की बारी आयी तब भानुमति ने दुर्योधन का चुनाव न करके वर माला लेकर आगे बढ़ गईं। इस बात पर क्रोधित होकर दुर्योधन ने जबरन ही वर माला अपने गले में डलवाई और उसे अपनी पत्नी बना लिया। 

महाभारत की पौराणिक कथा के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जब युद्ध समाप्त हो गया और दुर्योधन की मृत्यु हो गयी तब पांडवों ने अपने वंश को आगे बढ़ाने के लिए भानुमति को अपनी पत्नी बनाने का विचार किया।

 उस समय भानुमति ने अर्जुन  से विवाह स्वीकार कर लिया और पांडवों के परिवार का हिस्सा बन गईं। ताकि आगे चलकर  उसके वंश यानि कौरवों के वंश से कोई भी पांडवों से युद्ध का बदला लेने की योजना न बनाए