जिन लोगों ने सहारा कंपनी में पैसा निवेश किया था और अभी तक उनको सहारा इंडिया परिवार ने पैसा नहीं दिया है। तो अब उन सभी लोगों के मन में यह प्रश्न आ रहा है कि वो अब अपना पैसा किस प्रकार से प्राप्त कर सकेंगे। दरअसल साल 2012 से ही देश सहारा इण्डिया परिवार में कलह का दौर चल रहा है। इस वजह से सेबी (Securities and Exchange Board of India) ने भी सहारा परिवार की तरफ से जारी सेविंग पॉलिसियों पर अपना शिकंजा कड़ा किया है। इस समय सहारा इण्डिया चिटफण्ड अपने निवेशकों के पैसे को रिटर्न ना करने सम्बन्धी आरोपों से घिर रही है।
इस केस के कारण ही सहारा श्री सुब्रत रॉय को 1 साल से ज्यादा की जेल हो चुकी है। अप्रैल 2020 में सहारा इण्डिया की तरफ से निवेशकों का पैसा रिटर्न करने की बात कही गयी थी। इसके बाद से ही देश के कुछ शहरों में अप्रैल महीने में पैसे की अदायगी के होर्डिंग्स भी लगे थे।
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सहारा इण्डिया से कब पैसा मिलेगा
सहारा इण्डिया परिवार (Sahara India) में करोडो निवेशकों का पैसा निवेश हुआ है। किन्तु अब ऐसे हालात हो चुके है कि इन सभी का पैसा लगभग डूब ही चुका है। अब लोगों में यह माँग उठने लगी है कि उनका पैसा सहारा कंपनी द्वारा लौटाया जाए। कंपनी का 24,000 करोड़ रुपए सेबी के पैसा जमा पड़ा है।
लेकिन किसी को भी कंपनी के पैसा लौटाने की सच्चाई का पता नहीं है। लेकिन ऐसी खबरे है कि बहुत शीघ्र ही सेबी की ओर से सहारा इण्डिया परिवार के निवेशकों का पैसा लौटाया जायेगा।
ध्यान रखें कि सहारा इण्डिया की ओर से भुगतान को लेकर कोई भी तारीख नहीं दी गयी है। सहारा परिवार लोगों को अगली तारीखे देता जा रहा है। ऐसा कहा जा रह है कि अगले महीने के बाद से ही खाता धारको को पैसे की अदायगी हो जाएगी। किन्तु कड़वी सच्चाई यह है कि अभी तक करीब 99 प्रतिशत निवेशकों को उनका पैसा नहीं मिला है।
पैसे के भुगतान न होने की वजह
अब सभी इस सवाल का जवाब ढूंढने में लगे है कि आखिर वो क्या वजह है जो निवेशकों को उनका पैसा नहीं मिल पा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि सहारा कंपनी का 25 हजार करोड़ से ज्यादा पैसा सेबी-सहारा अकाउंट में फंस चुका है। इन दोनों के निवेशकों को पैसा ना देने के कारण ही कंपनी को अपना पैसा नहीं मिल पा रहा है।
- सहारा इण्डिया का हजारों करोड़ सेबी-सहारा अकाउंट में – पुरे उत्तर भारत में सहारा इण्डिया परिवार से विभिन्न सेविंग स्कीम्स (चिटफण्ड कंपनी) को चलाया जा रहा है। ये कंपनी निवेशकों से पैसा तो ले रही है लेकिन पॉलिसी के परिपक्व होने के बाद भी उन लोगों को पैसा नहीं लौटा रही है। अब सहारा इण्डिया परिवार की ओर से चिटफण्ड कंपनी के करीबन 25,000 करोड़ रुपए सेबी-सहारा के अकाउंट में फ्रीज़ है। किन्तु निवेशकों को नहीं सेबी और न ही सहारा पैसे की अदायगी कर रहा है।
- लोगों को कोरोना महामारी जैसे आपात समय में पैसा नहीं दिया गया। इनमें से बहुत से लोगों के परिवार के मुख्य सदस्य का भी देहांत हो चुका है। इसके बाद इन लोगों में बहुत हो-हल्ला, हड़ताल भी की लेकिन मामला सिफर ही रहा।
निवेशक अपना पैसा कैसे प्राप्त करें?
यदि निवेशक सहारा इण्डिया परिवार से अपना निवेश किया पैसा प्राप्त करना चाहते है तो सबसे पहले आपको सहारा इण्डिया के कार्यालय में ब्रांच मैनेजर से संपर्क करना है।
यदि वह आपको पैसा नहीं दे रहे है तो आप आगे की प्रक्रिया कर सकते है। आपको उपभोक्ता न्यायालय में जाकर मुकदमा दायर कर सकते है। आपसे थोड़ा सा जरुरी शुल्क लेकर मामला दायर कर लिया जायेगा।
सहारा इण्डिया परिवार ‘बैंक’ नहीं है
देश में बहुत बड़ी संख्या में ऐसे लोग है जो सहारा परिवार कंपनी को ‘सहारा बैंक’ कहते है। लेकिन यह पूरी तरह से गलत है। सचाई यह है कि सहारा कोई बैंक नहीं है, ना ही राष्ट्रीयकृत बैंक और ना ही निजी और सहकारी ग्रामीण बैंक।
असल में ये एक ‘विशुद्ध’ चिटफण्ड कंपनी है जो कि देशभर के विभिन्न राज्यों के अलग-अलग जिलों में ग्रामीण और शहरी स्तर पर बचत स्कीमों के अकाउंट खोलती है। और इसमें पैसा जमा करवाने के बाद पॉलिसी मैच्योर होने पर रिटर्न देती है।
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