भारत में दिल के मरीजों की तादात प्रतिदिन बढ़ रही है और अब दिल की बीमारी से कम आयु वर्ग के लोग भी अपनी जाने गंवाने में लगे है। दिल की बीमारियों (heart diseases) के लिए सबसे बड़ा कारण आधुनिक जीवनशैली एवं खाने की आदते है। आज के समय में दिल के रोगो का खतरा बहुत बढ़ा है।
पुराने समय ने अधिक आयु के लोग ही दिल की बीमारी से ग्रसित होते थे किन्तु अब युवा लोग भी दिल की बीमारी से पीड़ित होने लगे है। पश्चिमी जीवनशैली, आराम तालाब जिंदगी एवं ज्यादा कैलोरी का भोजन इत्यादि दिल की बीमारियों के कारण बने हुए है।
एक ही स्थान पर बैठे ही अपने काम को काफी समय तक करते रहना और आधुनिक जीवनशैली की वजह से हाई बीपी, मधुमेह एवं हाई कोलेस्ट्रॉल के केस भी काफी बढ़ें है। ये सभी परेशानियाँ दिल के रोगो में बढ़ोत्तरी कर देती है और पीड़ित को काफी अधिक परेशानियों का सामान करना होता है।
इन बातो पर ध्यान देना जरुरी है
इस प्रकार से यदि कोई व्यक्ति 30 वर्ष आयु के बाद भी अपने दिल को रोगो (heart diseases) से मुक्त रखना चाह रहा है तो उसको कम आयु में ही कुछ बातो पर ध्यान देने की जरूरत है। इस प्रकार से दिल की बीमारियों को दूर रख सकते है।
धूम्रपान से दूरी – दिल के लिए धूम्रपान करना काफी घातक होता है और इसको (smoking) बंद कर देने से दिल के रोगो से मुक्ति मिल जाती है। किन्तु दुर्भाग्य से महिलाओं में भी धूम्रपान को लेकर काफी चलन बढ़ा है। धूम्रपान छोड़ने से बहुत से लाभ मिलते है और यदि धूम्रपान के साथ अल्कोहल भी लेते है तो ये काफी घातक हो सकता है।
मानसिक तनाव – वैसे मानसिक तनाव दिल के साथ और भी बहुत से रोगो को पैदा करता है। इससे (mental stress) दूर रहने के लिए अपने व्यक्तिगत जीवन एवं पेशेवर जीवन को अच्छे संतुलन दें। अपने परिवार के साथ अवश्य ही समय व्यतीत करें और अपने मनपसंद की वस्तुओ को भी समय देने की आदत डाले। ऐसे आपको तरोताज़ा अनुभव होगा।
भोजन एवं व्यायाम – आज के समय में किसी भी कठिन भोजन चार्ट को अपनाने से बेहतर है कि कोई सादा भोजन (diet) चार्ट अपना लें। साथ ही बाहरी कहने की चीजों से भी दूरी बना लेने की जरूरत है। ज्यादा मात्रा में सफ़ेद नमक को लेने से भी बचने की जरूरत है।
अपनी जीवनशैली में थोडा सा समय नियमित व्यायाम को भी जरूर देना है। नियमित व्यायाम आपको रोगो से तो दूर रखेगा ही और मानसिक तनाव में भी कमी लाएगा। एक सप्ताह में कम से कम 4 से 5 दिनों का वर्कऑउट जरूर रखें।
नियमित चिकित्सीय जाँच – अपने दिल की स्थिति हमेशा सही रखने में कुछ समय में इसका चेकअप करवाना जरुरी है। इस काम में नियमित रूप से डायबटीज़, बीपी एवं कोलेस्ट्रॉल के परिक्षण अवश्य करवाएं। नियमित मेडिकल टेस्ट से आपको बहुत से प्रकार के रोगो का शुरू में पता चल जायेगा।
कार्बोहाइड्रेट में कमी करें – दिल के रोगो से बचाव के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है कि बढ़ते वजन पर नियंत्रण लगाया जाए। इस काम के लिए मीठे, शीतल पेय पदार्थ, रिफायंड, चावल आदि को कम लेना है। जो लोग भी खाने-पीने का शौक रखते हो वे अपने मोटापे को अवश्य नियंत्रण में रखें।

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इनको ज्यादा खतरा है
जिन लोग को पहले से ही डायबटीज़, हाई बीपी या परिवार में हार्ट अटैक की हिस्ट्री है तो उन लोगो को दिल के रोगो का अधिक खतरा रहता है। इस प्रकार से लोगो को अधिक मात्रा में सजकता दिखाने की जरूरत है। ऐसे लोग कभी भी ज्यादा मात्रा एवं तेज़ी से जिम में व्यायाम न करें।