सिक्किम के ऊँचाई के स्थानों पर बादलो के फटने (Flash Flood) की वजह से तिस्सा नदी में पानी का स्तर एकदम बढ़ा है जिससे प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है। वहाँ रात्रि के समय सेना के 23 सैनिको सहित न्यूनतम 30 लोगो के गायब होने की खबर है। इन सभी लोगो के लिए सर्च मिशन चल रहा है।
प्रदेश (Sikkim) में आई इस विपदा की फोटो एवं वीडियो से काफी जानकारी मिल रही है। इससे देखने में आया है कि नदी के स्तर में बढ़ोत्तरी होने से 6 पुल ढहे है और वहाँ के घरो में नदी का जल भर गया है। पूरे इलाके में तबाही होने के बाद बचाव अभियान चलाए जा रहे है।
बादल फटने से झील की दीवार टूटी
सिक्किम की इस बाढ़ की घटना को साल 2013 में उत्तराखंड के केदारनाथ की तबाही जैसा कह सकते है। यह बाढ़ उत्तरी सिक्किम के मंगन जिले के ऊँचाई वाले क्षेत्र चुंगथांग में आई है। चुंगथांग में हिमालय में दक्षिणी लहोनक झील है जोकि एक ग्लेशियल झील है।
इस झील के ऊपर ही बादल के फटने से काफी तेज़ी से पानी बरसा है। इसके बाद पानी के तेज़ बहाव एवं दाब से झील की दीवार भी क्षतिग्रस्त हुई है। ऊँचाई अधिक होने के कारण से जल का बहाव नीचे के क्षेत्रों में हुआ है और तिस्सा नदी काफी जोरो पर बहने लगी है। ये ग्लेशियल 17,100 फ़ीट की ऊँचाई पर मौजूद है और लगभग 260 फ़ीट गहरी, 1.98 किमी लम्बी है।
झील के फटने की पहले से जानकारी थी
इस लेक को ग्लेशियल लेक आउटब्रस्ट फ्लड को लेकर काफी सेंसेटिव कही गई थी और लेक एक आकार भी समय के साथ में बढ़ने में लगा है। अब ग्लोबल वार्मिग के कारण से ल्होनक ग्लेशियल गलने लगा है। इस झील में ये गलता पानी एकत्रित हो रहा है। बुधवार को झेल के ऊपर बादल के फटने से लेक की दीवारे टूटी है।
झील के फटने से निचले क्षेत्रों में परेशानी
अब झील फट जाने के बाद से तिस्सा (Tissa) नदी में पानी का स्तर बढ़ गया है। इसी कारण से कुछ क्षेत्रों में काफी प्रभाव भी देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग की ओर से अगले 24 घंटो के लिए रेड एवं ऑरेंज अलर्ट घोषित कर दिया है। इसी वर्ष संसद में सरकार ने रिपोर्ट दी थी कि हिमालय के ग्लेशियर भिन्न-भिन्न दर से गलने में लगे है।
इसके बाद जलवायु में बदलाव से हिमालय की नदियाँ किसी भी वक्त विपदा ला देंगी, इसका सीधा से अर्थ है कि कश्मीर से उत्तर-पूर्व के प्रदेशो में आपदाएँ आने के अनुमान है।
नेशनल हाईवे और सड़के प्रभावित
सिक्किम राज्य की रेखा राष्ट्रीय राजमार्ग 10 को मानते है जोकि बहुत सी जगहों पर बाढ़ के आने से काफी बाधित हुआ है। सड़के भी बहुत से स्थानों पर बह चुकी है। प्रदेश के आपदा प्रबंधन डायरेक्टर प्रभाकर राय के अनुसार, ‘हमको मंगलवार की रात्रि 10 बजे के करीब तिस्सा नदी एवं लाचेन इलाके में जल के स्तर में बढ़ोत्तरी की खबरे मिली। यहाँ बदल फटा है जिसे हम सत्यापित करने के प्रयास कर रहे है।’
राय के मुताबिक़ तिस्सा नदी में एकदम से जल स्तर बढ़ने की सूचना मिलने पर अलर्ट जारी किया गया है और नदी के किनारे के नीचे वाले क्षेत्रों को भी खाली करवाने की शुरुआत हो गई है। सेना ने इसके लिए बादल फटने की वजह बताई है।
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इंडियन आर्मी ने जानकारी दी
इंडियन आर्मी ने कहा है कि उत्तरी सिक्किम के ल्होनक झील में एकदम से बादल के फट जाने की वजह से लाचेन घाटी की तिस्सा नदी में बाढ़ आई है। यह के कुछ सैनिक प्रतिष्ठान भी क्षतिग्रस्त हुए है और इनकी जानकारी लेने की कोशिशे हो रही है। चुंगथांग डेम से जल निकासी की वजहसे निचली तरफ 15 से 20 फ़ीट ऊँचाई तक पानी का स्तर एकदम से बढ़ गया है।