Sharmila Tagore Biography in Hindi | शर्मिला टैगोर जीवन परिचय
शर्मीला का जन्म 8 दिसंबर 1944 के दिन हैदराबाद, आंध्र प्रदेश में एक हिन्दू बंगाली परिवार में हुआ था। इनके पिताजी गितिन्द्रनाथ टैगोर एल्गिस मिल्स के मालिक थे।

शर्मीला टैगोर साल 1959 से 1984 तक हिंदी फिल्मो की मशहूर अदाकारा रह चुकी है। इसके बाद भी साल 1991 से 2010 के बीच भी इन्होने फिल्मों में सक्रियता दिखाई है। यदि इनके (Sharmila Tagore) फ़िल्मी करियर को देखें तो यह बहुत बड़ा है। लेकिन अब तो इन्होने फ़िल्मी दुनिया को लगभग अलविदा ही कह दिया है। अपनी पहली फिल्म में ही श्रेष्ठ अभिनय की वजह से ही इन्हे कई डायरेक्टर्स ने अभिनय का मौका दिया। खासतौर पर महशूर अभिनेता राजेश खन्ना के साथ तो इनकी जोड़ी काफी पसंद की गयी।
शुरुआती जीवन और पृष्टभूमि
शर्मीला का जन्म 8 दिसंबर 1944 के दिन हैदराबाद, आंध्र प्रदेश में एक हिन्दू बंगाली परिवार में हुआ था। इनके पिताजी गितिन्द्रनाथ टैगोर एल्गिस मिल्स के मालिक थे। शर्मीला ने अपनी स्कूली शिक्षा लोरेटो कान्वेंट, असंसोल, पश्चिम बंगाल से ली है। इसके बाद ये कोलकाता (तब कलकत्ता) के सेंट जॉनस डायोकेसन गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने लगी।
फ़िल्मी करियर
इनके फ़िल्मी सफर की शुरुआत मात्र 13 वर्ष की आयु में साल 1959 में एक बंगाली फिल्म “अपुर संसार” से हुई थी। इसके बाद इनको साल 1964 में बॉलीवुड की फिल्म ‘कश्मीर की कली’ में नायिका का रोल करने का मौका मिला। इस फिल्म में अच्छा अभिनय करने के कारण इनको आगे बहुत-सी हिंदी फिल्मो में अभिनय करने का मौका मिल गया। अपनी फिल्मों के माध्यम से शर्मीला ने दर्शकों के दिल में महान अभिनेत्री के रूप में जगह बना ली।
जिस दौर में अभिनेत्री अपने सर पर पल्लू लेकर माथे पर बड़ा सा टिका लगा रही थी। उसी समय शर्मीला ने इसके ठीक विपरीत जाकर छोटे और वेस्टर्न कपडे पहनकर दर्शकों के बीच अलग ही पहचान तैयार कर ली। उनके बोल्ड अंदाज़ को दर्शकों द्वारा भी अच्छा समर्थन और प्यार मिलता रहा।
शर्मीला ने अपने समय से जाने माने फिल्म डायरेक्टर सत्यजीत रे (Satyajit Ray) की फिल्म ‘अपुन संसार’ में जबरदस्त उपस्थिति दर्ज की थी। फिल्म में शर्मीला ने एक जवान पत्नी अपर्णा का किरदार निभाया था। कम उम्र के बावजूद उन्होंने ऐसा कुशल अभिनय दिखाया। सत्यजीत ने प्रभावित होकर अगली फिल्म देवी में भी लिया। रे की कुछ अन्य फिल्मों में भी अभिनय किया जैसे – अरण्यर दिन रात्रि, सीमाबाधा और नायक।
इसके कुछ ही सालो के बाद शर्मीला शक्ति सामंत की हिट फिल्म ‘कश्मीर की कली’ में लीड हेरोइन का किरदार मिला। जिसे की उम्मीदें थी शर्मीला ने अपने अच्छे अभिनय से खुद को एक सुपरस्टार के रूप में स्थापित कर लिया। सामंत भी उनसे प्रभावित हुए और उन्होंने उनको अपने अगली फिल्मो आराधना, एन ईवनिंग इन पेरिस, अमर प्रेम में लीड रोल दिया। ये फिल्म भी उनके करियर की कालजयी हिट साबित हुई।
शर्मीला की लव स्टोरी और शादी
बहुत से लोगों की राय थी कि मंसूर अली खान पटौदी ने शर्मीला की खूबसूरती के कारण शादी कर ली थी। किन्तु दोनों की पहली मुलाकात होने पर ही शर्मीला को मालूम हुआ कि नवाब पटौदी को फिल्मों में रूचि नहीं है। तो दोनों के बीच प्यार की शुरुआत क्रिकेट के खेल से हुई थी। पटौदी भी भारतीय क्रिकेट जगत के उम्दा खिलाड़ी और इंडियन टीम के कप्तान थे। क्रिकेट के कारण ही दोनों के बीच मिलने का सिलसिला शुरू हुआ। कुछ ही दिनों में पटौदी ने शर्मिला से शादी करने का मन बना लिया।
इसके बाद जब बात दोनों लोगों की सगाई तक पहुँची तो शर्मीला की एक ऐसी फिल्म रिलीज़ हुई जो इनके भविष्य को बहुत हद तक प्रभावित करने वाली थी। यह फिल्म थी – An Evening In Peris, इस फिल्म की खास बात यह थी कि शर्मिला पहली बार अपने बिकनी लुक में नज़र आने वाली थी। उस समय तक ज्यादातर लोगों को यह भरोसा हो चुका था कि अब दोनों की सगाई टूट जाएगी। नवाब पटौदी के खानदान की बेगम ऐसे जिस्म की नुमाइश नहीं कर सकती है। लेकिन टाइगर पटौदी का प्यार इन सभी बातों को गलत साबित कर गया।
