रूस की ‘ब्लैक डॉल्फिन’ जेल: जहां खतरनाक अपराधियों के लिए मौत ही है आजादी

जब हम दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों की बात करते हैं, तो रूस की एक जेल जिसका नाम ‘ब्लैक डॉल्फिन’ है, शायद सबसे ऊपर होगी। यहाँ, सुरक्षा के अत्याधिक कड़े इंतजाम हैं, और यह जेल दुनिया के सबसे खतरनाक अपराधियों का घर है। बताया जाता है कि यह रूस की सबसे पुरानी जेलों में से एक है और इसकी चर्चा अक्सर खूंखार कैदियों के लिए होती है।

‘ब्लैक डॉल्फिन’ में कैद हैं करीब 700 कैदी

‘मिरर’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘ब्लैक डॉल्फिन’ में करीब 700 कैदी हैं, जिनमें सीरियल किलर्स, नरभक्षी, और हत्यारे शामिल हैं। इन कैदियों ने कुल मिलाकर लगभग 3,500 हत्याएं की गई हैं। यहां रहने वाले हर कैदी ने औसतन पांच लोगों की जान ली है। इस जेल में निकोलाई अस्तानकोव जैसे कैदी भी हैं, जो एक पूरे परिवार की हत्या और उनके शवों को जलाने के जुर्म में आजीवन कारावास काट रहे हैं।

सुरक्षा के इंतजाम हैं पुख्ता

कैदियों पर 24 घंटे नजर रखी जाती है, और केवल विशेष प्रशिक्षित गार्ड्स ही यहाँ काम करते हैं। अगर कैदियों को कभी भी इमरजेंसी के लिए अपने सेल से बाहर जाने की अनुमति दी जाती है, तो उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी जाती है। इस जेल के भीतर, व्लादिमीर निकोलायेव जैसे कुख्यात कैदी भी हैं, जिन्होंने दो लोगों को मारकर उनका मांस खाया था।

रूस के साइबेरियाई शहर ओरेनबर्ग के पास स्थित इस जेल में भागने का कोई रास्ता नहीं है। इसकी दीवारें बहुत मोटी और उंची हैं, और यहाँ के सुरक्षा उपायों को देखते हुए भागना लगभग असंभव है। यहां की जीवनशैली इतनी कठिन है कि कैदियों को उनकी मौत ही असली आजादी लगती है।

यदि आप ‘ब्लैक डॉल्फिन’ के बारे में और जानना चाहते हैं तो ‘डेली मेल’ और ‘द सन’ जैसे समाचार स्रोतों पर इसके बारे में पढ़ सकते हैं। यह जेल और इसकी कहानियाँ हमें याद दिलाती हैं कि कैसे अत्याधिक सुरक्षा और कठोरता किसी भी समाज में सबसे खतरनाक अपराधियों को संभालने के लिए जरूरी हो सकती है। यह समझाता है कि क्यों कुछ जेलें सिर्फ बंदियों को रोकने के लिए नहीं बल्कि समाज को उनसे बचाने के लिए भी बनाई जाती हैं।

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