डीपफेक वीडियो बनाकर लोगों को गुमराह करने पर भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। IT एक्ट, 2000 के तहत ऐसा करने पर जुर्माने के अलावा जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है. अगर कोई भारत में किसी की प्राइवेसी से खिलवाड़ करके फर्जी वीडियो/फोटो बनाते और शेयर करते हैं तो देखें कि भारतीय कानून के मुताबिक क्या कार्रवाई की जा सकती है
आईटी एक्ट का सेक्शन 66C पहचान की चोरी का प्रावधान है. अगर कोई भी धोखाधड़ी या बेईमानी से किसी अन्य व्यक्ति के इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर, पासवर्ड या किसी दूसरे यूनीक आइडेंटिफिकेशन का इस्तेमाल करेगा तो 1 लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
सेक्शन 66डी के तहत फ्रॉड करने के लिए इंपर्सनेशन यानी दूसरे का रूप धारण करना या दूसरे की तरह दिखने की एक्टिंग करना कानून जुर्म है. ऐसा करने पर 3 साल तक कैद और 1 लाख रुपये तक जुर्माना लग सकता है.
सेक्शन 66E प्राइवेसी से जुड़ा मामला देखता है. अगर कोई भी जानबूझकर किसी व्यक्ति की प्राइवेसी का उल्लंघन करते हुए उसकी सहमति के बिना उसके प्राइवेट एरिया की इमेज को कैप्चर, पब्लिश या फैलाता है. तो 3 साल की जेल और 2 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।
सेक्शन 67 के तहत इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील कंटेंट पब्लिश करने या वायरल करने पर सजा का प्रावधान है. अगर कोई ऐसा कंटेंट बनाता है या पब्लिश करता है जो अश्लील है, कामुकता को बढ़ावा देता है, तो ऐसा पहली बार करने पर 3 साल की जेल और 5 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है
रश्मिका मंदाना के डीपफेक वीडियो के मामले में सेक्शन 66C, 66E और 67 लागू हो सकते हैं. कुछ मामले ऐसे भी होते हैं जहां हेट स्पीच फैलाने के लिए डीपफेक का सहारा लिया जाता है. ऐसे मामलों में आईटी एक्ट के अलावा आरोपी पर इंडियन पीनल कोड (IPC) के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है. इस तरह के केस में 153A और 295A के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है