साल 1968 में दोनों शादी के अटूट बंधन में बंध गए। शर्मीला टैगोर और मंसूर पटौदी की जोड़ी बॉलीवुड की आकर्षक और आदर्श जोड़ी समझी जाती है। इंडियन क्रिकेट टीम के कप्तान नवाब पटौदी से विवाह हो जाने के बाद शर्मीला ने अपना नाम “आयशा सुल्ताना ” रख लिया।
बिकनी को लेकर संसद में भी हंगामा हुआ
उन दिनों फ़िल्मी जगत में अभिनेत्रियों में बिकनी पहनने का कोई भी चलन नहीं था। यह एकदम पाश्चात्य परिधान था। लेकिन इसी बीच शर्मीला ने क्रम से बहुत सी फिल्मों में बिकनी पहनकर सनसनी सी पैदा कर दी। इसके बाद से ही प्रसिद्धि के साथ विवादों ने भी शर्मीला का पीछा शुरू कर दिया। उस समय सोसाइटी में बात यहाँ तक गयी कि शर्मीला के बोल्ड बिकनी लुक को लेकर भारतीय संसद में भी काफी हंगामा हुआ।
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निजी जीवन
शर्मीला ने अपनी शादी के बाद रिवायत के अनुसार नाम बदलकर ‘आयशा बेगम’ कर दिया। इनकी तीन संताने है – सैफ अली खान (फिल्म अभिनेता), सबा अली खान (ज्वेलरी डिज़ाइनर), सोहा अली खान (फिल्म अभिनेत्री) साल 2011 के सितम्बर महीने में शर्मीला के पति मंसूर अली खान पटौदी का देहांत हो गया।
शर्मीला और राजेश खन्ना की हिट जोड़ी
फ़िल्मी परदे पर बहुत सी ऑनस्क्रीन पसंदीदा जोड़ी की तरह शर्मीला को भी एक हीरो के साथ बहुत पसंद किया जाता था। यह हीरो थे राजेश खन्ना। राजेश खन्ना और शर्मीला ने एक समय पर 6 सुपरहिट फिल्मे दी है। यह फिल्मे है – आराधना, सफर, अमर प्रेम, छोटी बहू, दाग और आविष्कार।

शर्मीला की कुछ बेहतरीन फिल्मे
फिल्म का नाम | साल |
कश्मीर की कली | 1964 |
वक्त | 1965 |
सावन की गाथा | 1966 |
एन इवनिंग इन पैरिस | 1967 |
आमने सामने | 1967 |
मेरे हमदम मेरे दोस्त | 1968 |
आराधना | 1969 |
यकीन | 1969 |
तलाश | 1969 |
सत्यकाम | 1969 |
सफर | 1970 |
छोटी बहू | 1972 |
अमर प्रेम | 1972 |
दाग | 1973 |
आ गले लग जा | 1973 |
चुपके चुपके | 1975 |
मौसम | 1975 |
देश प्रेम | 1982 |
शर्मीला टैगोर को मिले पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार (1969)
- सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (1976)
- फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (1997)
- स्टार स्क्रीन लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (2003)
- शर्मीला को साल 2013 में देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण मिल चुका है।
अभिनेत्री शर्मीला टैगोर से जुडी कुछ बाते
- शर्मीला महाकवि रविंद्रनाथ टैगोर की ग्रैंड डॉटर (परपोती) भी है।
- इनकी सैकड़ों फिल्म को दर्शकों ने सराहा है।
- उनके बचपन के बहुत से साल कोलकाता में बीते है और इन्हे बंगाली खाना बहुत प्रिय है।
- इनके पति मंसूर खान पटौदी एक मशहूर क्रिकेट खिलाडी और भारतीय टीम के कप्तान थे।
- यह हिंदी फिल्मों की पहली अभिनेत्री थी जो साल 1967 में आयी फिल्म ‘एन इवनिंग इन पैरिस’ में बिकनी पहने दिखी थी।
- शर्मीला साल 1966-69 में वहीदा रहमान और नंदा के साथ दूसरी सबसे ज्यादा पैसे लेने वाली अभिनेत्री थी।
- साल 1970 से 1975 तक वह अभिनेत्री मुमताज़ के साथ सबसे ज्यादा फीस लेने वाली अदाकार बन गयी।
- इनके पसंदीदा फिल्म निर्देशक सत्यजीत रे है।
- शर्मीला खुद एक स्टार अभिनेत्री है परन्तु इन्हे संजीव कुमार, शशि कपूर, राजेश खन्ना और धर्मेंद्र की फिल्मे पसंद है।
- सीके अगले साल शर्मीला ने ग्लॉसी फिल्मफेयर मैगज़ीन के लिए बिकनी फोटोज दिए थे।
- शर्मीला ने अपने आगे के करियर में सेंसर बोर्ड की चेयर पर्सन बनकर अभिनेत्रियो के अंग प्रदर्शन पर कडा रुख रखा।
- साल 2005 में इन्हे भारत की तरफ से UNICEF के लिए ‘गुडविल एम्बेसडर’ बनाया गया।