पहले नंबर पर आता है प्यार का प्रतीक ताज महल। सफेद संगमरमर से तैयार ताज महल को 1632 ईसवीं में शाहजहां ने पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। इस भव्य और शानदार सरंचना को बनने में 22 साल का वक्त लगा।
कुतुब मीनार को उत्तर भारत में पहले मुस्लिम साम्राज्य के स्थल के रूप में जाना जाता है और यह उस जमाने की मुस्लिम वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है जिसका निर्माण सैंडस्टोन यानी बलुआ पत्थर से किया गया था।
1638 से 1648 के बीच लाल किले का निर्माण हुआ और उस वक्त उसका नाम किला-ए-मुबारक था जो लाल पत्थर से बना है। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से ही देश को संबोधित करते हैं।
इस महल का नाम हवा महल इसलिए भी पड़ा क्योंकि जब आप इस महल के अंदर जाएंगे तो भले ही बाहर हवा न चल रही हो लेकिन अंदर आपको ठंडक और हवा का अहसास होगा। इस महल में 953 खिड़कियां मौजूद है और इस महल का आकार सिर पर रखे जाने वाले ताज के जैसा है।
मध्य प्रदेश के छोटे से शहर खजुराहो में स्थित है खजुराहो का मंदिर जिसे यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज साइट में जगह मिली हुई है और यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। ऐसा माना जाता है कि खजुराहो के मंदिरों में कामुकता को बेहतरीन तरीके से दर्शाया गया है
एलोरा के गुफाएं पूरी दुनिया में चट्टान को काट कर बनाये गए सबसे बड़े मठ मंदिर परिसर है जिसमें बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म और जैन धर्म की कलाकृति और स्मारकों को प्रदर्शित करती हैं। एलोरा गुफाओं के समूह में कुल 100 गुफाएं हैं, जिनमें से केवल 34 गुफाएं ही पर्यटकों के लिए हैं।
मध्य प्रदेश में स्थित सांची स्तूप में भगवान बुद्ध के अवशेष रखे हुए हैं और यह जगह बौद्ध धर्म का पालन करने वालों के लिए सबसे अहम धार्मिक स्थलों में से एक है। इस प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल का निर्माण 3 शताब्दी ईसा पूर्व सम्राट अशोक ने करवाया था।
गंग वंश के महान राजा नरसिम्हादेव 1 ने ओडिशा के पुरी शहर से 35 किलोमीटर दूर स्थित कोणार्क मंदिर का निर्माण करवाया था जो बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है। यह मंदिर सूर्य देव को समर्पित है।
शोर मंदिर तमिलनाडु के महाबलीपुरम में स्थित एक दर्शनीय स्थल हैं जोकि बंगाल की खाड़ी में कोरोमंडल तट पर स्थित हैं। यह मंदिर प्राचीन स्मारकों का प्रतीक हैं और शोर मंदिर की मूर्तिकला पल्लव वास्तुकला का एक खूबसूरत उदहारण हैं।