अमेरिका में बनाकर तैयार हुआ बड़ा हिन्दू मन्दिर स्वामीनारायण अक्षरधाम मन्दिर

भारत के लोगो के लिए एक अच्छी खबर आ रही है। अमरीका में बनकर तैयार हुए सबसे बड़े हिन्दू मंदिर (Swaminarayan Akshardham Temple) को भक्तो के लिए खुल चुका है। न्यूजर्सी के रैबिन्सविले सिटी में तैयार हुए इस स्वामीनारायण अक्षरधाम मन्दिर को सन्डे के दिन विधि-विधान से पूजन के बाद दर्शन के लिए खोला गया।

अमरीका के भारतीय मूल के लोगो के बीच नया नवेला अक्षरधाम मंदिर आकर्षण का केंद्र बन गया है। सात समंदर पार निर्मित हुआ ये मंदिर भारत के बाहर बना अभी तक का सबसे विशाल मंदिर भी है। संडे वाले दिन अवकाश होने की वजह से बहुत से लोगो को इस मंदिर में आते देखा गया।

मंदिर के बारे में जानकारी मिली है कि इसको 183 एकड़ में बनाया है और वैदिक मंत्रो के साथ ही इसका उद्द्घाटन हुआ है। एक खबर के अनुसार इस मन्दिर को टाइम्स स्क्वायर से 90 मी. साउथ में 12 वर्षों के समय में बनवाया गया है और इसको बनाने में देशभर के 12,500 से ज्यादा वॉलेंटियर्स आए थे। मंदिर को साल 2012 में बनाना शुरू किया गया था।

नौ दिनों के कार्यक्रम के बाद मन्दिर का श्रीगणेश

30 सितम्बर से नौ दिनों के उत्सव कार्यक्रम के बाद संडे के दिन इस भव्य मन्दिर का श्रीगणेश किया गया। इसके बाद भक्तो के दर्शन के लिए मंदिर के द्वार खोल दिए गए। स्वामी महाराज के द्वार हुई विधि-पूर्वक प्राण प्रतिष्ठा बाद ही मन्दिर को भक्तो के लिए खोला गया।

मंदिर में संस्कृति को संरक्षण मिलेगा

मन्दिर के द्वारा मिली जानकारी के आधार पर जानकारी दी गई है कि इस मंदिर से भारतीय संस्कृति एवं परम्परा को मॉडर्न ऐरा के अमरीका के समक्ष रखने का कार्य होगा। उन्होंने जानकारी दी है कि विश्वभर के स्वयंमित्रों ने मंदिर निर्माण में मदद दी है। इस प्रकार से शान्ति, उम्मीद एवं सद्भावना का सन्देश देने का काम हुआ है।

स्वयंसेवक के मुताबिक़ हमें पिछले काफी सालों से इस घडी की प्रतीक्षा थी। उनके मुताबिक़ अंत में वो दिन आ ही गया जिस समय पूरे देश के लोग मंदिर में आ पाएंगे। लोगो को मंदिर में हिन्दू संस्कृति, शांति, भक्ति एवं शिल्पकला के दर्शन होने वाले है।

29 देशों से पत्थर आये है

जानकारी के मुताबिक़ इस मंदिर के निर्माण में 12,500 स्वयंसेवक कार्य में लगे थे। इस कार्य में बहुत से वर्गों के पुरुष, महिला एवं बच्चो ने सहयोग किया है। इन सभी ने अपने काम, जॉब एवं शिक्षा से अवकाश लेने के बाद मन्दिर को बनाने में काफी दिन एवं माह लगाए है।

स्वयंसेवक से मिली जानकारी के अनुसार इस मंदिर को बनाने में 1.9 मिलियन क्यूबिक फ़ीट पत्थर प्रयोग में लाए गए है। इन पत्थरो को करीबन 29 देशों से मँगवाया गया है। भारत का ग्रेनाइट, राजस्थान का बलुआ पत्थर, म्यांमार की सागौन लकड़ी, ग्रीस, तुर्की एवं इटली का संगमरमर और बुल्गारिया एवं तुर्की का चूना पत्थर लाया गया है।

मन्दिर में है 10,000 डिजाइनदार मूर्तियाँ

स्वयंसेवक के मुताबिक़ इस मंदिर का निर्माण पुरानी भारतीय कला, वास्तुकला एवं परम्परा के हिसाब से ही डिजाइनिंग की गई है। यहाँ पर 10 हजार से मूर्तियाँ, पुराने भारतीय वाद्य यंत्र, नाचने की मुद्रा वाली आकृतियाँ देखने को मिलेगी। इसके साथ ही यहाँ पर भारत की पवित्र नदियों का पानी भी सम्मिलित है।

Swaminarayan Akshardham Temple
Swaminarayan Akshardham Temple

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8 अक्टूबर का दिन अक्षरधाम दिवस

मंदिर से मिल रही जानकारी के अनुसार अमरीकी कॉंग्रेस सदस्य ग्रेस मेंग न्यूयोर्क सहित आसपास के क्षेत्रों में 8 अक्टूबर के दिन को ‘अक्षरधाम दिवस’ की तरह से घोषित किया है। उनके मुताबिक़ अक्षरधाम न्यूजर्सी में जरूर है किन्तु न्यूयोर्क भी इसका भाग बनने को इच्छुक है। अब न्यूजर्सी और न्यूयोर्क सहित समूचा यूएसए 8 अक्टूबर को ‘अक्षरधाम दिवस’ मनाना चाहता है।

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