रोज़गार को लेकर भारत में अच्छी खबर आ रही है जोकि भविष्य के लिए भी अच्छी हो सकती है। दरअसल केंद्रीय बैंक आरबीआई (Reserve Bank of India) ने इस वर्ष के लिए एक ताज़ा रिपोर्ट शेयर की है जिसके अनुसार इस वर्ष सितम्बर माह में देश की बेरोज़गार दर 8.1% से कम होकर 7.1 रह गई है। अच्छी बात ये है कि गाँव एवं शहर दोनों में बेरोज़गारी दर में कमी हुई है।
देश की आर्थिक पॉलिसी में परिवर्तन होने का प्रभाव अन्य क्षेत्रो के साथ रोज़गार पर भी दिखने लगा है और भविष्य में बेरोज़गारी की दर में और कमी आने के भी अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष मनरेगा स्कीम के श्रमिकों की संख्या भी 1.5 करोड़ रही।
RBI रिपोर्ट के मुख्य बिंदु :-
- साल 2020 के बाद इस सितम्बर में रोज़गार की स्थिति बेहतर दिखी है।
- इस साल बीते 10 माह में PMI भी 50 से अधिक गया है।
- मनरेगा स्कीम में काम मांगने वालो में कमी आई है।
2020 के अब रोज़गार की अच्छी स्थिति
आरबीआई की इस रिपोर्ट के अनुसार ऑर्गनाइस सेक्टर में साल 2020 के सितम्बर महीने के बाद इस समय में रोज़गार की दशा सबसे अच्छी देखने को मिल रही है। इसका असर ये हुआ है कि मनरेगा जैसी सरकारी रोज़गार स्कीम में कार्य चाहने वालो की संख्या कम हुई है। रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष के जून माह में मनरेगा (MGNREGA) स्कीम में काम चाहने वालो की संख्या 3 करोड़ से ज्यादा थी।
मनरेगा स्कीम में कामगार कम हुए
अब इस माह के आने पर मनरेगा स्कीम में कामगारों की संख्या कम होकर 1.75 करोड़ ही रह गई है। दरअसल अधिक बेरोज़गारी की दशा में मनरेगा स्कीम में अंतर्गत कार्य की माँग करने वालो की संख्या में इजाफा होता है। इस वर्ष ही सितम्बर माह में गाँव की बेरोज़गार दर 6.2% तक पहुँची थी। शहर में बेरोज़गारी दर सितम्बर माह में 8.9% थी जिसमे लगातार कमी हो रही है।
10 माह में PMI के अच्छे रिकॉर्ड मिले
रिपोर्ट कहती है कि डोमेस्टिक डिमांड में निरंतर मजबूती आने से बीते 10 माह में रोज़गार का परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स(PMI) भी 50 से अधिक गया है। इंडेक्स को प्रत्येक माह में जारी करते है और इसका 50 से अधिक होने का अर्थ है कि रोज़गार की स्थिति अच्छी है। सेवा क्षेत्र में भी रोज़गार का PMI इंडेक्स बीते 7 माह से 50 से अधिक जा रहा है।
EPFO में नए कर्मचारी जुड़े है
एक अन्य डेटा भी रोज़गार की अच्छी स्थिति को दर्शा रहा है। EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संघठन) के डेटा को देखे तो इस चालू वित्त साल में करीबन प्रत्येक माह में 10 लाख से ज्यादा नए कर्मचारी EPFO में रजिस्टर्ड हुए है।
अगस्त माह में पहला मौका था जब 9.26 लाख नए कर्मचारी EPFO में शामिल हुए है। इसी वर्ष जून में 10.39 लाख ने नयी जॉब पाई है तो जुलाई में 10.27 लाख नए लोग ईपीएफओ में नामांकित हुए।
रोज़गार बेहतर दशा में है
आर्थिक मामलो के जानकारों के अनुसार डोमेस्टिक लेवल हर प्रत्येक सेक्टर में डिमांड आई है। अच्छी बात ये है कि इसके आगे भी जारी रहने के पूरे अनुमान है। इस प्रकार से रोज़गार की दशा काफी अच्छी हो सकती है। RBI की इस रिपोर्ट के अनुसार इसी वर्ष के सितम्बर माह में सर्वाधिक 9 करोड़ से ज्यादा ईवे बिल भी।
बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष टोल टैक्स में 20 फ़ीसदी वृद्धि और वाहन सेक्टर में 4.4% खरीद बढ़ी है। इस वर्ष मानसून महीने में कम वर्ष होने और जुलाई-अगस्त में रिटेल महँगाई की दर में बढ़ोत्तरी के बाद भी फ़ास्ट मूविंग उपभोक्ता वस्तु (FMCG) में भी 4.9% की वृद्धि हुई है। इसी प्रकार से पेट्रोलियम प्रोडक्ट में भी इस वर्ष 7.6% वृद्धि हुई है।