पीएफ पेंशन के नियम 2023: कितनी मिलेगी? फॉर्म कौन सा भरें? PF Pension Rules in Hindi

निजी कम्पनी में जॉब करने वाले कर्मचारी 10 वर्षो के टाइमपीरियड के बाद पेंशन (PF Pension) लेने के अधिकारी होते है। यदि कर्मचारी किसी एक ही कम्पनी में 10 वर्षो तक जॉब पूर्ण कर लेगा तो वह पेंशन पायेगा। किन्तु कई कंपनियों में 10 वर्षो तक काम करने पर भी कर्मचारी को सेवानिवृति के बाद पेंशन मिलती है।

जॉब छोड़ने के बाद मिलने वाली पेंशन इस बाद पर निर्भर करती है कि कर्मचारी के वेतन सी कितनी मात्रा में पीएफ की कटौती हो रही थी और उसके नौकरी के वर्ष कितने रहे है। इन सभी बातो के जवाब के लिए सभी लाभार्थी को पीएफ के नियमो को जान लेना चाहिए।

बेसिक सैलरी में से 12 फ़ीसदी कटेगा

नौकरी कर रहे पीएफ खाता धारक के मूल वेतन का 12 फ़ीसदी भाग काटकर ईपीएफ खाते में जमा करते है। इसके साथ ही इतना फ़ीसदी भाग भी नियोक्ता कंपनी के द्वारा अंशदान होता है। इसमें से 8.33 फ़ीसदी भाग अलग से पेंशन खाते में जमा करते है। अब शेष रह गया 3.67 फ़ीसदी भाग ही PF खाते में डाला जाता है।

ऐसे कर्मचारी के PF खाते में प्रत्येक माह में जोड़कर 15.67 फ़ीसदी पैसे जमा हो जाते है और कमर्चारी की पेंशन का भाग बनते है। सरकारी की ओर से इन्ही 8.33 फ़ीसदी के बदले में पेंशन राशि कमर्चारी को दी जाती है। इस प्रकार से जिस मात्रा में वेतन मिल रहा होता है उसी मात्रा में कर्मचारी पेंशन राशि पाता है।

पेंशन के लिए 10 वर्षो की नौकरी करनी होगी

यदि कर्मचारी किसी एक कम्पनी में ही अपनी जॉब के 10 वर्ष पूर्ण करता है या फिर विभिन्न कंपनियों में अपनी जॉब के 10 वर्षो को पूर्ण करता है। इसके बाद ही वह अपनी पेंशन (PF Pension) को पाने का हकदार होता है। इसी समय के बाद नौकरी छोड़ने पर कर्मचारी को पेंशन मिलने लगती है।

जिन कर्मचारियों की नौकरी 10 वर्षो से कम रह गई हो वे इस टाइमपीरियड को दूसरी जॉब से भी पूर्ण कर ले सकते है। यदि अब जॉब करने का प्लान नहीं है और कुल नौकरी के समय में 10 वर्ष से कम का समय हो पाया है तो पेंशन अकाउंट में से पैसे की निकासी कर सकते है।

प्रत्येक माह में न्यूनतम 1,000 रुपए पेंशन मिलेगी

किसी कर्मचारी का वेतन जितना ही रहा हो और उसके खाते में जितने कम धनराशि की रकम जमा हो रखी हो तो भी वह 1,000 रुपए प्रति माह की पेंशन तो पाएंगे। यदि वेतन अच्छा रहा हो तो इससे ज्यादा पेंशन राशि भी मिल सकती है। यह कितना अधिक हो ये इस पर भी तय होता है कि कर्मचारी का वेतन कितना है और इसमें से कितना अधिक पीएफ जा रहा है।

कई नौकरी से 10 वर्ष पूर्ण कर सकते है

जिन भी कमर्चारियों ने अपनी जॉब के 10 वर्ष पूर्ण नहीं किये हो वे अपनी इच्छा से पेंशन योजना प्रमाण-पत्र का चुनाव कर सकते है। इस प्रकार से जिस समय पर भी कमर्चारी अगली जॉब की शुरुआत करता है तो इससे पिछली जॉब का टाइमपीरियड उसके टोटल जॉब पीरियड में ही जुड़ जाता है

अगर कर्मचारी की पिछली जॉब और वर्तमान जॉब का टाइमपीरियड को जोड़कर कुल 10 वर्षो का समय पूर्ण हो जाता है तो वह इस पीएफ पेंशन योजना का लाभार्थी बनने का अधिकारी होगा।

इन फॉर्म को भरना होगा

फॉर्म 19

इस फॉर्म को PF का क्लेम फॉर्म भी कहते है और पीएफ खाते की पूरी राशि की निकासी में इस फॉर्म को भरते है। सेवानिवृति के बाद अथवा 2 माह तक बेरोज़गार रहने पर पीएफ की पूर्ण राशि निकाल सकते है।

फॉर्म 31

कर्मचारी जॉब करते हुए भी कुछ राशि पीएफ खाते से निकाल सकता है। पीएफ खाते से कुछ पैसे अथवा एडवांस राशि की निकासी में ये फॉर्म भरना होगा।

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50 साल आयु होने पर कम पेंशन ले सकेंगे

कमर्चारी चाहे तो 50 वर्ष आयु होने पर कम पेंशन के ऑप्शन को भी ले सकता है। इस तरह से 58 साल आयु पूर्ण होने पर जितने वर्ष आयु कम होती है उतने ही सालो के लिए 4 फ़ीसदी की दर से कमी करने के बाद पेंशन की राशि कर्मचारी को मिलेगी।

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