Relationship Tips: ये संकेत दर्शाते है कि इमोशनली कितना सेफ है?

रिलेशनशिप के मामले में बहुत बार लोगों को अपने इमोशन साझा करने में बहुत कठिनाई होती है। इसी कारण से आपसी रिश्तों (Relationship) में डिस्टेन्स बन जाती हैं। किन्तु अपने पार्टनर के बीच में एक सेफ बांड होने पर अपने इमोशन को आजादी के साथ शेयर करने में आसानी होती हैं।

एक रिलेशनशिप को मजबूती देने में केवल बहुत सा प्यार ही काफी नहीं रहता बल्कि अन्य बहुत सी चीजें भी चाहिए होती है। अपने रिश्ते के भावनात्मक रूप से मजबूती जानने भी जरूरी होता है। रिलेशनशिप में जरूरी होता है कि दोनों (couplecoupleअपनी भावनाओ जैसे गुस्सा, दर्द, उम्मीदे, लव प्रदर्शित करें।

इन्ही चीजों से एक रिलेशनशिप स्ट्रॉन्ग बन जाता है किन्तु इसमें पार्टनर दूसरे की बात सुनकर समझने वाला भी होना चाहिए। हर समय कंफ्यूज रहना और अपनी फीलिंग को एक्सप्रेस न कर पाना किसी भी रिलेशनशिप को ख़त्म कर सकता है। ऐसे रिश्तों की उम्र काफी कम होती है और ये काफी जल्दी टूटते भी हैं।

रिलेशनशिप में भावनाओं का संवाद का महत्त्व

रिलेशनशिप में अक्सर लोगों को अपनी भावनाएं व्यक्त करने में कठिनाई होती है जिसके कारण रिश्तों में दूरी आ जाती है। हालांकि, अपने और पार्टनर के बीच एक सुरक्षित बंधन विकसित करने से आपकी भावनाओं को खुलकर साझा करने में सहायता मिलती है।

रिलेशनशिप के इमोशनली सेफ होने के संकेत

ऐसे कुछ संकेत भी जान लें जोकि रिलेशनशिप के इमोशनली सेफ होने के बारे में जानकारी देते है –

सेंसिटिव होना : इस मामले में आप दोनों के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर खुलकर बाते होती हैं और एक-दूसरे को सेफ महसूस करवाने कोशिशे रहती हैं। यही इमोशनली सेफ रिलेशनशिप का एक संकेत भी है। दोनों आपस में सेफ महसूस कराते हैं और निडर होकर अपनी बाते एक-दूसरे के सामने रखते हैं।

इमोशंस दिखाना : आपस में इमोशन शेयर करना और अभिव्यक्त करने से आपसी बांड बेहतर होता है। इस तरह से दोनों के बीच एक-दूसरे की बेहतर समझ पनपती हैं। रिश्तो में भावनाओं को जताना कठिन हो सकता है किन्तु इन्हे छिपाना नुक्सान देता है। अपनी भावनाओं को पार्टनर से शेयर करने पर जानने का मौका मिलेगा कि यह रिलेशनशिप भी ग्रो हो रहा है।

स्पष्टता रखना : रिलेशनशिप में स्पष्टता और फ्यूचर के लिए स्पष्ट काफी जरूरी है और ऐसे बेवजह के कंफ्यूजन से बचाव होता है। दोनों के बीच में स्पष्टता होना नितांत आवश्यक है। यह भी जरूरी है कि दोनों ही अपने भविष्य को लेकर भी स्पष्ट हो। ऐसे कोई भी कंफ्यूजन नहीं रहता और ये रिलेशनशिप आगे बढ़ता ही है।

बाउंड्रीज सेट करना : आपस में सही स्पेस देकर प्राइवेट पलो को रेस्पेक्ट करना एक हेल्दी रिलेशनशिप तैयार करता है। रिलेशनशिप में अपने लिए स्पेस रखने की काफी जरूरी होती है। जो रिलेशनशिप मे एक-दूसरे के लिए स्पेस देते हैं उनका रिलेशनशिप हेल्दी रहेगा। ये जरूरी है कि आपस में थोड़ा फ्री टाइम भी दें।

आशावान होना : एक स्थिर और समझपूर्ण बर्ताव ही रिलेशनशिप में उम्मीदे बनाता है। रिलेशनशिप में स्थिरता आने से दोनों का बर्ताव स्थिर होता है तो इससे आप लोग एक दूसरे से उम्मीदें लगाते हैं। किन्तु जो रिलेशनशिप स्थिर नहीं होते उसमें दोनों को एक-दूसरे से कोई खास उम्मीद नहीं रह जाती है।

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किसी भी कपल के रिलेशनशिप में अपनी भावनाओं की सही प्रकार से शेयर करना और समझदारी से ही लॉन्ग टर्म और अच्छा महसूस करवाने वाले रिश्ते (couple Relationship) बनने की संभवनाए होती है।

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