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अनंतनाग में सेना ने आतंकियों को घेरा, जल्दी ही ऑपरेशन ख़त्म होने की खबर

Anantnag Encounter : कश्मीर के अनंतनाग की पहाडियों में छिपे आतंकियों को घेरा जा चुका है और उन पर खतरनाम ड्रोन नजर रखे हुए है। सेना के अधिकारीयों के अनुसार जल्द ही ये ऑपरेशन भी पूरा हो जायेगा।

कश्मीर के अनंतनाग (Anantnag) जिले में चौथे दिन भी सेना और आतंकियों के बीच गोलीबारी जारी है। इस समय सेना आतंकियों की अच्छे से घेराबन्दी कर चुकी है और उनके खात्मे के लिए रॉकेट लॉन्चर से हैवी फायरिंग कर रही है। ड्रोन के माध्यम से आतंकियों की सभी हरकते देखी जा रही है।

ये आतंकवादी एक पहाड़ी हिस्से में छिपे हुए है और इनको ख़त्म करने के लिए सुरक्षा बल हेलकॉप्टर और ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रहे है। कश्मीर के ADGP ने जानकारी दी है कि इस समय 2 से 3 आतंकवादी यहाँ छिपे हुए है और इन सभी को मारा जाएगा। सेना ने अपने ऑपरेशन में भारी गोलाबारी करके इनके छिपने के अड्डे को भी नष्ट कर दिया है।

सेना ने आतंकियों की घेराबन्दी कर ली

सेना ने आतंकियों के खात्मे के लिए कमाण्डो सहित स्निफर डॉग, ड्रोन एवं हेलीकाप्टर तक को लगा दिया है। यहाँ पर राकेट लॉन्चर को भी लगाया गया है। सेना के अधिकारीयों के अनुसार इन आतंकियों को 4 किमी के घेरे में घेरा गया है और किसी भी समय इनका एनकाउंटर हो सकता है।

सेना के अनुसार ये ऑपरेशन अब जल्दी ही समाप्त हो जायेगा चूँकि आतंकियों के गोली-बारूद ख़त्म होने वाले है। सेना ने इस तरह आने जाने वाले रास्तो पर भी पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगाया है। अधिकारियों का कहना है कि ये वो ही आतंकवादी है जिन्होंने 4 अगस्त के दिन कुलगाम के जंगलो में 3 जवानो पर हमला करके उन्हें शहीद किया था।

3 सालो में सबसे बड़ा आतंकी हमला

ये कश्मीर में बीते 3 वर्षों में सबसे बड़ा आतंकी हमला बताया जा रहा है। तीन साल पहले भी कश्मीर के हंदवाड़ा में 30 मार्च 2020 में हमला हुआ था जोकि 18 घंटे तक चला था और इसमें कर्नल, मेजर एवं सब-इंस्पेक्टर सहित 5 अधिकारी शहीद हो गए थे। इसी साल जनवरी में भी कश्मीर में ही 40 आतंकी और मरे थे जिनमे 8 स्थानीय एवं अन्य विदेशी थे।

ड्रोन से भागते दिख रहे आतंकी

अभी चल रहे ऑपरेशन के दौरान ड्रोन का एक वीडियो भी देखने मिला है जिसमे एक आतंकी भागते हुए दिख रहा है। जम्मू-कश्मीर के ADGP विजय कुमार ने बताया है कि इस अभियान को मिली खास जानकारी के अनुसार शुरू किया गया था जोकि अभी चल रहा है।

विजय कुमार ने एक्स पर पोस्ट किया है कि ‘यहाँ फसे 2 से 3 आतंकी को मार दिया गया है। सुरक्षा बल जंगल की ओर मोर्टार से गोलाबारी करते हुए हवाई निगरानी के लिए ड्रोन की मदद ले रहा है।’

खतरनाक ड्रोन की मदद ली जा रही है

आतंकियों की पहाड़ी को इस समय के खतरनाक ड्रोन के द्वारा निगरानी पर रखा गया है और यही पर सभी आतंकी पनाह लिए हुए है। हेरोन मार्क टू ड्रोन दूरी तक मिसाइल एवं हथियारों का हमला करने के सक्षम है और एक ही साथ 36 घंटो तक चीन और पाकिस्तान पर नजर रख सकता है।

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सेना का डॉग केन्ट भी शहीद हुआ

राजौरी में 12 सितम्बर में हुई मुठभेड़ में एक सुरक्षा बल का जवान शहीद हुआ था और 2 आतंकवादी मरे थे। इस जगह पर खोजबीन करते समय एक सेना के डॉग की मृत्यु भी हुई थी। इस डॉग ने अपने हैंडलर को बचाने के लिए अपनी जान गँवा दी थी। केन्ट नाम का ये डॉग सर्च ऑपरेशन के समय अपने हैंडलर से आगे चल रहा था तभी आतंकियों की गोली का शिकार हो गया।

अभी राजौरी का ऑपरेशन पूरा हो चुका है। इसके बाद उस जगह से 2 एके-47,7 मैगजीन, 2 बुलेट प्रूफ जैकेट एवं 3 दर्जन गोलियाँ मिली है। साथ ही पाकिस्तान में निर्मित दवाएँ भी मिली है।

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