कर्मचारी भविष्य निधि संघठन की तरफ से पेंशन योजना में महत्वपूर्ण फेरबदल किये गए है। इस परिवर्तन से करोडो कर्मचारियों को राहत मिलेगी। बात दरअसल यह है कि रिटायरमेंट बॉडी फण्ड की तरफ से 6 माह से कम टाइमपीरियड में रिटायर होने वाले कर्मचारियों होने वाले कर्मचारियों को कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS-95) के अंतर्गत जमा किये पैसे की निकासी की अनुमति मिल गयी है। अभी तक कर्मचारी के 6 महीने के पूर्ण पर ही पेंशन की निकासी के नियम है।
यह भी पढ़ें :- Contract Employees Regularization: दिवाली पर सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, 57 हजार से अधिक संविदा कर्मचारी होंगे नियमित
सरकार से CBT ने अपील की
इसको लेकर श्रम मंत्रालय ने बयान जारी किया है – “सरकार के समक्ष सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) ने सिफारिश रखकर 6 महीने से कम सेवा समयांतराल वालेमेंबर्स को अपने EPS अकाउंट से पैसे निकालने की सुविधा की डिमांड रखी है।” इस समय देश में करीबन साढ़े 6 करोड़ से अधिक EPFO सब्सक्राइबर्स है।
EPS-95 के अंतर्गत लाभार्थी कर्मचारियों को बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत भाग भविष्य निधि में जाता है। और लाभार्थी के नियोक्ता से 12 प्रतिशत भाग से भी 8.33 प्रतिशत हिस्सा कर्मचारी पेंशन स्कीम में शामिल होता है। इसके अतिरिक्त सरकार पेंशन कोश में 1.16 प्रतिशत हिस्से की भागीदारी करती है।
यह नीति भी मंजूरी हुई
खबर के मुताबिक श्रम मंत्रालय ने कहा है कि EPFO के न्यासी मण्डल की तरफ से एक्सचेंज ट्रेडेड फण्ड (ETF) इकाई में निवेश हेतु एक विमोचन पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। बोर्ड की ओर से साल 2022-23 में ब्याज दर की कैलकुलेशन हेतु इनकम में सम्मिलित होने वाले पूंजीगत लाभ की बुकिंग हेतु कैलेंडर साल 2018 के टाइमपीरियड में खरीदी हुई ETF इकाइयों के छुटकारे को भी मंजूरी दे दी है। साथ ही वित्तीय वर्ष 2021-22 में EPFO के कार्य पर आधारित 69वीं सालाना रिपोर्ट को भी स्वीकृत करवाने के लिए संसद में पेश किया जाना है।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय न्यासी बोर्ड, EPF की 232वीं मीटिंग में बोर्ड ने साल 2021-22 के लिए EPFO के कार्य पर 69वीं सालाना रिपोर्ट को स्वीकृति दी। बोर्ड की ओर से सरकार से कुछ संशोधनों की सिफारिश की गयी है, इसमें 34 सालों से ज्यादा समय से स्कीम में रहने वाले सदस्यों को अनुपातित पेंशन के लाभ देने की बात कही गयी है। ऐसे में “35 साल से कम” वर्ष वाले से “42 वर्ष से कम” वर्ष वाले ले लिए कारको को सम्मिलित करने की बात रखी है।
भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता ने मीटिंग
केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने मीटिंग में बताया कि वर्तमान में सेवानिवृति कोष निकाय, EPFO की पहुँच 6.5 करोड़ ग्राहकों तक ही है जिसको आने वाले समय में 10 करोड़ तक बढ़ाने की योजना है। साथ ही EPFO की सामाजिक सुरक्षा स्कीम्स में भी दायरे को बढ़ाया जाना है। इसके अतिरिक्त उन्होंने ईपीएफओ विज़न 2047 दस्तावेज को भी लॉन्च किया है। अब अपने केसो में कमी करना और कवरेज में वृद्धि EPFO के पहली जिम्मेवारी रहने वाली है। उनके अनुसार 29 श्रम कानूनों को चार विस्तृत संहिताओं में सम्मिलित किया गया है। ये कोड EPFO के साथ सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स के दायरे में वृद्धि लाते है।
अन्य फैसले को लेकर EPFO की अपील
EPFO की तरफ से उच्चतम न्यायालय में अपील की गयी है जिसमे केरल हाई कोर्ट के कर्मचारी पेंशन (संशोधन) स्कीम, 2014 को कैंसिल किया था। इस निर्णय में 15 हजार से ज्यादा सैलरी ने अनुपात में पेंशन को स्वीकृति दी थी। निर्णय में कहा गया था कि स्कीम में सम्मिलित होने के लिए कट-ऑफ तारीख नहीं हो सकती है। इसके बाद साल 2019 में केरल हाई कोर्ट के निर्णय को ईपीएफओ की चुनौती को खारिज किया गया था।
यह खबरे भी पढ़े :-
- Gold Price Today: सोने की कीमतों में काफी समय बाद देखने को मिली गिरावट, चेक करें मार्केट में 10 ग्राम का भाव
- Winter Itching Problems: सर्दी में ड्राइनेस के कारण हो रही है शरीर में खुजली, तो जानें क्या करें
- हनीमून पर ट्राई करें ये 5 ट्रेंडी नेल एक्सटेंशन, बढ़ेगी हाथों की खूबसूरती
- Special ID Card: सरकारी दिला रही है मजदूरों को स्पेशल आईडी कार्ड, इससे मिलेंगे सभी सरकारी योजनाओं का लाभ
- PM Mahila Kisan Drone Center: पीएम मोदी ने महिला किसान ड्रोन केंद्र का किया उद्घाटन, जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाने का प्लान