बिहार में हुई जातिगत जनगणना को लेकर राष्ट्रव्यापी सियासत गरमाई हुई है। हाल ही में अपनी छत्तीसगढ़ दौरे में पीएम नरेंद्र मोदी भी विरोधी दलों को तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोपी बताया। अब बिहार में अलग-अलग जातियों के नेता अपने लोग की जातियों की कम संख्या को बताने के आरोप भी लगा रहे है।
अपनी जाति की संख्या को कम बताने का आरोप लगाकर चंद्रवंशी समाज (कहार, कमकर) से जुड़े लोगो ने भी सोमवार को बीजेपी एमएलसी डॉ प्रमोद चन्द्रवंशी के नेतृत्व में धरना देने की बात कही है।
तेली समाज की संख्या गड़बड़ है – सांसद पिंटू
राज्य में तेली समाज में एकता लाने का दावा करने वाले JDU पार्टी के नेता सुनील कुमार पिंटू (Sunil Kumar Pintu) के अनुसार उनके समाज के लोगो को लग रहा है रिपोर्ट सही नहीं है। तेली जाति के लोगो की संख्या में काफी अनियमितता है और मं तेली-साहू समाज का संयोजक होने के नाते सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से इसको लेकर जाँच की माँग करूँगा।
रालोजद की रैली होगी
भूतपूर्व कैबिनेट मिनिस्टर एवं RLD अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने चन्द्रवंशी, बहेलिया एवं दूसरी जातियों को लेकर कहा है कि रिपोर्ट के अनुसार इन लोगो की संख्या में काफी कमी आयी है। वे सरकार के इन आंकड़ों को नकारते है और चुप भी नहीं बैठने वाले है। उनके मुताबिक़ 11 अक्टूबर को प्रदेश के सभी जनपद मुख्यालयों में धरने करके 14 अक्टूबर को राजभवन तक रैली करेंगे।
एक दर्जन से अधिक जातियाँ सड़क पर
इस समय राजनीति के जानकार कह रहे है कि भविष्य में सड़क से सदन तक लगभग डेढ़ दर्जन जातियों के लोग अपनी बात रखने वाले है। इन सभी लोगो के पास प्रमाणिकता एवं तार्कित पक्ष है और इस तरह से ये मामला ज्यादा उलझने वाला है। रिपोर्ट में जातियों की कुल संख्या 215 है और इसी को लेकर राज्य में राजनीति जोरो पर है।
चिराग पासवान तठस्थ से जाँच हो
चिराग पासवान (Chirag Paswan) के अनुसार ये जातिगत जनगणना एकदम ही हेराफेरी का मामला है। यदि प्रदेश सरकार आबादी के अनुसार निर्धन, पिछले एवं एससी-एसटी वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाएँ बनाने को इच्छुक है तो वे तठस्थ एजेन्सी से गणना करवाए।
इस रिपोर्ट में उन जातियों की संख्या अधिक है जोकि सत्ताधारी महागठबन्धन की पार्टियों के निकट है। यद्यपि आम जनता शिकायत कर रही है कि इन लोगो ने उनसे कोई संपर्क ही नहीं किया। एक बड़ी जनसंख्या की आर्थिक स्थिति जानने के काम के लिए प्रयोग हुई प्रक्रिया भी संदेहपूर्ण लगती है।
देशभर में जनगणना करवा लें – तेजस्वी यादव
जाति की संख्या में गड़बड़ी को लेकर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के मुताबिक़ ये जाति आधारित जनगणना किसी समाज विशेष के विरुद्ध नहीं है। बिहार ऐसा प्रदेश है जिसके पास सभी नागरिको की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति की रिपोर्ट है।
यह योजनाओ को बनाने एवं आपसी भेद को कम करने का काम करेगी। तेजस्वी गड़बड़ी की बात का जवाब देते हुए कहते है कि बीजेपी समर्थित जिस भी पार्टी को इस जातिगणना में त्रुटि दिखती है तो वो प्रधानमन्त्री से कहकर देशभर की जनगणना करवा सके है।

सुप्रीम कोर्ट ने गणना पर रोक से इंकार किया
सुप्रीम कोर्ट में जातिगत जनगणना पर रोक के लिए याचियका भी दायर की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई के बाद गणना पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है। कोर्ट के अनुसार इसको लेकर विस्तृत रूप से सुनवाई की भी आवश्यकता है और जातीय सर्वे को लेकर सभी पहलुओ पर चिंतन करना होगा।
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बिहार में ईबीसी की संख्या सबसे अधिक
बिहार जो जातीय जनगणना में राज्य की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ है जिसमे से 37 फ़ीसदी EBC है, फिर OBC वर्ग 27.13 फ़ीसदी और एससी 19 फ़ीसदी है। राज्य में अल्पसंख्यक वर्ग के लोगो की जनसंख्या 17.70 फ़ीसदी है। इस रिपोर्ट में यादव समुदाय को 14 फ़ीसदी आबादी के साथ राज्य का सबसे बड़ा वर्ग बताया है।