रूस ने मार्क जुकलबर्ग की कंपनी मेटा को आतंकवादी और अतिवादी संघठन घोषित कर दिया है। इंस्टाग्राम एवं फेसबुक के लिए मेटा (Meta) कंपनी पेरेंट है। मंगलवार के दिन मॉस्को (Moscow) में एक अदालत ने सोशल मिडिया प्लेटफार्म के ऊपर चरमपंथी गतिविधियों का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि इन्होने यूक्रेन में सोशल मिडिया उपयोगकर्ताओं को रूसियों के विरुद्ध हिंसा को बढ़ावा देने वाली चीजों को पोस्ट करने की अनुमति दे रखी है। प्रतिबन्ध के बाद इंस्टाग्राम फेसबुक अब रूस में बंद होंगे।
फेसबुक और इंस्टाग्राम मार्च में ही प्रतिबन्ध
पिछले साल के मार्च में ही रूस ने फेसबुक और इंस्टाग्राम को प्रतिबंधित कर दिया था। फेडरल सर्विस फॉर फाइनेन्सियल मॉनिटरिंग (रोसफिनमॉनिटरिंग) के डेटाबेस के मुताबिक, ‘रूस ने मंगलवार को इन सोशल मिडिया प्लेटफार्म (इसमें ट्वीटर भी है) पर यह कार्यवाही की है।
रूस ने यूक्रेन के शहरों पर बमबारी की
रूस ने क्रीमिया पुल पर किये गए धमाके को आतंकी कदम घोषित किया था। इसके बाद यूक्रेन पर बमों की बारिश कर दी। लेकिन इन धमाकों को करने के बाद यूक्रेन ने रूस को आतंकी देश कहा था। सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने भी यूक्रेन में मिसाइल हमला करने की लिए रूस की आलोचना की है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हमलो को यूक्रेन द्वारा मॉस्को के बलों के हटाने की कार्यवाही बताया है। वे यूक्रेन की कार्यवाही को आतंकी बता रहे है।
फेसबुक में पहली बार छटनी के आसार
बहुत समय तक यह कंपनी रिकॉर्ड वृद्धि देने में सफल रही है और अपने निवेशकों को भी अच्छा रिटर्न दिया है। परन्तु इस वर्ष कंपनी की तिमाही रिपोर्ट भी अच्छी नहीं आयी है। अब हालात ऐसे है कि फेसबुक में पहली बार छटनी भी होने जा रही है। इसके संकेत खुद मार्क जुकलबर्ग (Mark Zuckerberg) दे रहे है। मई के महीने में ही कंपनी इंजीनियर्स और डेटा सइंटीस्टो की भर्ती को बंद कर चुकी है। जुलाई में ही जुकलबर्ग ने बता दिया था कि उनके लिए आने वाले 18 से 24 महीने काफी चुनौतीपूर्ण होने वाले है।
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युद्ध के बीच अमेरिका की परमाणु युद्ध की तैयारी
इसी साल के मई महीने में जुकलबर्ग ने उन 963 प्रमुख अमेरिकियों को सूची में शामिल किया था जिनको रूस ने प्रतिबंधित किया है। इस सूची में जो बाइडन का नाम भी है। रूस ने यह कदम ऐसे समय पर लिया है जब एक दिन पहले ही यूक्रेन पर दनादन 75 मिसाइलें दागी है। इन हमलों में यूक्रेन की राजधानी कीव सहित बहुत से शहरो के नागरिक ठिकानों को भी निशाना बनाया है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार ऑफिस ने इन हमलों को “स्तब्धकारी” बताया।
हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी परमाणु हथियार के प्रयोग का खतरा बताया है। डोनाल्ड कहते है – “दुनिया में कुछ नहीं बचेगा और यह सब उन अहंकारी लोगो की वजह से होगा जिन्हे नहीं पता है कि वो क्या कर रहे है। रूस और यूक्रेन के युद्ध को शांति से रोकने के लिए बातचीत की जरुरत है, नहीं तो यह तीसरे विश्वयुद्ध के साथ ही खत्म होगा।”