उत्तराखंड में भी ‘टोमैटो फ्लू’ का प्रकोप! बच्चों को है सबसे ज्यादा खतरा, जानिए लक्षण और बचाव

यद्यपि टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) का खतरा बच्चों में ज्यादा होता है। लेकिन इसके प्रकोप को ठीक प्रकार से नियंत्रित ना करने पर यह अधिक उम्र के लोगों को भी अपनी चपेट में ले सकता है। पिछले दिनों ही ‘द लांसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन’ मैगजीन में छपे एक शोध में यही चेतावनी दी गयी है। उत्तराखंड शासन की ओर से बच्चों में फैलने वाले हैंड फुट माउथ डिज़ीज़ (HMDF) यानी टोमेटो फ्लू से बचाने के गाइडलाइन दिए है। प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को इसके विषय में पत्र भेज दिया है।

Tomato Flu के लक्षण पहचाने
इस पत्र में डॉ. राजेश कुमार (Dr. Rajesh Kumar) ने बताया है कि यह संक्रमण खाँसने, छींकने से प्रसारित होता है। इस फ्लू से संक्रमित व्यक्ति के पास के बाद थूक और लार के माध्यम से इसका वायरस फैल जाता है। इससे संक्रमित बच्चे को बुखार, बदन दर्द, मचली, भूख न लगना, गला सुजना, दस्त, जोड़ो की सूजन इत्यादि परेशानी होने लगती है। इसके साथ ही एक से दो दिन बाद मसूड़े, चेहरे, जीभ, हाथ एवं पंजे में चकत्ते पड़ जाते है।
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उपचार की जानकारी
डॉ आर राजेश ने जानकारी दी कि यह मामूली से रोग की भांति परिलक्षित होता है। सामान्य लक्षणों के साथ अपने आप ही ठीक हो जाने वाली बीमारी है। यदि थोड़ी सा परहेज़ रखा जाए तो इस बीमारी को काबू में रखा जा सकता है। इसके लक्षण दिखने पर अपने शरीर को हइड्रेड रखे। प्रचुर मात्रा में पानी और तरल पदार्थ लेने की जरुरत है। अपने भोजन में हरी सब्जियों, फल, प्रोटीन, विटामिन आदि को समाविष्ट करने वाले पदार्थ अवश्य लें। बुखार और दर्द की पीड़ा को नियंत्रित करने के लिए ‘पेरासिटामॉल’ टैबलेट लें।
रिपोर्ट में कम उम्र के बच्चों को अधिक खतरा
लॉरेन्स की रिपोर्ट के अनुसार सबसे पहले टोमेटो बुखार की पहचान 6 मई को केरल के कोल्लम जनपद में हुई थी। प्रदेश सरकार की हॉस्पिटल रिपोर्ट्स के मुताबिक 26 जुलाई तक 82 पाँच साल से छोटे बच्चों में इस फ्लू के संक्रमण का पता चला है। टोमैटो फ्लू के मरीज़ों में सबसे अधिक संख्या 6 से 10 साल के बच्चों की है। 17 अगस्त को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक – बच्चो में इस फ्लू का अधिक खतरा देखा जाता है।
चूँकि इस उम्र के बच्चों में वायरल संक्रमण का खतरा आम सी बात होती है। कम उम्र के बच्चों को नैपी के इस्तेमाल, गन्दी सतह छूने और सामान मुँह में डालने से फ्लू का खतरा बढ़ जाता है।
डॉक्टर्स का परामर्श जरुरी
विशेषज्ञ सलाह दे रहे है की टोमैटो बुखार से घबराये नहीं, डॉक्टर्स से परामर्श लेने के बाद इलाज़ एवं दवाइयाँ लेने से इस बीमारी को कण्ट्रोल किया जा सकता है। त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एन के वर्मा के अनुसार टोमैटो बुखार हैंड माउथ डिसीज़ है जोकि कॉकसेक ए वायरस नाम के वायरस से होती है। इस बीमारी के लक्षण बहुत धीमे होते है जैसे हाथ, पैर और मुँह के अंदर छोटे लाल दाने उभारना।