PM Kisan: वित्त मंत्री ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए की बड़ी घोषणा, सुनकर आप भी खुशी से उछाल पड़ेंगे

PM Kisan Credit Card: केंद्र सरकार देश के किसानों की आय में वृद्धि के लिए कई प्रयास करती रहती है, जिसमे पीएम किसान सम्मान निधि योजना भी किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए शुरू की गई एक बेहद ही प्रभावी योजना है।

इस योजना के तहत सरकार देश के लघु एवं सीमांत किसानों को हर वर्ष 6000 रूपये की वित्तीय सहायता राशि, तीन किस्तों में 2000 रूपये के रूप में जारी करती है, जिसके साथ अब योजना का लाभ ले रहे किसानों को आसानी से लोन की सुविधा प्राप्त हो सके इसके लिए सरकार ने पीएम किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ किसानों को देना शुरू कर दिया है।

पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के मकसद से बैंकों को एक और निर्देश दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों से किसानों की आमदनी बढ़ाने मकसद से किसान क्रेडिट (KCC) धारकों को कर्ज देने के लिए कहा है।

वित्तमंत्री ने रूरल बैंकों की मदद के लिए कहा

बता दें पीएम किसान क्रेडिट कार्ड को लेकर पिछले दिनों एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारीयों (सीईओ) के साथ शिरकत की थी। इस बैठक में वित्तमंत्री ने तकनीक को उन्नत बनाने में रीजनल रूरल बैंकों की मदद करने को भी कहा था।

इस बैठक के बाद मत्सय पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा की वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना का रिव्यू किया और इस बात पर विचार किया की कैसे सस्थागत ऋण इस क्षेत्र को उपलब्ध कराया जा सकता है। वित्त राजयमंत्री भगवत के कराड ने कहा था की बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री ने की और मछली पकड़ने और डेयरी क्षेत्र में लगे सभी लोगों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने पर चर्चा की गई।

कृषि ऋण में ग्रामीण बैंक की महत्त्वपूर्ण भूमिका

कृषि ऋण को लेकर वित्त मंत्री ने कहा की ‘एक अन्य सत्र में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों पर यह निर्णय किया गया की प्रयोजना बैंकों को उन्हें डिजिटलीकरण और प्रौधोगिकी सुधार में मदद करनी चाहिए। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की कृषि ऋण में महत्त्वपूर्ण भूमिका है, इसके प्रायोजक बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSB) और राज्य सरकारें हैं।

इसे लेकर सूत्रों ने बताया की देश में कुल 43 आरबीआई हैं। इनमे से एक-तिहाई, विशेषकर पूर्वोत्तर और पूर्वी क्षेत्रों के आरबीआई घाटे में चल रहे हैं और इन्हे 9 फीसदी की नियामकीय पूंजी आवशयकता को पूरा करने के लिए कोष की जरुरत है। इन बैंकों का गठन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अधिनियम, 1976 के तहत हुआ है और इनका उद्देश्य छोटे किसानों, कृषि क्षेत्र के कामगारों और ग्रामीण इलाकों के कारीगरों को कर्ज और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है, जिससे इनकी आय में वृद्धि हो सकेगी और जीवन स्तर में सुधार हो सकेगा।

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