लेकिन जब स्वयंवर की बारी आयी तब भानुमति ने दुर्योधन का चुनाव न करके वर माला लेकर आगे बढ़ गईं। इस बात पर क्रोधित होकर दुर्योधन ने जबरन ही वर माला अपने गले में डलवाई और उसे अपनी पत्नी बना लिया।
महाभारत की पौराणिक कथा के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जब युद्ध समाप्त हो गया और दुर्योधन की मृत्यु हो गयी तब पांडवों ने अपने वंश को आगे बढ़ाने के लिए भानुमति को अपनी पत्नी बनाने का विचार किया।