ISRO चीफ ने चंद्रयान 3 मिशन के सफल होने की जानकारी दी, लैंडर और प्रज्ञान काम करके सो गए

इसरो प्रमुख डॉ एस सोमनाथ (S. Somanath) ने जानकारी दी है कि मिशन चंद्रयान 3 पूर्ण हो गया है और लैंडर एवं रोवर ने दिए गए कार्य को कर लिया है। ये एक कामयाब और शानदार मिशन था। अब लैंडर के नींद से न जागने का भी हमे पछतावा न होगा चूँकि वो अपने काम को करके ही सोए है।

देश के लिए एक बड़ी खबर आ रही है कि इसरो ने चद्रयान 3 मिशन को पूरा कर लिया है और ये कामयाब भी हुआ है। विक्रम लैंडर और प्रज्ञान ने अपने कार्य को अच्छे से कर लिया है, वे सो भी चुके है। अब अगली रात तक उनको जगाने की कोशिशे होती रहेगी। यदि ये जागते है तो अच्छी बात है नहीं तो कोई दिक्कत नहीं है। ऐसा इसरो प्रमुख सोमनाथ का कहना है।

मिशन सफल हुआ – इसरो प्रमुख

गुजरात के वेरावल में इसरो चीफ ने जानकारी दी है कि प्रज्ञान रोवर एवं विक्रम लैंडर को जो टास्क दिए गए थे उनको वे पूर्ण कर चुके है। इसके बाद अब वे सो भी जाते है तो किसी परेशानी की बात नहीं है। यह मिशन (Chandrayaan-3) कामयाब हो गया है।

यदि रोवर एवं लैंडर के सर्किट खराब न होते तो प्रज्ञान एवं विक्रम फिर से जागकर सक्रिय हो जाते। अभी शिव शक्ति पॉइंट का टेम्प्रेचर – 200 डिग्री से कम हो चुका है। अब जब तक सूरज और चाँद रहेंगे तब तक चंद्रयान 3 चाँद पर रहने वाला है।

लैंडर और प्रज्ञान को सिग्नल भेजना जारी

विक्रम लैंडर एवं प्रज्ञान रोवर से कॉन्टेक्ट करने की कोशिशे हो रही है और उन दोनों ने ही अपने कार्य को कर लिया है। अभी अगली रात्रि होने से पहले तक ये संपर्क के प्रयास जारी रहेंगे। किन्तु अब उनसे कोई भी मैसेज नहीं मिल रहा है चूँकि उनमे भेजे गए सिग्नल को समझने की ताकत नहीं रही है।

साल के अंत में एक्सपोसैट एवं SSLV-D3

एक्सपोसैट मतलब एक्स-रे पोलैरीमीटर सैटेलाइट को इसी साल के अंत में दिसंबर तक लॉन्च कर देंगे जोकि भारत का पोलैरीमीटर सैटेलाइट रहने वाला है। ये स्पेस में जाकर एक्स-रे सोर्सेस का विश्लेषण करने वाला है। अब ये लॉन्चिंग के लिए भी रेडी हो चुका है और शीघ्र ही इसकी तारीखों के ऐलान भी होंगे। इसको ब्लैक हॉल, नेबुला एवं पल्सर का अध्ययन करना है।

साथ ही पर्यावरण का अध्ययन करने वाला सैटेलाइट भी लॉन्च होगा जोकि इनसेट-3डीएस होगा। ये भारत में मौसम के हाल की डिटेल्स देने वाला है। फिर SSLV-D3 रॉकेट को भी लॉन्च किया जायेगा, स्माल सैटेलाइट लॉन्च विहिकल को दिसंबर तक लॉन्च किया जाना है।

भारत-अमेरिका मिलकर NISAR लॉन्च करेंगे

इसके बाद भारत और अमेरिका आपस में मिलकर एक मिशन की लॉन्चिंग करने वाले है जिसका नाम निसार होगा। ये इण्डिया-यूएस बिल्ड सिंथेटिक अपर्चर रडार है। इसकी सहायता से पृथ्वी की आने वाली प्राकृतिक विपदा को जाना जायेगा। निसार की स्थापना पृथ्वी की नीचे वाली कक्षा में होगी।

ये 12 दिनों के अंतराल में धरती का मैप तैयार करेगा और हमेशा पृथ्वी के जैव पर्यावरण, बर्फ की मात्रा, जंगल, बायोमास, सागरीय जल का स्तर, भूजल स्तर, प्राकृतिक विपदाएँ, भूकम्प, सुनामी, ज्वालामुखी एवं भूस्खलन इत्यादि को देखता रहेगा। निसार में L एवं S दोहरे बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार लगे हुए है जिससे सार टेक्नोलॉजी के द्वारा बड़े क्षेत्र का उच्च गुणवत्ता का डाटा मिलता है।

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चन्द्रयान 3 के सफल होने के बाद शुक्र मिशन होने वाला है और डॉ सोमनाथ ने बताया है कि स्पेस एजेंसी शुक्र (वीनस) पर शोध करे की प्लानिंग कर रही है। इसमें स्पेस की जलवायु एवं धरती के ऊपर इसके असर को स्टडी करने में 2 सैटेलाइट छोड़ने की योजना है।

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